राहेल ने कहा, ‘मैंने अपनी बहिन के साथ कड़ा संघर्ष कर द्वन्द्वयुद्ध में विजय प्राप्त की है।’ अत: उसका नाम ‘नफ्ताली’ रखा।
कुलुस्सियों 2:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं चाहता हूं कि आप यह जानें कि मैं आप लोगों के लिए, लौदीकिया नगर के विश्वासियों और उन सब के लिए जो मुझे व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते, कितना कठोर परिश्रम करता रहता हूँ। पवित्र बाइबल मैं चाहता हूँ कि तुम्हें इस बात का पता चल जाये कि मैं तुम्हारे लिए, लौदीकिया के रहने वालों के लिए और उन सबके लिए जो निजी तौर पर मुझसे कभी नहीं मिले हैं, कितना कठोर परिश्रम कर रहा हूँ Hindi Holy Bible मैं चाहता हूं कि तुम जान लो, कि तुम्हारे और उन के जो लौदीकिया में हैं, और उन सब के लिये जिन्हों ने मेरा शारीरिक मुंह नहीं देखा मैं कैसा परिश्रम करता हूं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं चाहता हूँ कि तुम जान लो कि तुम्हारे और उनके लिये जो लौदीकिया में हैं, और उन सब के लिये जिन्होंने मेरा शारीरिक मुँह नहीं देखा, मैं कैसा परिश्रम करता हूँ, नवीन हिंदी बाइबल मैं चाहता हूँ कि तुम यह जान लो कि मैं तुम्हारे और लौदीकिया के निवासियों के लिए और उन सब के लिए जिन्होंने मुझे नहीं देखा, कितना संघर्ष करता हूँ, सरल हिन्दी बाइबल मैं चाहता हूं कि तुमको यह मालूम हो कि मैं तुम्हारे लिए तथा उन सबके लिए, जो लाओदीकेइया में हैं तथा उन सबके लिए, जिन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से नहीं देखा है, कितना कठिन परिश्रम कर रहा हूं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं चाहता हूँ कि तुम जान लो, कि तुम्हारे और उनके जो लौदीकिया में हैं, और उन सब के लिये जिन्होंने मेरा शारीरिक मुँह नहीं देखा मैं कैसा परिश्रम करता हूँ। |
राहेल ने कहा, ‘मैंने अपनी बहिन के साथ कड़ा संघर्ष कर द्वन्द्वयुद्ध में विजय प्राप्त की है।’ अत: उसका नाम ‘नफ्ताली’ रखा।
येशु प्राणपीड़ा में पड़ने के कारण और भी एकाग्र हो कर प्रार्थना करते रहे और उनका पसीना रक्त की बूंदों की तरह धरती पर टपकता रहा।]
“मैं आप लोगों के बीच राज्य का सन्देश सुनाता रहा। अब, मैं जानता हूँ कि आप में कोई भी मेरा मुँह फिर कभी नहीं देख पायेगा।
वे दु:खी हुए, विशेष कर पौलुस की इस बात से कि वे फिर कभी उनका मुंह नहीं देखेंगे। इसके बाद वे पौलुस को जलयान तक छोड़ने आये।
मेरे प्रिय बच्चो! जब तक तुम में मसीह का स्वरूप नहीं बन जाये, तब तक मैं तुम्हारे लिए फिर प्रसव-पीड़ा सह रहा हूँ।
क्योंकि आप भी उस संघर्ष में लगे हुए हैं, जो आपने मुझे करते देखा और जिस में मैं अब भी लगा हुआ हूँ, जैसा कि आप सुनते होंगे।
इस समय मैं आप लोगों के लिए जो दु:ख उठाता हूँ, उसके कारण प्रसन्न हूँ। मैं मसीह के कष्टों का शेष भाग अपने शरीर में उनकी देह, अर्थात् कलीसिया के लिए परिपूरित करता हूँ।
इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए मैं उनके सामर्थ्य से, जो मुझ में प्रबल रूप से क्रियाशील है, प्रेरित हो कर कठिन परिश्रम करते हुए संघर्ष में लगा रहता हूँ।
मैं शरीरिक रूप से दूर होते हुए भी आत्मा में आप लोगों के साथ हूँ और मुझे यह देख कर आनन्द होता है कि आपका जीवन सुव्यवस्थित और मसीह में आपका विश्वास सुदृढ़ है।
आप जानते हैं कि हमें कुछ समय पहले फिलिप्पी नगर में दुर्व्यवहार और अपमान सहना पड़ा था। फिर भी हमने अपने परमेश्वर पर भरोसा रख कर, घोर विरोध का सामना करते हुए, निर्भीकता से आप लोगों के बीच परमेश्वर के शुभ समाचार का प्रचार किया।
मसीह ने इस पृथ्वी पर रहते समय पुकार-पुकार कर और आँसू बहा-बहा कर परमेश्वर से, जो उन्हें मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थना और अनुनय-विनय की। श्रद्धाभक्ति के कारण उनकी प्रार्थना सुनी गयी।
आपने येशु को कभी देखा नहीं, फिर भी आप उन्हें प्यार करते हैं। आप अब भी उन्हें नहीं देखते, फिर भी उन में आप विश्वास करते हैं। और इस विश्वास के कारण आप एक अकथनीय एवं महिमामय आनन्द से परिपूर्ण हैं।
“तुम जो कुछ देख रहे हो, उसे पुस्तक में लिखो और उसे सात कलीसियाओं को भेज दो − इफ़िसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थुआतीरा, सरदीस, फिलदेलफिया, और लौदीकिया को।”