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दानिय्येल 11:33 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जो लोग समझदार हैं, वे जनता के अनेक लोगों को समझाएंगे। किन्‍तु अपने इस कार्य के लिए उन्‍हें शहीद होना पड़ेगा: वे तलवार से मौत के घाट उतारे जाएंगे; वे जलती हुई आग में फेंके जाएंगे; वे बन्‍दीगृह में डाले जाएंगे और उनकी धन-सम्‍पत्ति लूट ली जाएगी। यह कष्‍ट केवल कुछ दिनों के लिए होगा।

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पवित्र बाइबल

“वे यहूदी जो विवेकपूर्ण है जो कुछ घट रहा होगा, दूसरे यहूदियों को उसे समझने में सहायता देंगे। किन्तु जो विवेकपूर्ण होंगे, उन्हें तो मृत्यु दण्ड तक झेलना होगा। कुछ समय तक उनमें से कुछ यहूदियों को तलवार के घाट उतारा जायेगा और कुछ को आग में फेंक दिया जायेगा। अथवा बन्दी गृहों में डाल दिया जायेगा। उनमें से कुछ यहूदियों के घर बार और धन दौलत छीन लिये जायेंगे।

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Hindi Holy Bible

और लोगों को सिखाने वाले बुद्धिमान जन बहुतों को समझाएंगे, तौभी वे बहुत दिन तक तलवार से छिदकर और आग में जलकर, और बंधुए हो कर और लुटकर, बड़े दु:ख में पड़े रहेंगे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

लोगों के सिखानेवाले बुद्धिमान जन बहुतों को समझाएँगे, तौभी वे बहुत दिन तक तलवार से छिदकर और आग में जलकर, और बँधुए होकर और लुटकर, बड़े दु:ख में पड़े रहेंगे।

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सरल हिन्दी बाइबल

“वे जो बुद्धिमान हैं, बहुतों को समझाएंगे, हालांकि कुछ समय के लिये, वे तलवार से मारे जाएंगे या जला दिये जाएंगे या पकड़ लिये जाएंगे या लूट लिये जाएंगे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और लोगों को सिखानेवाले बुद्धिमान जन बहुतों को समझाएँगे, तो भी वे बहुत दिन तक तलवार से छिदकर और आग में जलकर, और बँधुए होकर और लुटकर, बड़े दुःख में पड़े रहेंगे।

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दानिय्येल 11:33
29 क्रॉस रेफरेंस  

इस अवधि में अनेक विश्‍वासी जन स्‍वयं को शुद्ध, निर्मल और उज्‍ज्‍वल कर लेंगे, किन्‍तु दुर्जन दुष्‍कर्म ही करते रहेंगे, और कोई भी दुष्‍कर्मी इन बातों को नहीं समझ पाएगा। पर जो समझदार हैं, वे ही इसको समझेंगे।


‘पुरोहित को अपने मुंह से ज्ञान की रक्षा करनी चाहिए। उसके मुंह से लोगों को व्‍यवस्‍था प्राप्‍त होनी चाहिए। पुरोहित स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु का सन्‍देशवाहक है।


भाई अपने भाई को मृत्‍यु के लिए सौंप देगा और पिता अपनी सन्‍तान को। सन्‍तान अपने माता-पिता के विरुद्ध उठ खड़ी होगी और उन्‍हें मरवा डालेगी।


उन्‍होंने उत्तर दिया, “यह इसलिए है कि स्‍वर्गराज्‍य के रहस्‍यों का ज्ञान तुम्‍हें दिया गया है, उन लोगों को नहीं;


इस पर येशु ने उनसे कहा, “मेरा प्‍याला तो तुम पिओगे, किन्‍तु तुम्‍हें अपने दाएँ या बाएँ बैठाना, यह मेरा काम नहीं है। ये स्‍थान उन लोगों के लिए हैं जिनके लिए मेरे पिता ने इन्‍हें तैयार किया है।”


“उस समय लोग तुम्‍हें पकड़वा कर घोर यन्‍त्रणा देंगे और मार डालेंगे। मेरे नाम के कारण सब जातियाँ तुम से घृणा करेंगी।


मैंने तुम्‍हें जो-जो आदेश दिये हैं, उन सबका पालन करना उन्‍हें सिखाओ। देखो, मैं संसार के अन्‍त तक सदा तुम्‍हारे साथ हूँ।”


वे तुम्‍हें सभागृहों से निकाल देंगे। इतना ही नहीं, वह समय आ रहा है, जब तुम्‍हारी हत्‍या करने वाला यह समझेगा कि वह परमेश्‍वर की सेवा कर रहा है।


और जब वह उन्‍हें मिले तो वह शाऊल को अन्‍ताकिया ले आये। वे दोनों पूरे एक वर्ष तक वहाँ की कलीसिया के साथ रहे और बहुत-से लोगों को शिक्षा देते रहे। सब से पहले अन्‍ताकिया में ही येशु के शिष्‍य ‘मसीही’ कहलाए।


उन्‍होंने उस नगर में शुभ समाचार का प्रचार किया और बहुत शिष्‍य बनाये। इसके बाद वे लुस्‍त्रा और इकोनियुम हो कर अन्‍ताकिया लौटे।


मुझे तो ऐसा प्रतीत होता है कि परमेश्‍वर ने हम प्रेरितों को मृत्‍यु-दंड पाए व्यक्‍तियों की तरह जुलूस के अंत में प्रदर्शित किया है, क्‍योंकि हम विश्‍व के लिए-स्‍वर्गदूतों और मनुष्‍यों, दोनों के लिए-तमाशा बन गये हैं।


इस कारण मैं यहाँ यह कष्‍ट सह रहा हूँ, किन्‍तु मैं इस से लज्‍जित नहीं हूँ; क्‍योंकि मैं जानता हूँ कि मैंने किस पर भरोसा रखा है। मुझे निश्‍चय है कि वह मुझे सौंपी हुई निधि को उस दिन तक सुरक्षित रखने में समर्थ है।


मैं प्रभु को अर्पित किया जा रहा हूँ। मेरे चले जाने का समय आ गया है।


और प्रज्‍वलित आग बुझायी। वे तलवार की धार से बच गये और दुर्बल होते हुए भी शक्‍तिशाली बन गये। उन्‍होंने युद्ध में वीरता का प्रदर्शन किया और विदेशी सेनाओं को भगा दिया।


मैं आप लोगों का भाई योहन हूँ और येशु के संकट, राज्‍य तथा धैर्य में आपका सहभागी। परमेश्‍वर का संदेश सुनाने तथा येशु के विषय में साक्षी देने के कारण मैं पतमुस नामक द्वीप में था।


मैंने देखा कि वह स्‍त्री सन्‍तों का रक्‍त और येशु के सािक्षयों का रक्‍त पी कर मतवाली है। मैं उसे देख कर बड़े अचम्‍भे में पड़ गया।


मैं जानता हूँ कि तुम्‍हारा निवास कहाँ है- वह उस स्‍थान में है, जहाँ शैतान की गद्दी है। फिर भी तुम मेरा नाम दृढ़ बनाये रखते हो और तुमने उन दिनों भी मुझ में अपना विश्‍वास नहीं त्‍यागा, जब मेरा विश्‍वस्‍त साक्षी अन्‍तिपास तुम्‍हारे नगर में, जो शैतान का निवास स्‍थान है, मारा गया।


जब मेमने ने पाँचवीं मोहर खोली, तो मैंने वेदी के नीचे उन लोगों की आत्‍माओं को देखा, जो परमेश्‍वर के वचन के विषय में साक्षी देने के कारण मारे गये थे।


मैंने उत्तर दिया, “महोदय, आप ही जानते हैं”, और उसने मुझसे कहा, “ये वे लोग हैं, जो महासंकट में से निकल कर आये हैं। इन्‍होंने मेमने के रक्‍त में अपने वस्‍त्र धो कर उजले कर लिये हैं।