तब पुरोहित एबयातर आया। उसके पश्चात् सादोक भी आया। सादोक के साथ उपपुरोहित लेवीय थे, जो परमेश्वर के विधान की मंजूषा उठाए हुए थे। जब तक सब लोग नगर से गुजर नहीं गए तब तक वे परमेश्वर की मंजूषा एबयातर के पास रखे रहे।
गिनती 4:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब पड़ाव के प्रस्थान के समय हारून और उसके पुत्र पवित्र-स्थान तथा उसके सब सामान को ढक देंगे, तब कहात वंशीय पुरुष उसको उठाने के लिए आएंगे। किन्तु वे पवित्र वस्तुओं का स्पर्श नहीं करेंगे, अन्यथा वे मर जाएंगे। मिलन-शिविर की ये ही वस्तुएँ कहात वंशीय पुरुष ढोकर ले जाएंगे। पवित्र बाइबल “जब हारून और उसके पुत्र पवित्र स्थान की सभी पवित्र चीज़ों को ढकना पुरा कर लें तब कहात परिवार के व्यक्ति अन्दर आ सकते हैं और उन चीज़ों को ले जाना आरम्भ कर सकते हैं। इस प्रकार वे इस पवित्र वस्तुओं को छुएंगे नहीं। सो वे मरेंगे नहीं। Hindi Holy Bible और जब हारून और उसके पुत्र छावनी के कूच के समय पवित्रस्थान और उसके सारे सामान को ढ़ांप चुकें, तब उसके बाद कहाती उसके उठाने के लिये आएं, पर किसी पवित्र वस्तु को न छुएं, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएं। कहातियों के उठाने के लिये मिलापवाले तम्बू की ये ही वस्तुएं हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और जब हारून और उसके पुत्र छावनी के कूच के समय पवित्रस्थान और उसके सारे सामान को ढाँप चुकें, तब उसके बाद कहाती उसके उठाने के लिये आएँ, पर किसी पवित्र वस्तु को न छूएँ, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएँ। कहातियों के उठाने के लिये मिलापवाले तम्बू की ये ही वस्तुएँ हैं। सरल हिन्दी बाइबल “जब अहरोन एवं उसके पुत्र पवित्र वस्तुओं तथा पवित्र स्थान के वस्त्रों को ढांक चुकें, और छावनी कूच के लिए तैयार हो, कोहाथ के पुत्र उनको उठाने जाएं, वे यह ध्यान रखें कि किसी भी पवित्र वस्तु से वे छू न जाएं; नहीं तो उनकी मृत्यु तय है. कोहाथ के घराने की यह ज़िम्मेदारी है कि वे मिलनवाले तंबू की इन वस्तुओं को उठाया करें. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और जब हारून और उसके पुत्र छावनी के कूच के समय पवित्रस्थान और उसके सारे सामान को ढाँप चुकें, तब उसके बाद कहाती उसके उठाने के लिये आएँ, पर किसी पवित्र वस्तु को न छूएँ, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएँ। कहातियों के उठाने के लिये मिलापवाले तम्बू की ये ही वस्तुएँ हैं। |
तब पुरोहित एबयातर आया। उसके पश्चात् सादोक भी आया। सादोक के साथ उपपुरोहित लेवीय थे, जो परमेश्वर के विधान की मंजूषा उठाए हुए थे। जब तक सब लोग नगर से गुजर नहीं गए तब तक वे परमेश्वर की मंजूषा एबयातर के पास रखे रहे।
जब प्रभु की मंजूषा उठाने वाले छ: कदम आगे चल चुके, तब दाऊद ने एक बैल और मोटी भेड़ की बलि चढ़ाई।
पुरोहित-उपपुरोहितों ने मंजूषा के डण्डों को अपने कन्धों पर रखा और उसको उठाकर ले गए। ऐसा ही प्रभु ने मूसा के माध्यम से आदेश दिया था।
तत्पश्चात् दाऊद ने यह आदेश दिया, ‘केवल लेवी कुल के उप-पुरोहित परमेश्वर की मंजूषा को वहन करेंगे; क्योंकि स्वयं प्रभु ने अपनी मंजूषा को वहन करने के लिए तथा स्थायी रूप से अपनी सेवा करने के लिए लेवी कुल के उप-पुरोहितों को चुना था।’
अत: अब लेवीय उप-पुरोहितों को प्रभु के शिविर, तथा उसकी आराधना में प्रयुक्त होने वाली वस्तुओं को ढोने की आवश्यकता नहीं रही।’ (
तू लोगों के लिए चारों ओर एक सीमा-रेखा खींच देना और उनसे कहना “सावधान! तुम पर्वत पर मत चढ़ना और न उसके सीमान्त को स्पर्श करना। जो व्यक्ति पर्वत को स्पर्श करेगा, उसे मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा।
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘उतरकर जा और लोगों को सावधान कर। ऐसा न हो कि वे मुझ प्रभु को देखने के लिए सीमा-रेखा का उल्लंघन करें, और उनमें से अनेक नष्ट हो जाएँ।
डण्डे कड़ों में इस प्रकार डाले जाएंगे कि जब वेदी उठाई जाएगी तब वे उसके दोनों बाजुओं में रहें।
और प्रभु के सम्मुख सुगन्धित धूप-द्रव्य को अग्नि पर रखेगा जिससे सुगन्धित धूप-द्रव्य का धुंआ साक्षी-पत्र की मंजूषा के ऊपर निर्मित दया-आसन को ढक ले; अन्यथा वह मर जाएगा।
तू साक्षी-शिविर, उसके सब उपकरण, तथा उसमें जो कुछ है, उन सब का प्रबन्ध करने के लिए लेवियों को नियुक्त करना। वे शिविर तथा उसके सब उपकरण ढोया करेंगे। वे ही उसकी देखभाल करेंगे। वे शिविर के चारों ओर अपना पड़ाव डाला करेंगे।
जब शिविर का प्रस्थान होगा तब लेवीय ही उसको उखाड़ेंगे। जब शिविर को खड़ा किया जाएगा तब वे उसको खड़ा करेंगे। जो व्यक्ति लेवी कुल का नहीं है, यदि वह उसके निकट आएगा, उसको मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा।
उसके पश्चात् कहाती लोगों ने पवित्र वस्तुएं उठाईं और प्रस्थान किया। (अगले विश्राम-स्थल पर उनके आगमन के पूर्व ही निवास-स्थान को खड़ा कर दिया गया।)
वे तेरी सहायता तथा तम्बू की देखभाल करेंगे। किन्तु वे पवित्र-स्थान के पात्रों एवं वेदी के निकट नहीं आएंगे; अन्यथा तुम और वे मर जाएंगे।
निवास-स्थान के सम्मुख, पूर्व दिशा में, मिलन-शिविर की सूर्योदय की दिशा में पड़ाव डालने वाले मूसा, हारून और उसके पुत्र थे। उनका यह दायित्व था कि वे इस्राएली समाज के हेतु पवित्र-स्थान के भीतर के धार्मिक कार्य सम्पन्न करें। जो अपुरोहित व्यक्ति सेवा-कार्य के लिए मिलन-शिविर में आता, उसे मृत्यु-दण्ड दिया जाता था।
वे वेदी के समस्त पात्र, जो सेवा-कार्य में प्रयुक्त होते हैं, अंगीठियाँ, कांटे, कटोरे और फावड़ियाँ उस लोहित रंग के वस्त्र पर रखेंगे। तत्पश्चात् वे उसके ऊपर सूंस के चमड़े का आच्छादन बिछाएंगे। वे वेदी में डण्डे लगाएंगे।
तुम उनके साथ ऐसा व्यवहार करना जिससे जब वे परम पवित्र वस्तुओं के निकट आएंगे तब वे नहीं मरेंगे वरन् जीवित रहेंगे : हारून और उसके पुत्र भीतर जाएँगे और वे प्रत्येक व्यक्ति को उसका सेवा-कार्य तथा भार सौंपेंगे।
परन्तु कहात-वंशीय पुरुष पवित्र वस्तुओं के दर्शन हेतु एक क्षण के लिए भी भीतर नहीं आएँगे : अन्यथा वे मर जाएंगे।’
किन्तु मूसा ने कहात वंशियों को कुछ नहीं दिया; क्योंकि उनका पवित्र वस्तुओं से सम्बन्धित यह सेवा-कार्य था कि वे उनको अपने कन्धों पर वहन किया करें।
मूसा ने इस व्यवस्था को लिख लिया और लेवीय पुरोहितों को, जो प्रभु की विधान-मंजूषा वहन करते थे, तथा इस्राएल के समस्त धर्मवृद्धों को दे दिया।
जिन कार्यों को करने की आज्ञा प्रभु ने यहोशुअ के द्वारा इस्राएली लोगों को दी थी, जब तक वे पूर्ण नहीं हो गए तब तक मंजूषा को वहन करने वाले पुरोहित यर्दन नदी के मध्य में खड़े रहे। ऐसा ही आदेश मूसा ने यहोशुअ को दिया था। लोगों ने जल्दी-जल्दी नदी पार की।
बेतशेमश के निवासी प्रभु की मंजूषा देखकर आनन्दित हुए थे। परन्तु यकोनीआह के पुत्र आनन्दित नहीं हुए। अत: प्रभु ने उनमें से सत्तर पुरुषों को मार डाला। लोगों ने शोक मनाया; क्योंकि प्रभु ने उनके मध्य महासंहार किया था।