ओ मेरे प्राण! उनकी गुप्त बैठक में भाग मत ले, ओ मेरी आत्मा! उनकी सभा से सहयोग मत कर। क्योंकि वे अपने क्रोध में मनुष्यों की हत्या करते हैं। वे अपनी असंयमित इच्छा के कारण बैलों को लंगड़ा बनाते हैं।
तीतुस 1:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर का भंडारी होने के नाते धर्माध्यक्ष को चाहिए कि वह अनिन्दनीय हो। वह स्वेच्छाचारी, क्रोधी, मद्यसेवी, झगड़ालू या लोभी न हो। पवित्र बाइबल निरीक्षक को निर्दोष तथा किसी भी बुराई से अछूता होना चाहिए। क्योंकि जिसे परमेश्वर का काम सौंपा गया है, उसे अड़ियल, चिड़चिड़ा और दाखमधु पीने में उसकी रूचि नहीं होनी चाहिए। उसे झगड़ालू, नीच कमाई का लोलुप नहीं होना चाहिए Hindi Holy Bible क्योंकि अध्यक्ष को परमेश्वर का भण्डारी होने के कारण निर्दोष होना चाहिए; न हठी, न क्रोधी, न पियक्कड़, न मार पीट करने वाला, और न नीच कमाई का लोभी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि अध्यक्ष को परमेश्वर का भण्डारी होने के कारण निर्दोष होना चाहिए; न हठी, न क्रोधी, न पियक्कड़, न मारपीट करनेवाला, और न नीच कमाई का लोभी हो, नवीन हिंदी बाइबल परमेश्वर के भंडारी के रूप में अध्यक्ष के लिए आवश्यक है कि वह निर्दोष हो; वह न तो अहंकारी, न क्रोधी, न पियक्कड़, न मारपीट करनेवाला और न ही धन का लोभी हो, सरल हिन्दी बाइबल परमेश्वर द्वारा चुने हुए प्रबंधक के रूप में भंडारी का निर्दोष होना ज़रूरी है, न कि हठी, क्रोधी, मदिरा पीनेवाला, झगड़ालू या लालची. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि अध्यक्ष को परमेश्वर का भण्डारी होने के कारण निर्दोष होना चाहिए; न हठी, न क्रोधी, न पियक्कड़, न मारपीट करनेवाला, और न नीच कमाई का लोभी। |
ओ मेरे प्राण! उनकी गुप्त बैठक में भाग मत ले, ओ मेरी आत्मा! उनकी सभा से सहयोग मत कर। क्योंकि वे अपने क्रोध में मनुष्यों की हत्या करते हैं। वे अपनी असंयमित इच्छा के कारण बैलों को लंगड़ा बनाते हैं।
जो मनुष्य तुरन्त क्रोध करता है, वह मूर्खता का कार्य करता है; किन्तु जिसमें विवेक है, वह धीरज रखता है।
उग्र स्वभाव का मनुष्य झगड़े की आग को भड़काता है; परन्तु विलम्ब से क्रोध करनेवाला व्यक्ति उसको मधुर वचन से बुझा देता है।
विलम्ब से क्रोध करनेवाला मनुष्य महा योद्धा से श्रेष्ठ है; अपने मन पर संयम रखनेवाला मनुष्य उस विजेता से श्रेष्ठ है जो नगर को जीतता है।
यरूशलेम के पुरोहित और नबी भी मदिरा पीकर डगमगाते हैं : वे शराब के कारण लड़खड़ाते हैं। निस्सन्देह पुरोहित और नबी मदिरा पीकर डगमगाते हैं। मदिरा के कारण उनकी मति भ्रष्ट हो गई; वे प्रभु के दर्शन को समझने में भूल करते हैं। वे फैसला सुनाते समय शराब के कारण लड़खड़ाते हैं।
‘जब तू अथवा तेरे साथ तेरे पुत्र मिलन-शिविर में प्रवेश करें तब अंगूर का रस या मदिरा मत पीना। ऐसा न हो कि तुम मर जाओ। यह तुम्हारी पीढ़ी से पीढ़ी के लिए स्थायी संविधि है।
“वह विश्वास-पात्र और बुद्धिमान सेवक कौन है, जिसे उसके स्वामी ने अपने घर के अन्य सेवक-सेविकाओं पर नियुक्त किया है, ताकि वह निश्चित् समय पर उन्हें भोजन सामग्री बाँटा करे?
प्रभु ने कहा, “कौन ऐसा ईमानदार और बुद्धिमान प्रबंधक है, जिसे उसका स्वामी अपने सेवक-सेविकाओं पर नियुक्त करे ताकि वह निश्चित् समय पर उन्हें निर्धारित भोजन दे?
मदिरा पी कर मतवाले नहीं बनें, क्योंकि इससे विषय-वासना उत्पन्न होती है, बल्कि पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जायें।
फिलिप्पी नगर में रहने वाले तथा येशु मसीह से संयुक्त सब सन्तों और उनके अध्यक्षों एवं धर्मसेवकों के नाम येशु मसीह के सेवक पौलुस और तिमोथी का पत्र।
मैंने तुम्हें इसलिए क्रेते द्वीप में रहने दिया कि जो कार्य वहां अधूरा रह गया है, तुम उसकी उचित व्यवस्था करो और मेरे अनुदेश के अनुसार प्रत्येक नगर में धर्मवृद्धों को नियुक्त करो।
इसी प्रकार वृद्धाओं का आचरण प्रभु-भक्तों के अनुरूप हो। वे किसी की झूठी निन्दा न करें और न मदिरा की व्यसनी हों। वे अपने सदाचरण द्वारा
जिसे जो वरदान मिला है, वह-परमेश्वर के बहुविध अनुग्रह के सुयोग्य भण्डारी की तरह-दूसरों की सेवा में उसका उपयोग करे।
आप लोगों को परमेश्वर का जो झुण्ड सौंपा गया, उसका चरवाहा बनें, परमेश्वर की इच्छा के अनुसार उसकी देखभाल करें-लाचारी से नहीं, बल्कि स्वेच्छा से; घिनावने लाभ के लिए नहीं, बल्कि सेवाभाव से;
विशेष रूप से उन लोगों को, जो अशुद्ध वासनाओं के वशीभूत हो कर भोग-विलास में जीवन बिताते और प्रभुत्व को तुच्छ समझते हैं। वे उद्धत एवं घमण्डी हैं और स्वर्गिक सत्वों की निन्दा करने से नहीं डरते,