पर उसने केवल मोरदकय पर ही हाथ उठाना उचित न समझा। द्वारपालों ने मोरदकय के अन्य जाति-भाई-बन्धुओं के विषय में भी उसे बताया था, इसलिए वह सम्राट क्षयर्ष के समस्त साम्राज्य में बसे हुए मोरदकय के जाति-भाई-बन्धुओं को−सब यहूदियों को नष्ट करना चाहता था।
दानिय्येल 3:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पर उसी समय कुछ कसदी पंडित राजा नबूकदनेस्सर के पास गए, और उन्होंने यहूदियों के प्रति द्वेष के कारण राजा से उनकी चुगली खाई। पवित्र बाइबल इसके बाद, कुछ कसदी लोग राजा के पास आये। उन लोगों ने यहूदियों के विरोध में राजा के कान भरे। Hindi Holy Bible उसी समय कई एक कसदी पुरूष राजा के पास गए, और कपट से यहूदियों की चुगली खाई। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसी समय कई एक कसदी पुरुष राजा के पास गए, और कपट से यहूदियों की चुगली खाई। सरल हिन्दी बाइबल इसी समय कुछ ज्योतिषी आकर यहूदियों पर दोष लगाने लगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसी समय कई एक कसदी पुरुष राजा के पास गए, और कपट से यहूदियों की चुगली की। |
पर उसने केवल मोरदकय पर ही हाथ उठाना उचित न समझा। द्वारपालों ने मोरदकय के अन्य जाति-भाई-बन्धुओं के विषय में भी उसे बताया था, इसलिए वह सम्राट क्षयर्ष के समस्त साम्राज्य में बसे हुए मोरदकय के जाति-भाई-बन्धुओं को−सब यहूदियों को नष्ट करना चाहता था।
वे जवान होने चाहिए तथा उनमें किसी प्रकार का शारीरिक दोष न हो। वे देखने में सुन्दर हों और सब प्रकार से बुद्धिमान हों। वे ज्ञान से परिपूर्ण और विद्वान हों। वे राजभवन में सेवा करने के योग्य हों। जब वे बेबीलोन में आ जायें तब उन्हें कसदी कौम का साहित्य और भाषा सिखाना।’ मुख्य खोजा अशपनज ने राजा नबूकदनेस्सर के आदेश का पालन किया।
कसदी पंडितों ने राजा को उत्तर दिया, ‘महाराज, संसार में ऐसा कोई मनुष्य नहीं है जो आपकी बात को पूरा कर सके। किसी भी महान और शक्तिशाली सम्राट ने ज्योतिषियों, तांत्रिकों, और कसदी पंडितों से कभी ऐसी बात नहीं पूछी।
राजा नबूकदनेस्सर ने आदेश दिया कि ज्योतिषी, तांत्रिक, शकुन विचारनेवाले तथा कसदी पंडित बुलाए जाएं ताकि वे राजा को उसका स्वप्न बताएं। अत: वे आए और राजा के सम्मुख खड़े हो गए।
अत: विश्व की भिन्न-भिन्न कौमों, राष्ट्रों और भाषाओं के लोगों ने ऐसा ही किया। उन्होंने जिस क्षण नरसिंगे, बांसुरी, वीणा, सारंगी, सितार, शहनाई तथा अन्य सब प्रकार के वाद्ययंत्रों का स्वर सुना, वे तत्काल राजा नबूकदनेस्सर द्वारा स्थापित स्वर्ण-मूर्ति के सम्मुख गिरे, और यों उन्होंने मूर्ति के प्रति सम्मान प्रकट किया।
तब मेरे आदेश के अनुसार ज्योतिषी, तांत्रिक, शकुन विचारनेवाले और कसदी पंडित मेरे महल में आए। मैंने उन्हें अपना स्वप्न बताया, किन्तु वे उसका अर्थ मुझ पर प्रकट नहीं कर सके।
उन्होंने प्रशासन के सम्बन्ध में दानिएल के विरुद्ध शिकायत करने का आधार ढूंढ़ा, किन्तु उन्हें शिकायत का न तो कोई आधार मिला और न दानिएल का कोई भ्रष्ट कार्य। दानिएल एक ईमानदार प्रशासक था। अत: अध्यक्षों और क्षत्रपों को उनके कार्यों के सम्बन्ध में कोई भूल-चूक नहीं मिली।
किन्तु हम आप से आपके विचार सुनना चाहते हैं, क्योंकि हमें मालूम है कि इस पंथ का सर्वत्र विरोध हो रहा है।”