जब प्रभु की मंजूषा ने दाऊदपुर में प्रवेश किया, तब शाऊल की पुत्री मीकल ने खिड़की से झांका। उसने देखा कि राजा दाऊद प्रभु के सम्मुख उछल-कूद रहा है, नाच रहा है। उसने अपने हृदय में दाऊद का तिरस्कार किया।
एस्तेर 1:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) रानी के इस कार्य की चर्चा सब स्त्रियों में फैल जाएगी, और वे भी अपने-अपने पति के आदेश की उपेक्षा करेंगी। वे कहेंगी, “महाराज क्षयर्ष ने रानी वशती को आदेश दिया था कि वह उनके सम्मुख पेश हो, किन्तु वह नहीं आई, अत: हम भी अपने पति के आदेश का पालन नहीं करेंगी।” पवित्र बाइबल मैं ऐसा इसलिये कहता हूँ कि दूसरी स्त्रियाँ जो महारानी वशती ने किया है, उसे जब सुनेंगी तो वे अपने पतियों की आज्ञा मानना बंद कर देंगी। वे अपने पतियों से कहेंगी, ‘महाराजा क्षयर्ष ने महारानी वशती को अपने पास लाने की आज्ञा दी थी किन्तु उसने आने से मना कर दिया।’ Hindi Holy Bible क्योंकि रानी के इस काम की चर्चा सब स्त्रियों में होगी और जब यह कहा जाएगा, कि राजा क्षयर्ष ने रानी वशती को अपने साम्हने ले आने की आज्ञा दी परन्तु वह न आई, तब वे भी अपने अपने पति को तुच्छ जानने लगेंगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि रानी के इस काम की चर्चा सब स्त्रियों में होगी और जब यह कहा जाएगा, ‘राजा क्षयर्ष ने रानी वशती को अपने सामने ले आने की आज्ञा दी परन्तु वह न आई,’ तब वे भी अपने अपने पति को तुच्छ जानने लगेंगी। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि रानी के इस काम की सूचना समस्त स्त्रियों को मिल जाएगी, जिसका परिणाम यह होगा, वे सभी अपने-अपने पतियों के प्रति घृणा के साथ व्यवहार करेंगी, क्योंकि तब वे यह विचार करने लगेंगी, ‘राजा अहषवेरोष का आदेश था कि रानी वश्ती उनके सामने लायी जाए, किंतु वह उनके सामने नहीं आई.’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि रानी के इस काम की चर्चा सब स्त्रियों में होगी और जब यह कहा जाएगा, ‘राजा क्षयर्ष ने रानी वशती को अपने सामने ले आने की आज्ञा दी परन्तु वह न आई,’ तब वे भी अपने-अपने पति को तुच्छ जानने लगेंगी। |
जब प्रभु की मंजूषा ने दाऊदपुर में प्रवेश किया, तब शाऊल की पुत्री मीकल ने खिड़की से झांका। उसने देखा कि राजा दाऊद प्रभु के सम्मुख उछल-कूद रहा है, नाच रहा है। उसने अपने हृदय में दाऊद का तिरस्कार किया।
सम्राट क्षयर्ष के शासन-काल में, उसके सिंहासन-आरूढ़ होने पर, सामरियों ने यहूदा प्रदेश तथा यरूशलेम नगर के निवासियों के विरुद्ध एक अभियोग-पत्र लिखा।
ममूकान ने सम्राट और उच्चाधिकारियों के सम्मुख यह कहा, ‘रानी वशती ने, न केवल महाराज के प्रति अपराध किया है वरन् महाराज के अधीन समस्त प्रदेशों के उच्चाधिकारियों और निवासियों के प्रति भी अपराध किया है।
आज ही फारस और मादय देशों की महिलाएँ, जिन्होंने रानी वशती के इस कार्य की चर्चा सुनी है, महाराज के प्रशासकों से यही बात कहेंगी। इस प्रकार सब ओर भारी उपेक्षा और क्रोध का वातावरण निर्मित होगा।
जो भी हो, आप लोगों में हर एक पति अपनी पत्नी को अपने समान प्रेम करे और पत्नी अपने पति का आदर-सम्मान करे।