जो पीड़ा उसने अपने प्राण में सही है, उसका फल देखकर वह सन्तुष्ट होगा। प्रभु कहता है : ‘मेरा धार्मिक सेवक अपने ज्ञान के द्वारा अनेक लोगों को धार्मिक बनाएगा; वह उनके दुष्कर्मों का फल स्वयं भोगेगा।
गलातियों 4:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मेरे प्रिय बच्चो! जब तक तुम में मसीह का स्वरूप नहीं बन जाये, तब तक मैं तुम्हारे लिए फिर प्रसव-पीड़ा सह रहा हूँ। पवित्र बाइबल मेरे प्रिय बच्चो! मैं तुम्हारे लिये एक बार फिर प्रसव वेदना को झेल रहा हूँ, जब तक तुम मसीह जैसे ही नहीं हो जाते। Hindi Holy Bible हे मेरे बालकों, जब तक तुम में मसीह का रूप न बन जाए, तब तक मैं तुम्हारे लिये फिर जच्चा की सी पीड़ाएं सहता हूं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे मेरे बालको, जब तक तुम में मसीह का रूप न बन जाए, तब तक मैं तुम्हारे लिये फिर ज़च्चा की सी पीड़ाएँ सहता हूँ। नवीन हिंदी बाइबल हे मेरे बच्चो, जब तक तुममें मसीह का रूप न बन जाए, मैं तुम्हारे लिए फिर से प्रसव की सी पीड़ा सहता हूँ। सरल हिन्दी बाइबल हे बालको, तुममें मसीह का स्वरूप पूरी तरह विकसित होने तक मैं दोबारा प्रसव पीड़ा में रहूंगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे मेरे बालकों, जब तक तुम में मसीह का रूप न बन जाए, तब तक मैं तुम्हारे लिये फिर जच्चा के समान पीड़ाएँ सहता हूँ। |
जो पीड़ा उसने अपने प्राण में सही है, उसका फल देखकर वह सन्तुष्ट होगा। प्रभु कहता है : ‘मेरा धार्मिक सेवक अपने ज्ञान के द्वारा अनेक लोगों को धार्मिक बनाएगा; वह उनके दुष्कर्मों का फल स्वयं भोगेगा।
येशु प्राणपीड़ा में पड़ने के कारण और भी एकाग्र हो कर प्रार्थना करते रहे और उनका पसीना रक्त की बूंदों की तरह धरती पर टपकता रहा।]
क्योंकि परमेश्वर ने निश्चित किया कि जिन्हें उसने पहले से अपना समझा, वे उसके पुत्र के प्रतिरूप बनाये जायेंगे, जिससे उसका पुत्र इस प्रकार बहुत-से भाई-बहिनों में पहिलौठा हो।
अब मैं तीसरी बार आप लोगों के यहाँ आने की तैयारियाँ कर रहा हूँ, और आप के लिए भार नहीं बनूँगा; क्योंकि मैं आप लोगों को चाहता हूँ, आपकी सम्पत्ति को नहीं। बच्चों को अपने माता-पिता के लिए धन एकत्र करना नहीं चाहिए, बल्कि माता-पिता को अपने बच्चों के लिए।
जब तक हम सब विश्वास तथा परमेश्वर के पुत्र के ज्ञान में एक नहीं हो जायें और मसीह की परिपूर्णता के अनुसार परिपक्वता की मात्रा में पूर्ण मनुष्यत्व प्राप्त न कर लें।
और एक नवीन स्वभाव धारण करें, जिसकी सृष्टि परमेश्वर के अनुसार हुई है और जो धार्मिकता तथा सच्ची पवित्रता में व्यक्त होता है।
परमेश्वर मेरा साक्षी है कि मैं येशु मसीह की करुणा से प्रेरित हो कर आप लोगों को कितना चाहता हूँ।
यदि मुझे आपके विश्वास-रूपी यज्ञ और जन-सेवा में अपने प्राण की आहुति भी देनी पड़ेगी, तो मैं आनन्दित होऊंगा और आप सब के साथ आनन्द मनाऊंगा।
परमेश्वर ने उन्हें दिखलाना चाहा कि गैर-यहूदियों में इस रहस्य की कितनी महिमामय समृद्धि है। वह रहस्य यह है कि मसीह आप लोगों के बीच हैं और उन में आप लोगों की महिमा की आशा है।
मैं चाहता हूं कि आप यह जानें कि मैं आप लोगों के लिए, लौदीकिया नगर के विश्वासियों और उन सब के लिए जो मुझे व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते, कितना कठोर परिश्रम करता रहता हूँ।
एक नया स्वभाव धारण किया है। यह स्वभाव अपने सृष्टिकर्ता का प्रतिरूप बन कर नवीन होता रहता और पूर्ण ज्ञान की ओर आगे बढ़ता है।
आपके देशवासी इपफ्रास आप लोगों को नमस्कार कहते हैं। येशु मसीह के यह सेवक निरन्तर आप लोगों के लिए संघर्षमय प्रार्थना करते हैं, जिससे आप लोग सब बातों में परमेश्वर की इच्छा पूर्ण रूप से पूरी करने में सुदृढ़ बने रहें।
यद्यपि हम मसीह के प्रेरित होने के नाते अपना अधिकार जता सकते थे। किन्तु हम आपके मध्य बालकों के समान विनम्र बन कर रहे। अपने बच्चों का लालन-पालन करनेवाली माता की तरह हमने आप लोगों के साथ ममतापूर्ण व्यवहार किया।
पिता-परमेश्वर और हमारे मुक्तिदाता येशु मसीह तुम्हें अनुग्रह तथा शान्ति प्रदान करें!
उनेसिमुस के लिए तुम से निवेदन कर रहा हूँ। वह मेरा मानस पुत्र है, क्योंकि मैंने इन जंजीरों में उसको जन्म दिया है। पहले वह तुम्हारे लिए “अनुपयोगी” था, परन्तु
मैं, पौलुस अपने हाथ से लिख रहा हूँ-मैं उसे चुका दूँगा। क्या मैं तुम्हें इसका स्मरण दिलाऊं कि तुम पर भी मेरा कुछ कर्ज है? तुम तो मेरे ही हो।
मसीह ने इस पृथ्वी पर रहते समय पुकार-पुकार कर और आँसू बहा-बहा कर परमेश्वर से, जो उन्हें मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थना और अनुनय-विनय की। श्रद्धाभक्ति के कारण उनकी प्रार्थना सुनी गयी।
उसने अपनी ही इच्छा से सत्य के वचन द्वारा हम को जीवन प्रदान किया है, जिससे हम एक प्रकार से उसकी सृष्टि के प्रथम फल बनें।
मेरे बच्चो! मैं तुम लोगों को यह इसलिए लिख रहा हूँ कि तुम पाप न करो। किन्तु यदि कोई पाप करे, तो पिता के पास हमारे एक सहायक विद्यमान हैं, अर्थात् धर्मात्मा येशु मसीह।
बच्चो! मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ कि येशु के नाम के कारण तुम्हारे पाप क्षमा किये गये हैं।
मुझे और किसी बात से इतना आनन्द नहीं होता, जितना यह सुन कर कि मेरे बच्चे सत्य के मार्ग पर चलते हैं।