शालेम का राजा मलकीसेदेक रोटी और अंगूर का रस लेकर आया। वह सर्वोच्च परमेश्वर का पुरोहित था।
गिनती 24:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह परमेश्वर के शब्द सुननेवाले व्यक्ति की वाणी है, जो सर्वोच्च के ज्ञान को जाननेवाला ज्ञानी है, जो सर्वशक्तिमान के दर्शन को देखनेवाला दर्शी है, जो गिरता है, जिसकी आंखें खुली रहती हैं : पवित्र बाइबल ये उस व्यक्ति के शब्द हैं जो परमेश्वर की बातें सुनता है। सर्वोच्च परमेंश्वर ने मुझे ज्ञान दिया है। मैंने वह देखा है जिसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने मुझे दिखाना चाहा है। मैं जो कुछ स्पष्ट देखता हूँ वही नम्रता के साथ कहता हूँ। Hindi Holy Bible ईश्वर के वचनों का सुनने वाला, और परमप्रधान के ज्ञान का जानने वाला, जो दण्डवत में पड़ा हुआ खुली हुई आंखों से सर्वशक्तिमान का दर्शन पाता है, उसी की यह वाणी है: कि पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ईश्वर के वचनों का सुननेवाला, और परमप्रधान के ज्ञान का जाननेवाला, जो दण्डवत् में पड़ा हुआ खुली हुई आँखों से सर्वशक्तिमान का दर्शन पाता है, उसी की यह वाणी है : सरल हिन्दी बाइबल उस व्यक्ति की वाणी, जो परमेश्वर का वचन सुनता है, जिसे उन परम प्रधान के ज्ञान की जानकारी है, जो सर्वशक्तिमान के दिव्य दर्शन देखता है, वह है तो भूमि पर दंडवत, किंतु उसकी आंखें खुली हैं: इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परमेश्वर के वचनों का सुननेवाला, और परमप्रधान के ज्ञान का जाननेवाला, जो दण्डवत् में पड़ा हुआ खुली हुई आँखों से सर्वशक्तिमान का दर्शन पाता है, उसी की यह वाणी है: |
शालेम का राजा मलकीसेदेक रोटी और अंगूर का रस लेकर आया। वह सर्वोच्च परमेश्वर का पुरोहित था।
जब अब्राम निन्यानबे वर्ष के थे तब प्रभु ने उन्हें दर्शन देकर कहा, ‘मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूं। मेरी उपस्थिति में रहकर निर्दोष आचरण करने का प्रयत्न कर।
बिल्आम ने अपनी गाथा गाना आरम्भ किया। उसने यह गाया; ‘बओर के पुत्र, बिल्आम की यह वाणी है, यह वाणी उस व्यक्ति की है जो द्रष्टा है;
मैं उसको देखता हूं, पर अभी नहीं; मैं उस पर दृष्टिपात करता हूं, किन्तु निकट से नहीं : याकूब में से एक तारे का उदय होगा, इस्राएल में से एक राजदण्ड उठेगा। वह मोआब देश के सीमान्तों को कुचलेगा, शेत के पुत्रों को धूल-धूसरित करेगा,
और उसने अपनी गाथा गाना आरम्भ किया। उसने यह गाया, ‘बओर के पुत्र, बिल्आम की यह वाणी है, यह वाणी उस व्यक्ति की है, जो द्रष्टा है।
यह परमेश्वर के वचन सुनने वाले व्यक्ति की वाणी है, जो सर्वशक्तिमान के दर्शन को देखनेवाला दर्शी है; जो गिरता है, जिसकी आंखें खुली रहती हैं;
मुझे भले ही नबूवत करने का वरदान मिला हो, मैं सभी रहस्य जानता होऊं, मुझे समस्त ज्ञान प्राप्त हो गया हो, मेरा विश्वास इतना परिपूर्ण हो कि मैं पहाड़ों को हटा सकूँ; किन्तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है, तो मैं कुछ भी नहीं हूँ।
अब मूर्तियों को अर्पित मांस के विषय में। इसके संबंध में हम सब को ज्ञान प्राप्त है-यह मानी हुई बात है; किन्तु वह ‘ज्ञान’ मनुष्य को अहंकारी बनाता है, जब कि प्रेम निर्माण करता है।