हे परमेश्वर, तेरे प्रति अपने व्रतों का दायित्व मुझ पर है; मैं तुझ को स्तुति बलि चढ़ाऊंगा।
गिनती 30:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि वह मन्नत अथवा बिना सोच-विचारकर लिए गए व्रत की अवधि में किसी पुरुष से विवाह करती है पवित्र बाइबल “सम्भव है कोई स्त्री अपने विवाह से पहले यहोवा को कोई वचन देती है अथवा बात ही बात में बिना सोचे विचारे कोई वचन ले लेती है और बाद में उसका विवाह हो जाता है Hindi Holy Bible फिर यदि वह पति के आधीन हो और मन्नत माने, वा बिना सोच विचार किए ऐसा कुछ कहे जिस से वह बन्धन में पड़े, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर यदि वह पति के अधीन हो और मन्नत माने, या बिना सोच विचार किए ऐसा कुछ कहे जिससे वह बन्धन में पड़े, सरल हिन्दी बाइबल “फिर भी, यदि उसके द्वारा लिया गया संकल्प एवं सोच-विचार बिना कहे गए वचन में सीमित स्थिति में ही उसे विवाह करना पड़ जाता है, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर यदि वह पति के अधीन हो और मन्नत माने, या बिना सोच विचार किए ऐसा कुछ कहे जिससे वह बन्धन में पड़े, |
हे परमेश्वर, तेरे प्रति अपने व्रतों का दायित्व मुझ पर है; मैं तुझ को स्तुति बलि चढ़ाऊंगा।
स्त्रियों ने कहा, ‘हां, हम आकाश की रानी के लिए धूप जलाती हैं, उसको पेयबलि चढ़ाती हैं। पर यह हम अपने-अपने पति की अनुमति से करती हैं। हम बिना अपने-अपने पति को बताए आकाश की रानी को पेयबलि नहीं चढ़ातीं, और न चन्द्राकार रोटियां चढ़ाती हैं।’
अथवा यदि कोई व्यक्ति बिना विचार किए भला-बुरा करने की शपथ खाता है, बिना विचार किए कोई भी शपथ खाता है, और उससे यह बात छिपी रहती है, तो जब उसे यह ज्ञात होगी तब वह दोषी हो जाएगा।
किन्तु जिस दिन उसका पिता उसके विषय में सुनता है, यदि वह उसी दिन उसका विरोध करता है, तो उस स्त्री की सब मन्नतों और लिए गए सब व्रतों का पालन करना अनिवार्य नहीं होगा। प्रभु उसे क्षमा करेगा; क्योंकि उसके पिता ने उसकी मन्नतों और व्रतों का विरोध किया था।
और उसका पति उसकी मन्नत और व्रत को सुनता है पर जिस दिन उसने सुना, उसी दिन वह उससे कुछ नहीं कहता, तो सब मन्नतों और लिए गए सब व्रतों का पालन अनिवार्य होगा।
उसने प्रभु से यह स्पष्ट मन्नत मानी, ‘हे स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, यदि तू अपनी सेविका के दु:ख पर निश्चय ही दृष्टि करेगा, मेरी सुधि लेगा, अपनी सेविका को नहीं भूलेगा, और मुझे, अपनी सेविका को एक पुत्र प्रदान करेगा तो मैं उसे जीवन भर के लिए तुझ-प्रभु की सेवा में अर्पित कर दूँगी। उसके सिर पर उस्तरा कभी नहीं फेरा जाएगा।’