मैंने उसे चुना है कि वह अपने पुत्रों और परिवार को, जो उसके पश्चात् रहेंगे, शिक्षा दे कि वे धार्मिकता और न्याय के कार्य करें और मुझ-प्रभु के मार्ग पर चलते रहें। तब मैं उस वचन को पूर्ण करूँगा जो मैंने अब्राहम को दिया है।’
तीतुस 1:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन में से प्रत्येक अनिन्दनीय और पत्नीव्रती हो। उसके पुत्र-पुत्रियाँ विश्वासी हों, लम्पटता और अनुशासनहीनता के दोष से मुक्त हों। पवित्र बाइबल उसे नियुक्त तभी किया जाये जब वह निर्दोष हो। एक पत्नी व्रती हो। उसके बच्चे विश्वासी हों और अनुशासनहीनता का दोष उन पर न लगाया जा सके। तथा वे निरकुश भी न हों। Hindi Holy Bible जो निर्दोष और एक ही पत्नी के पति हों, जिन के लड़के बाले विश्वासी हो, और जिन्हें लुचपन और निरंकुशता का दोष नहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो निर्दोष और एक ही पत्नी के पति हों, जिन के बच्चे विश्वासी हों, और उनमें लुचपन और निरंकुशता का दोष न हो। नवीन हिंदी बाइबल प्रवर निर्दोष, और एक ही पत्नी का पति हो, और उसके बच्चे विश्वासी हों, दुराचार या अवज्ञाकारिता के दोषी न हों। सरल हिन्दी बाइबल जो निर्दोष तथा एक पत्नी के पति हों, जिनकी संतान विश्वासी हो तथा जिन पर कामुकता और निरंकुशता का आरोप न हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो निर्दोष और एक ही पत्नी का पति हो, जिनके बच्चे विश्वासी हो, और जिन पर लुचपन और निरंकुशता का दोष नहीं। |
मैंने उसे चुना है कि वह अपने पुत्रों और परिवार को, जो उसके पश्चात् रहेंगे, शिक्षा दे कि वे धार्मिकता और न्याय के कार्य करें और मुझ-प्रभु के मार्ग पर चलते रहें। तब मैं उस वचन को पूर्ण करूँगा जो मैंने अब्राहम को दिया है।’
व्यवस्था का पालन करनेवाला युवक अपने पिता का बुद्धिमान पुत्र कहलाता है; किन्तु उड़ाने-खाने वालों के साथ रहनेवाला जवान अपने पिता की निन्दा का कारण बनता है।
‘सादोक-वंशीय पुरोहित न तो विधवा, और न तलाक पायी हुई स्त्री से विवाह करेगा। वह केवल इस्राएली जाति की कुंवारी कन्या अथवा मृत पुरोहित की विधवा से विवाह करेगा।
वह विधवा, परित्यक्ता, भ्रष्ट अथवा वेश्या से विवाह नहीं करेगा, किन्तु अपनी जाति की कुंवारी कन्या से विवाह कर उसे पत्नी बनाएगा,
वे वेश्या अथवा भ्रष्ट स्त्री से विवाह नहीं करेंगे। वे परित्यक्ता स्त्री से, जिसे उसके पति ने त्याग दिया है, विवाह नहीं करेंगे; क्योंकि पुरोहित अपने परमेश्वर के लिए पवित्र है।
क्या प्रभु ने पति और पत्नी को एक हो जाने के लिए नहीं बनाया? तो क्या आत्मा इस में सम्मिलित नहीं है? और पति-पत्नी के एक होने का क्या उद्देश्य है? यही कि वे धर्मपरायण सन्तान उत्पन्न करें। अत: अपने प्रति सावधान रहो। कोई भी पति अपनी युवावस्था की पत्नी के प्रति विश्वासघात न करे।
यहूदा प्रदेश के राजा हेरोदेस के समय में अबिय्याह के दल का जकर्याह नामक एक पुरोहित था। उसकी पत्नी हारून वंश की थी। उसका नाम एलीशेबा था।
मदिरा पी कर मतवाले नहीं बनें, क्योंकि इससे विषय-वासना उत्पन्न होती है, बल्कि पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जायें।
भाइयो और बहिनो! हम आप से अनुरोध करते हैं कि आप आलसियों को चेतावनी दें, भीरुओं को सान्त्वना दें, दुर्बलों को संभालें और सब के साथ सहनशीलता का व्यवहार करें।
हमें याद रहे कि व्यवस्था धर्मियों के लिए निर्धारित नहीं हुई, बल्कि उपद्रवी और निरंकुश लोगों के लिए, विधर्मियों और पापियों, नास्तिकों और धर्मविरोधियों, मातृ-पितृ-घातकों, हत्यारों,
तत्पश्चात् हन्नाह अपने घर रामाह नगर चली गईं। बालक शमूएल पुरोहित एली की उपस्थिति में प्रभु की सेवा करने लगा।
अब एली बहुत वृद्ध हो गया था। वह सुना करता था कि उसके पुत्र इस्राएलियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। वे मिलन-शिविर के प्रवेश-द्वार में सेवा करने वाली स्त्रियों से सम्भोग करते हैं।