फरओ ने अपने हाथ से मुद्रा की अंगूठी निकालकर यूसुफ के हाथ में सौंप दी। उसने यूसुफ को महीन मलमल के वस्त्र पहिनाए। उसने उसके गले में सोने की माला डाली।
एस्तेर 3:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अत: सम्राट क्षयर्ष ने अपने हाथ से मुहर अंकित करनेवाली अंगूठी उतारी, और यहूदी कौम के दुश्मन, अगाग वंश के हामान बेन-हम्मदाता को दे दी, पवित्र बाइबल इस प्रकार महाराजा ने राजकीय अंगूठी अपनी अंगुली से निकाली और उसे हामान को सौंप दिया। हामान अगागी हम्मदाता का पुत्र था। वह यहूदियों का शत्रु था। Hindi Holy Bible तब राजा ने अपनी अंगूठी अपने हाथ से उतार कर अगागी हम्मदाता के पुत्र हामान को, जो यहूदियों का वैरी था दे दी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब राजा ने अपनी अँगूठी अपने हाथ से उतारकर, अगागी हम्मदाता के पुत्र हामान को, जो यहूदियों का बैरी था दे दी; सरल हिन्दी बाइबल इस पर राजा ने अपनी उंगली से राजकीय अंगूठी निकाली और यहूदियों के शत्रु अगागवासी हम्मेदाथा के पुत्र हामान को सौंप दी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब राजा ने अपनी मुहर वाली अंगूठी अपने हाथ से उतारकर अगागी हम्मदाता के पुत्र हामान को, जो यहूदियों का बैरी था दे दी। |
फरओ ने अपने हाथ से मुद्रा की अंगूठी निकालकर यूसुफ के हाथ में सौंप दी। उसने यूसुफ को महीन मलमल के वस्त्र पहिनाए। उसने उसके गले में सोने की माला डाली।
कुछ दिनों के पश्चात् सम्राट क्षयर्ष ने अगाग वंश के हामान बेन-हम्मदाता की पदोन्नति की; उसे उच्च पद दिया, और उसके सहयोगी सामंतों में उसे उच्चासन प्रदान किया।
और उससे यह कहा, ‘यह चान्दी और यह कौम मैंने तुम्हें दी। तुम्हें जो भला लगे, तुम उनके साथ करो।’
अत: यदि महाराज उचित समझें तो राजाज्ञा प्रसारित की जाए, और उन्हें नष्ट कर दिया जाए। कार्य की समाप्ति पर मैं महाराज के कोषाधिकारियों के हाथ में दस हजार चान्दी के सिक्के दूंगा ताकि वे उसको महाराज के खजाने में जमा कर दें।’
‘वह बैरी, वह दुश्मन, यह दुष्ट हामान है!’, एस्तर ने कहा। हामान सम्राट और रानी के सामने आतंकित हो गया।
सम्राट ने अपनी अंगुली से मुहर अंकित करने वाली अंगूठी उतारी, और मोरदकय को दे दी। सम्राट ने यह अंगूठी हामान से वापस ले ली थी। एस्तर ने मोरदकय को हामान की जागीर का प्रबन्धक नियुक्त किया।
अब तुम यह कार्य करो : तुम यहूदियों के विषय में जो उचित समझते हो, वह मेरे नाम से लिखो। लिखने के बाद पत्र पर मेरी अंगूठी से मुहर लगा देना; क्योंकि जो आदेश-पत्र सम्राट के नाम से लिखा जाता है और जिस पर सम्राट की अंगूठी की मुहर लगाई जाती है, वह कभी रद्द नहीं हो सकता।’