परन्तु एलीशा के सेवक ने कहा, ‘मैं सौ आदमियों के सामने इतना थोड़ा भोजन कैसे परोस सकता हूं?’ एलीशा ने अपने कथन को दुहराया, ‘लोगों को खाने के लिए यह परोस दे। प्रभु यों कहता है : “लोगों के खाने के पश्चात् भी यह बच जाएगा।” ’
गिनती 11:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं इन सब लोगों को खिलाने के लिए मांस कहां से लाऊं? ये मेरे सम्मुख रो-रोकर कह रहे हैं, “हमें खाने के लिए मांस दीजिए।” पवित्र बाइबल मेरे पास इन लोगों के लिए पर्याप्त माँस नहीं है, किन्तु वे लगातार मुझसे शिकायत कर रहे हैं। वे कहते हैं, ‘हमें खाने के लिए माँस दो!’ Hindi Holy Bible मुझे इतना मांस कहां से मिले कि इन सब लोगों को दूं? ये तो यह कह कहकर मेरे पास रो रहे हैं, कि तू हमे मांस खाने को दे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मुझे इतना मांस कहाँ से मिले कि इन सब लोगों को दूँ? ये यह कह कहकर मेरे पास रो रहे हैं, कि तू हमें मांस खाने को दे। सरल हिन्दी बाइबल इन सबके लिए मैं मांस कहां से लाऊं? वे लगातार मेरे सामने शिकायत कर कहते हैं, ‘हमें खाने के लिए मांस दो!’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मुझे इतना माँस कहाँ से मिले कि इन सब लोगों को दूँ? ये तो यह कह-कहकर मेरे पास रो रहे हैं, कि तू हमें माँस खाने को दे। |
परन्तु एलीशा के सेवक ने कहा, ‘मैं सौ आदमियों के सामने इतना थोड़ा भोजन कैसे परोस सकता हूं?’ एलीशा ने अपने कथन को दुहराया, ‘लोगों को खाने के लिए यह परोस दे। प्रभु यों कहता है : “लोगों के खाने के पश्चात् भी यह बच जाएगा।” ’
सेना-नायक ने जिसके हाथ के सहारे राजा खड़ा था, परमेश्वर के जन से यह कहा, ‘यदि स्वयं प्रभु आकाश में झरोखे बनाए तो भी क्या यह सम्भव है?’ एलीशा ने सेना-नायक को उत्तर दिया, ‘तुम स्वयं अपनी आंखों से यह देखोगे; परन्तु तुम उस अन्न को खा नहीं सकोगे।’
वरन् महीने भर खाओगे, जब तक वह तुम्हारी नाक से बाहर न निकलने लगे, और तुम्हें उससे घृणा न हो जाए; क्योंकि तुमने प्रभु को जो तुम्हारे मध्य में है, अस्वीकार किया, उसके सम्मुख रोदन किया और कहा, “हम मिस्र देश से क्यों निकल आए?” ’
किन्तु मूसा ने कहा, ‘ये पैदल चलने वाले लोग जिनके मध्य मैं हूँ, छ: लाख हैं, फिर भी तूने कहा, “मैं इन्हें इतना मांस प्रदान करूंगा, कि ये महीने भर उसको खाते रहेंगे!”
क्या उनके लिए गाय-बैल, भेड़-बकरी का वध किया जाएगा ताकि उनको पर्याप्त हो? क्या उनके लिए समुद्र की समस्त मछलियाँ पकड़ी जाएंगी ताकि उनको पर्याप्त हो?’
शिष्यों ने उनसे कहा, “इस निर्जन स्थान में हमें इतनी रोटियाँ कहाँ से मिलेंगी कि हम इतनी बड़ी भीड़ को खिला सकें?”
उनके शिष्यों ने उत्तर दिया, “इस निर्जन स्थान में इन लोगों को खिलाने के लिए कहाँ से रोटियाँ मिलेंगी?”