तुमने यह कहा है: “हमने मौत से सन्धि की है; अधोलोक से समझौता किया है अत: जब प्रलय का जल-प्रवाह बहेगा तब वह हम तक नहीं पहुंचेगा! असत्य को हमने अपना आश्रय-स्थल माना है,
दानिय्येल 11:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सेनाएँ उसके सामने पूर्णत: नष्ट और छिन्न-भिन्न हो जाएँगी, हमारा “विधान का प्रमुख व्यक्ति’ भी उसकी बाढ़ में बह जाएगा। पवित्र बाइबल वह विशाल शक्तिशाली सेनाओं को हरा देगा। वह समझौते के मुखिया के साथ सन्धि करने पर भी उसे पराजीत करेगा। Hindi Holy Bible तब उसकी भुजारूपी बाढ़ से लोग, वरन वाचा का प्रधान भी उसके साम्हने से बहकर नाश होंगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब उसकी भुजारूपी बाढ़ से लोग, वरन् वाचा का प्रधान भी, उसके सामने से बहकर नष्ट होंगे। सरल हिन्दी बाइबल तब एक बड़ी सेना उसके सामने से पलायन कर जाएगी; इसे और वाचा के एक राजकुमार को नष्ट कर दिया जाएगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब उसकी भुजारूपी बाढ़ से लोग, वरन् वाचा का प्रधान भी उसके सामने से बहकर नाश होंगे। |
तुमने यह कहा है: “हमने मौत से सन्धि की है; अधोलोक से समझौता किया है अत: जब प्रलय का जल-प्रवाह बहेगा तब वह हम तक नहीं पहुंचेगा! असत्य को हमने अपना आश्रय-स्थल माना है,
“फिर उत्तर देश के राजा के पुत्र युद्ध छेड़ देंगे। वे विशाल सेनाओं का समूह एकत्र करेंगे, जो बाढ़ की तरह दक्षिण देश को ढक लेंगी। वे उसमें से गुजरती हुई उसके गढ़ तक पहुंच जाएंगी।
जो राज्य उसके साथ सन्धि करेगा, वह उस राज्य से भी कपटपूर्ण व्यवहार करेगा। वह कुछ लोगों के बल पर शक्तिशाली बन जाएगा।
वह अपनी धूर्तता में अपने हरएक कपटपूर्ण कार्य में सफल होगा। अपनी सफलता से वह मन ही मन फूल कर कुप्पा हो जाएगा। वह बिना चेतावनी दिए ही अनेक लोगों का वध कर देगा। यहाँ तक कि वह “शासकों के शासक” का भी विरोध करेगा। किन्तु वह अन्त में बिना किसी व्यक्ति के हाथ लगाए ही टूट जाएगा।
बासठ सप्ताहों के पश्चात् एक दूसरा ‘अभिषिक्त’ होगा। वह काटा जाएगा, और उसके पास कुछ नहीं रह जाएगा। एक अगुआ आएगा। उस की सेना नगर और पवित्र स्थान को खण्डहर बना देगी। उसका अन्त बाढ़ से होगा, और अन्त तक युद्ध होता रहेगा। विनाश ठहराया जा चुका है।
क्या इस कारण भूमि कंपित न होगी? क्या इस धरती पर रहनेवाले विलाप न करेंगे? यह प्रदेश नील नदी की बाढ़ के समान, उफनेगा, उछलेगा: और मिस्र देश की नील नदी के समान वह फिर शान्त हो जाएगा।’
स्वर्गिक सेनाओं के स्वामी-प्रभु के स्पर्श से धरती पिघलती है, और उस पर रहनेवाले सब शोक करते हैं। नील नदी की बाढ़ के समान धरती उछलती; और मिस्र देश की नील नदी के समान वह फिर शान्त हो जाती है।
वह जलप्रलय से अपने बैरियों का पूर्ण संहार करता है; वह महाअंधकार में अपने शत्रुओं को खदेड़ देता है।