और स्वयं निर्जन प्रदेश की ओर चले गए। उन्होंने एक दिन का मार्ग पार किया। वह झाऊ वृक्ष के नीचे बैठ गए। उन्होंने प्रभु से अपनी मृत्यु मांगी। उन्होंने कहा, ‘प्रभु, अब बहुत हो गया! तू मेरे प्राण ले ले। मैं अपने पूर्वजों से गया-बीता हूं।’
गिनती 11:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि तू मुझसे ऐसा व्यवहार करेगा, तो मुझपर कृपा कर, और अविलम्ब मेरा वध कर दे जिससे मुझे अपनी दुर्दशा अपनी आंखों से देखनी न पड़े।’ पवित्र बाइबल यदि तू उनके कष्ट को मुझे देकर चलाते रहना चाहता है तो तू मुझे अभी मार डाल। यदि तू मुझे अपना सेवक मानता है तो अभी मुझे मर जाने दे। तब मेरे सभी कष्ट समाप्त हो जाएंगे!” Hindi Holy Bible और जो तुझे मेरे साथ यही व्यवहार करना है, तो मुझ पर तेरा इतना अनुग्रह हो, कि तू मेरे प्राण एकदम ले ले, जिस से मैं अपनी दुर्दशा न देखने पाऊं॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और जो तुझे मेरे साथ यही व्यवहार करना है, तो मुझ पर तेरा इतना अनुग्रह हो, कि तू मेरे प्राण एकदम ले ले, जिससे मैं अपनी दुर्दशा न देखने पाऊँ।” सरल हिन्दी बाइबल इसलिये यदि आपका व्यवहार मेरे प्रति यही रहेगा तथा मुझ पर आपकी कृपादृष्टि बनी है, तो आप इसी क्षण मेरे प्राण ले लीजिए ताकि मैं अपनी दुर्दशा का सामना करने के लिए जीवित ही न रहूं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और यदि तुझे मेरे साथ यही व्यवहार करना है, तो मुझ पर तेरा इतना अनुग्रह हो, कि तू मेरे प्राण एकदम ले ले, जिससे मैं अपनी दुर्दशा न देखने पाऊँ।” |
और स्वयं निर्जन प्रदेश की ओर चले गए। उन्होंने एक दिन का मार्ग पार किया। वह झाऊ वृक्ष के नीचे बैठ गए। उन्होंने प्रभु से अपनी मृत्यु मांगी। उन्होंने कहा, ‘प्रभु, अब बहुत हो गया! तू मेरे प्राण ले ले। मैं अपने पूर्वजों से गया-बीता हूं।’
मैं इतना भयभीत हो जाता हूं, कि मैं अपना ही गला घोंटना चाहता हूं। मुझे ऐसे जीवन से अधिक मृत्यु की कामना होने लगती है।
अब तू उनके पाप क्षमा कर। यदि तू नहीं करेगा तो, मैं विनती करता हूँ, तू अपनी उस पुस्तक में से मेरा नाम काट दे, जिसे तूने लिखा है।’
तब क्यों मेरी पीड़ा दूर नहीं हो रही है? मेरा घाव क्यों नहीं भर रहा है? क्या तू मेरे लिए मृग-तृष्णा बन गया है? क्या तू ऐसा झरना हो गया है, जो सूख जाता है? क्या तू गरजनेवाला बादल हो गया है; जो गरजता तो है पर बरसता नहीं?
प्रभु, मैं अपनी मां के पेट से बाहर क्यों आया? क्या कष्ट और दु:ख का जीवन बिताने के लिए? क्या मैं अपमान और निन्दा में अपना जीवन बिताता रहूंगा?
इसलिए अब मैं तुझसे यह विनती करता हूं: हे प्रभु, तू मेरा प्राण मुझसे ले ले। मेरे लिए जीवित रहने की अपेक्षा मरना अच्छा है।’
प्रभु ने तेरे विरुद्ध दण्ड की आज्ञा वापस ले ली; उसने तेरे शत्रुओं को भगा दिया। इस्राएल का राजा, प्रभु तेरे मध्य में विराजमान है। अब तुझे अनिष्ट का डर नहीं होगा।
धैर्य को कार्यान्वयन की पूर्णता तक पहुँचने दीजिए, जिससे आप लोग स्वयं पूर्ण तथा सिद्ध बन जायें और आप में किसी बात की कमी नहीं रहे।