एलयाकीम बेन-हिलकियाह, शेबनाह और योआह ने मुख्य साकी से निवेदन किया, ‘आप, कृपया, हमसे, अपने सेवकों से अरामी भाषा में बात कीजिए। हम इस भाषा को समझते हैं। इन लोगों के सामने जो परकोटे पर बैठे हैं, हमसे इब्रानी भाषा में बात मत कीजिए।’
एस्तेर 8:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तीसरे महीने अर्थात् सीवान महीने की तेईसवीं तारीख थी। उसी दिन सम्राट के सचिव बुलाए गए। उन्होंने मोरदकय के निर्देश के अनुसार यहूदियों के सम्बन्ध में भारतवर्ष से इथियोपिआ देश तक − एक सौ सत्ताईस प्रदेशों के शासकों, क्षत्रपों और राज्यपालों को राजाज्ञा लिखी। यह राजाज्ञा प्रत्येक राष्ट्र की भाषा तथा उसकी लिपि में लिखी गई। इनके अतिरिक्त यह राजाज्ञा यहूदियों की भाषा और लिपि में भी लिखी गई। पवित्र बाइबल राजा के सचिवों को तत्काल बुलाया गया। सीवान नाम के तीसरे महीने की तेईसवीं तारीख को वह आदेश पत्र लिखा गया। यहूदियों के लिये मोर्दकै के सभी आदेशों को सचिवों ने लिखकर यहूदियों, मुखियाओं, राज्यपालों और एक सौ सत्ताईस प्रांतो के अधिकारियों के पास पहुँचा दिया। ये प्रांत भारत से लेकर कूश तक फैले हुए थे। ये आदेश पत्र हर प्रांत की लिपि और भाषा में लिखे गये थे और हर देश के लोगों की भाषा में उसका अनुवाद किया गया था। यहूदियों के लिये ये आदेश उन की अपनी भाषा और उनकी अपनी लिपि में लिखे गये थे। Hindi Holy Bible सो उसी समय अर्थात सीवान नाम तीसरे महीने के तेईसवें दिन को राजा के लेखक बुलवाए गए और जिस जिस बात की आज्ञा मोर्दकै ने उन्हें दी थी उसे यहूदियों और अधिपतियोंऔर हिन्दुस्तान से ले कर कूश तक, जो एक सौ सत्ताईस प्रान्त हैं, उन सभों के अधिपतियों और हाकिमों को एक एक प्रान्त के अक्षरों में और एक एक देश के लोगों की भाषा में, और यहूदियों को उनके अक्षरों और भाषा में लिखी गई। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसी समय अर्थात् सीवान नामक तीसरे महीने के तेईसवें दिन को राजा के लेखक बुलवाए गए, और जिस जिस बात की आज्ञा मोर्दकै ने उन्हें दी थी उसे यहूदियों और अधिपतियों और हिन्दुस्तान से लेकर कूश तक, जो एक सौ सत्ताईस प्रान्त हैं, उन सभों के अधिपतियों और हाकिमों को एक एक प्रान्त के अक्षरों में और एक एक देश के लोगों की भाषा में, और यहूदियों को उनके अक्षरों और भाषा में लिखी गई। सरल हिन्दी बाइबल यह तृतीय माह अर्थात् सिवान की तेईसवीं तिथि थी. राजा के सचिवों को बुलवाया गया. उन्होंने समस्त 127 राज्यों में, जो हिंद से कूश तक फैले थे, उनमें निवास कर रहे यहूदियों, वहां नियुक्त राज्यपालों, उपराज्यपालों, हाकिमों को संबोधित मोरदकय के आदेश की चिट्ठियां उन राज्यों की अक्षरों एवं भाषाओं में लिख दी गई. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसी समय अर्थात् सीवान नामक तीसरे महीने के तेईसवें दिन को राजा के लेखक बुलवाए गए और जिस-जिस बात की आज्ञा मोर्दकै ने उन्हें दी थी, उसे यहूदियों और अधिपतियों और भारत से लेकर कूश तक, जो एक सौ सत्ताईस प्रान्त हैं, उन सभी के अधिपतियों और हाकिमों को एक-एक प्रान्त के अक्षरों में और एक-एक देश के लोगों की भाषा में, और यहूदियों को उनके अक्षरों और भाषा में लिखी गईं। |
एलयाकीम बेन-हिलकियाह, शेबनाह और योआह ने मुख्य साकी से निवेदन किया, ‘आप, कृपया, हमसे, अपने सेवकों से अरामी भाषा में बात कीजिए। हम इस भाषा को समझते हैं। इन लोगों के सामने जो परकोटे पर बैठे हैं, हमसे इब्रानी भाषा में बात मत कीजिए।’
ये सब आसा के राज्य-काल के पन्द्रहवें वर्ष के तीसरे महीने में राजधानी यरूशलेम में एकत्र हुए।
सम्राट क्षयर्ष भारतवर्ष से इथियोपिआ देश तक एक सौ सत्ताईस प्रदेशों पर राज्य करता था। उसके राज्यकाल में यह घटना घटी :
उसने अपने अधीन सब प्रदेशों को, उनकी लिपि में, और वहां के निवासियों की भाषा में राजपत्र भेजे, जिनमें यह आदेश लिखा था: “प्रत्येक पुरुष अपने घर में स्वामी होगा, और उसकी आज्ञा सर्वोच्च होगी।”
नबूकदनेस्सर का परिपत्र: “पृथ्वी के सब कौमों, राष्ट्रों और भाषाओं के लोगो! तुम्हारी सुख-समृद्धि दिन दूनी रात चौगुनी बढ़े।
सम्राट दारा ने अपने सम्पूर्ण साम्राज्य में शासन करने के लिए एक सौ बीस क्षत्रप नियुक्त किए। उसको अपना यह कार्य उचित लगा।
सम्राट दारा ने अपने साम्राज्य के अन्तर्गत पृथ्वी की सब कौमों, राष्ट्रों और भाषाओं के लोगों को यह परिपत्र लिखा : ‘तुम्हारी सुख-समृद्धि दिन दूनी रात चौगुनी बढ़े!