सात दिन की समाप्ति पर आराधकों की धर्मसभा ने परस्पर विचार-विमर्श कर यह निश्चय किया कि पर्व सात दिन और मनाया जाए। अत: उन लोगों ने और सात दिन तक आनन्द-उल्लास से पर्व मनाया।
नहेम्याह 8:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दूसरे दिन समस्त इस्राएली पितृकुलों के मुखिया व्यवस्था-ग्रन्थ के वचनों का अध्ययन करने के लिए पुरोहितों और उपपुरोहितों के साथ शास्त्री एज्रा के पास आए। पवित्र बाइबल फिर महीने की दूसरी तारीख को सभी परिवारों के मुखिया, एज्रा, याजकों और लेवी वंशियो, से मिलने गये और व्यवस्था के विधान के वचनों को समझने के लिए सभी लोग शिक्षक एज्रा को घेर कर खड़े हो गये। Hindi Holy Bible और दूसरे दिन को भी समस्त प्रजा के पितरों के घराने के मुख्य मुख्य पुरुष और याजक और लेवीय लोग, एज्रा शास्त्री के पास व्यवस्था के वचन ध्यान से सुनने के लिये इकट्टे हुए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) दूसरे दिन भी समस्त प्रजा के पितरों के घराने के मुख्य मुख्य पुरुष और याजक और लेवीय लोग, एज्रा शास्त्री के पास व्यवस्था के वचन ध्यान से सुनने के लिये इकट्ठे हुए। सरल हिन्दी बाइबल इसके बाद दूसरे दिन सारी प्रजा के पितरों के प्रधान पुरोहित और लेवी व्यवस्था के ज्ञानी एज़्रा के सामने इकट्ठा हुए, कि यह मालूम कर सकें कि व्यवस्था के वचनों का मतलब क्या है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 दूसरे दिन भी समस्त प्रजा के पितरों के घराने के मुख्य-मुख्य पुरुष और याजक और लेवीय लोग, एज्रा शास्त्री के पास व्यवस्था के वचन ध्यान से सुनने के लिये इकट्ठे हुए। |
सात दिन की समाप्ति पर आराधकों की धर्मसभा ने परस्पर विचार-विमर्श कर यह निश्चय किया कि पर्व सात दिन और मनाया जाए। अत: उन लोगों ने और सात दिन तक आनन्द-उल्लास से पर्व मनाया।
अत: लोग घर लौट गए। उन्होंने खाया-पीया, और गरीब लोगों को भोजन खिलाया। यों उन्होंने बड़ा आनन्द मनाया; क्योंकि जो बात उनसे कही गई थी, उसको उन्होंने समझ लिया था।
वहाँ उन्हें व्यवस्था-ग्रन्थ में यह लिखा हुआ मिला : ‘प्रभु ने मूसा के द्वारा इस्राएली कौम को यह आज्ञा दी थी कि वे सातवें महीने के पर्व के अवसर पर मण्डपों में रहेंगे।
जो मनुष्य शिक्षा से प्रेम करता है, वह ज्ञान-प्रिय भी होता है; पर जो डांट-फटकार से घृणा करता है, वह पशु के समान नासमझ है।
तब शिष्यों ने एक दूसरे से कहा, “हमारे हृदय कितने उद्दीप्त हो रहे थे, जब वह मार्ग में हम से बातें कर रहे थे और हमें धर्मग्रन्थ समझा रहे थे!”
जब पौलुस और बरनबास सभागृह से निकल रहे थे, तो लोगों ने उन से निवेदन किया कि वे अगले विश्राम-दिवस को इसी विषय पर फिर बोलें।
पतरस और योहन लोगों से बोल ही रहे थे कि पुरोहित, मन्दिर-आरक्षी का नायक और सदूकी संप्रदायी उनके पास आ धमके।