मैंने उससे दूसरी बार पूछा, ‘जैतून की इन दो शाखाओं का क्या अर्थ है, जो दो स्वर्ण नालियों के समीप हैं, जिनसे सुनहला तेल उण्डेला जाता है?’
जकर्याह 4:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब मैंने उससे पूछा, ‘दीवट की दाहिनी और बाईं ओर जैतून के वृक्ष क्यों हैं?’ पवित्र बाइबल तब मैंने (जकर्याह) उससे कहा, “मैंने एक जैतून का पेड़ दीपाधार की दायी ओर एक बायीं ओर देखा। उन दोनों जैतून के पेड़ों का तात्पर्य क्या है?” Hindi Holy Bible तब मैं ने उस से फिर पूछा, ये दो जलपाई के वृक्ष क्या हैं जो दीवट की दाहिनी-बाईं ओर हैं? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मैं ने उससे फिर पूछा, “ये दो जैतून के वृक्ष क्या हैं जो दीवट की दाहिनी–बाईं ओर हैं?” सरल हिन्दी बाइबल तब मैंने स्वर्गदूत से पूछा, “ये जैतून के दो पेड़ों का मतलब क्या है, जो दीवट के दायीं और बायीं तरफ हैं?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मैंने उससे फिर पूछा, “ये दो जैतून के वृक्ष क्या हैं जो दीवट की दाहिनी-बाईं ओर हैं?” (प्रका. 11:4) |
मैंने उससे दूसरी बार पूछा, ‘जैतून की इन दो शाखाओं का क्या अर्थ है, जो दो स्वर्ण नालियों के समीप हैं, जिनसे सुनहला तेल उण्डेला जाता है?’
दीवट के पास जैतून के दो वृक्ष हैं: एक वृक्ष कटोरे की दाहिनी ओर है, और दूसरा वृक्ष उसकी बाईं ओर।’
ये साक्षी वे जैतून के दो पेड़ और दो दीपाधार हैं, जो पृथ्वी के प्रभु के सामने खड़े हैं।