मैंने धर्म का वस्त्र पहना था, और वह मुझे ढके रहा, न्याय से परिपूर्ण मेरा आचरण मेरी पोशाक और पगड़ी था!
जकर्याह 3:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैंने कहा, ‘आपके सेवक कृपया, महापुरोहित के सिर पर साफ पगड़ी भी बांध दें।’ अत: सेवकों ने यहोशुअ के सिर पर एक साफ पगड़ी बांध दी। उन्होंने उसे वस्त्र भी पहिना दिए। प्रभु का दूत समीप खड़ा था। पवित्र बाइबल तब मैंने कहा, “उसके सिर पर एक नयी पगड़ी बाँधो।” अत: उन्होंने एक नयी पगड़ी उसे बांधी। यहोवा के दूत के खड़े रहते ही उन्होंने उसे नये वस्त्र पहनाये। Hindi Holy Bible तब मैं ने कहा, इसके सिर पर एक शुद्ध पगड़ी रखी जाए। और उन्होंने उसके सिर पर याजक के योग्य शुद्ध पगड़ी रखी, और उसको वस्त्र पहिनाए; उस समय यहोवा का दूत पास खड़ा रहा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मैं ने कहा, “इसके सिर पर एक शुद्ध पगड़ी रखी जाए।” अत: उन्होंने उसके सिर पर याजक के योग्य शुद्ध पगड़ी रखी, और उसको वस्त्र पहिनाए; उस समय यहोवा का दूत पास खड़ा रहा। सरल हिन्दी बाइबल तब मैंने कहा, “उसके सिर पर एक साफ पगड़ी रखो.” तब उन्होंने महापुरोहित यहोशू को एक साफ पगड़ी और साफ कपड़े पहनाए, और याहवेह का दूत उसके पास खड़ा था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मैंने कहा, “इसके सिर पर एक शुद्ध पगड़ी रखी जाए।” और उन्होंने उसके सिर पर याजक के योग्य शुद्ध पगड़ी रखी, और उसको वस्त्र पहनाए; उस समय यहोवा का दूत पास खड़ा रहा। |
मैंने धर्म का वस्त्र पहना था, और वह मुझे ढके रहा, न्याय से परिपूर्ण मेरा आचरण मेरी पोशाक और पगड़ी था!
मैं प्रभु में अति आनन्दित हूं, मेरा प्राण परमेश्वर में उल्लसित है। जैसे दूल्हा पुष्पहार से स्वयं को सजाता है, जैसे दुल्हिन आभूषणों से अपना श्रृंगार करती है, वैसे ही प्रभु ने उद्धार के वस्त्र मुझे पहिनाए, और धार्मिकता की चादर मुझे ओढ़ाई।
‘पवित्र स्थान से निकलकर पुरोहित सीधे बाहर आंगन में नहीं जाएंगे। पहले वे यहां अपने उन वस्त्रों को उतारेंगे, जिन्हें पहिन कर उन्होंने पुरोहित का सेवा-कार्य किया था। पुरोहित के ये वस्त्र पवित्र हैं। जन-साधारण के लिए नियुक्त स्थान में जाने के पूर्व पुरोहित अपने पवित्र वस्त्र उतार कर दुसरे वस्त्र पहिन लेंगे।’
उनसे सोना और चांदी ले और एक मुकुट बना और यह मुकुट महापुरोहित यहोशुअ बेन-योसादाक के सिर पर रख,
तब-तब चौबीस धर्मवृद्ध सिंहासन पर विराजमान को दण्डवत करते हैं, युग-युगों तक जीवित रहने वाले की आराधना करते और यह कहते हुए सिंहासन के सामने अपने मुकुट डाल देते हैं :
सिंहासन के चारों ओर चौबीस धर्मवृद्ध विराजमान हैं। वे उजले वस्त्र पहने हैं और उनके सिर पर सोने के मुकुट हैं।