अत: वे सामरी नगर के प्रवेश द्वार पर आए। उन्होंने द्वारपालों को पुकारा, ‘हम सीरियाई सेना के पड़ाव पर गए थे। वहां एक भी सैनिक नहीं है। हमने वहां किसी आदमी की आवाज भी नहीं सुनी। वहां केवल बन्धे हुए घोड़े और गधे हैं। तम्बू जैसे के तैसे खड़े हैं।’
नहेम्याह 12:45 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पुरोहित और उपपुरोहित परमेश्वर की आराधना सम्पन्न करते थे। वे शुद्धीकरण की विधि भी सम्पन्न करते थे। गायक और द्वारपाल भी दाऊद और उसके पुत्र सुलेमान के आदेश के अनुसार अपना-अपना नियत कार्य सम्पन्न करते थे। पवित्र बाइबल याजकों और लेवियों ने अपने परमेश्वर के लिये अपना कर्तव्य पालन किया था। उन्होंने वे समारोह किये थे जिनसे लोग पवित्र हुए। गायकों और द्वारपालों ने भी अपने हिस्से का काम किया। दाऊद और उस के पुत्र सुलैमान ने जो भी आज्ञाएँ दी थीं, उन्होंने सब कुछ वैसा ही किया था। Hindi Holy Bible इसलिये वे अपने परमेश्वर के काम और शुद्धता के विषय चौकसी करते रहे; और गवैये ओर द्वारपाल भी दाऊद और उसके पुत्र सुलैमान की आज्ञा के अनुसार वैसा ही करते रहे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये वे अपने परमेश्वर के काम और शुद्धता के विषय चौकसी करते रहे; और गवैये और द्वारपाल भी दाऊद और उसके पुत्र सुलैमान की आज्ञा के अनुसार वैसा ही करते रहे। सरल हिन्दी बाइबल इन सभी ने दावीद और उनके पुत्र शलोमोन द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार गायकों और द्वारपालों के साथ मिलकर अपने परमेश्वर की आराधना और शुद्ध करने की सेवा की. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए वे अपने परमेश्वर के काम और शुद्धता के विषय चौकसी करते रहे; और गवैये और द्वारपाल भी दाऊद और उसके पुत्र सुलैमान की आज्ञा के अनुसार वैसा ही करते रहे। |
अत: वे सामरी नगर के प्रवेश द्वार पर आए। उन्होंने द्वारपालों को पुकारा, ‘हम सीरियाई सेना के पड़ाव पर गए थे। वहां एक भी सैनिक नहीं है। हमने वहां किसी आदमी की आवाज भी नहीं सुनी। वहां केवल बन्धे हुए घोड़े और गधे हैं। तम्बू जैसे के तैसे खड़े हैं।’
‘अब ये मन्दिर में प्रभु की आराधना के लिए हारून के वंशजों−पुरोहितों−की सहायता करेंगे। ये भवन के आंगनों और कक्षों का दायित्व संभालेंगे। पवित्र पात्रों को धोएंगे। वस्तुत: ये परमेश्वर के भवन के सब सेवा-कार्य करेंगे।
शलोमोत और उसके भाई उस अर्पित कोषागार के अधिकारी थे, जिसको राजा दाऊद ने, पितृकुलों के नेताओं, सहस्र सैनिकों के नायकों, सौ सैनिकों के नायकों और सेनापतियों ने प्रभु को अर्पित किया था।
पुरोहितों और सेवा-कार्य करनेवाले उप-पुरोहितों के अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति प्रभु के भवन में प्रवेश न करने पाए! पुरोहित और उप-पुरोहित प्रभु की दृष्टि में पवित्र हैं, इसलिए वे उसके भवन में प्रवेश कर सकेंगे, किन्तु शेष सब लोग प्रभु के भवन के संबंध में नियमों का पालन करेंगे।