देखिए, मैं अपने प्रभु परमेश्वर के नाम पर एक मन्दिर बनाना चाहता हूँ। मैं उसको इस कार्य के लिए अर्पित करूंगा कि उसमें इस्राएली जाति की स्थायी धर्म-प्रथा के अनुसार हमारे प्रभु परमेश्वर के सम्मुख सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाए जाएं, निरन्तर भेंट की रोटियां अर्पित की जाएं, और प्रतिदिन सबेरे और शाम तथा पवित्र विश्राम-दिवसों, नवचन्द्र-दिवसों और निर्धारित पर्वों पर अग्नि-बलि चढ़ाई जाए।
वह मूसा की व्यवस्था के नियमानुसार निर्धारित पर्वों पर − विश्राम-दिवस, नवचन्द्र पर्व, तथा तीनों वार्षिक त्योहारों − बेखमीर रोटी के पर्व, सप्ताहों के पर्व और मण्डपों के पर्व − पर बलि चढ़ाया करता था। वह पर्व के निश्चित दिन बलि चढ़ाता था।
तुम अपनी निस्सार भेंटें मेरे पास मत लाओ; उनकी सुगन्ध से मुझे घृणा हो गई है। तुम्हारा नवचन्द्र-पर्व मनाना, विश्राम-दिवस मनाना, धर्मसम्मेलन के लिए एकत्र होना, और धर्ममहासभा के साथ-साथ अधर्म भी करते जाना, यह मैं नहीं सह सकता।
तू उनसे यह भी कहना, यह अग्नि में अर्पित चढ़ावा है, जो तुम प्रभु को चढ़ाओगे : एक-एक वर्षीय दो निष्कलंक मेमने प्रतिदिन निरन्तर अग्नि-बलि के रूप में चढ़ाना।
तुम नव चन्द्र की अग्नि-बलि तथा उसकी अन्न-बलि, निरन्तर अग्नि-बलि और उसकी अन्न-बलि तथा इन सबकी पेय-बलि आदेशानुसार अर्पित करने के अतिरिक्त, इसे भी सुखद सुगन्ध, प्रभु को अग्नि में अर्पित बलि के रूप में चढ़ाना।