तुम्हें मुझ पर नहीं, बल्कि अपनी तलवार पर भरोसा है। तुम पूजा-पाठ करते हो। अपने पड़ोसी की पत्नी की इज्जत लूटते हो। फिर भी तुम सोचते हो कि तुम इस्राएल देश पर अधिकार कर सकोगे?
गिनती 5:29 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘पति की ईष्र्या की यह व्यवस्था है : यदि कोई पत्नी अपने पति के अधीन होते हुए पथभ्रष्ट होगी और अपने को अशुद्ध करेगी, पवित्र बाइबल “इस प्रकार यह ईर्ष्या के विषय में नियम है। तुम्हें यही करना चाहिए यदि कोई विवाहित स्त्री अपने पति के विरूद्ध पाप करती है। Hindi Holy Bible जलन की व्यवस्था यही है, चाहे कोई स्त्री अपने पति को छोड़ दूसरे की ओर फिर के अशुद्ध हो, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “जलन की व्यवस्था यही है, चाहे कोई स्त्री अपने पति को छोड़ दूसरे की ओर फिरके अशुद्ध हो, सरल हिन्दी बाइबल “ ‘संदेह से संबंधित विधि यही होगी: यदि वैवाहिक जीवन में होते हुए कोई स्त्री भ्रष्ट होकर स्वयं को अपवित्र कर लेती है, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “जलन की व्यवस्था यही है, चाहे कोई स्त्री अपने पति को छोड़ दूसरे की ओर फिरके अशुद्ध हो, |
तुम्हें मुझ पर नहीं, बल्कि अपनी तलवार पर भरोसा है। तुम पूजा-पाठ करते हो। अपने पड़ोसी की पत्नी की इज्जत लूटते हो। फिर भी तुम सोचते हो कि तुम इस्राएल देश पर अधिकार कर सकोगे?
यह पशुओं, पक्षियों, जीवित जलचरों एवं भूमि पर रेंगनेवाले प्राणियों के सम्बन्ध में व्यवस्था है कि
ऊनी, या सूती वस्त्र में, या ताना-बाना में, या चमड़े की किसी भी वस्तु में कुष्ठ-रोग जैसे दाग होने पर उसको शुद्ध या अशुद्ध घोषित करने की यही व्यवस्था है।
‘इस्राएली समाज से बोलना, तू उनसे यह कहना : यदि किसी पुरुष की पत्नी पथभ्रष्ट हो जाती है, और वह उसके साथ विश्वासघात करती है;
तो वह अपनी पत्नी को पुरोहित के पास लाएगा। वह उसके लिए आवश्यक चढ़ावे के रूप में एक किलो जौ का मैदा भी लाएगा। वह मैदे पर तेल नहीं उण्डेलेगा और न उस पर लोबान डालेगा; क्योंकि वह ईष्र्या की अन्न-बलि है, अधर्म का स्मरण दिलाने वाली स्मरण-बलि है।
तब पुरोहित उसे यह शपथ खिलाएगा और स्त्री से कहेगा, “यदि पर-पुरुष ने तुम्हारे साथ सहवास नहीं किया, जब तक तुम अपने पति के अधीन थीं, यदि तुमने पथभ्रष्ट होकर अपने को अशुद्ध नहीं किया, तो तुम इस अभिशाप-दायक कड़ुवा जल के प्रभाव से मुक्त रहो।
परन्तु यदि स्त्री ने अपने को अशुद्ध नहीं किया है, वरन् शुद्ध है तो वह कड़ुवा जल के प्रभाव से मुक्त रहेगी और गर्भधारण कर सकेगी।
अथवा यदि किसी पति में ईष्र्या की भावना जाग्रत हो और वह अपनी पत्नी के प्रति ईष्र्यालु हो जाए, तो वह पत्नी को प्रभु के सम्मुख खड़ा करेगा। पुरोहित इस व्यवस्था को स्त्री पर लागू करेगा।