हम महाराज को इस बात की चेतावनी दे रहे हैं कि यदि यह नगर पुन: निर्मित किया गया, और इसकी शहरपनाह की दीवारें फिर खड़ी की गईं, तो फरात नदी के पश्चिम का प्रदेश आपके हाथ से निकल जाएगा।’
एज्रा 4:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सम्राट अर्तक्षत्र ने उनको यह उत्तर भेजा : ‘राजमंत्री रहूम, लिपिक शिमशई और सामरी प्रदेश में निवास करने वाले तुम्हारे सहयोगियों को, तथा फरात नदी के पश्चिम क्षेत्र के शेष प्रदेश में रहने वाली जनता को महाराज की ओर से आशीर्वाद। पवित्र बाइबल तब अर्तक्षत्र ने यह उत्तर भेजा: शासनाधिकारी रहूम और सचिव शिमशै और उन के सभी साथियों को जो शोमरोन और परात नदी के अन्य पश्चिमी प्रदेश में रहते हैं, को अपना उत्तर भेजा। अभिवादन, Hindi Holy Bible तब राजा ने रहूम राजमंत्री और शिमशै मंत्री और शोमरोन और महानद के इस पार रहने वाले उनके और सहचरियों के पास यह उत्तर भेजा, कुशल, इत्यादि। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब राजा ने रहूम राजमंत्री और शिमशै मंत्री और शोमरोन और महानद के इस पार रहनेवाले उनके अन्य सहयोगियों के पास यह उत्तर भेजा, “कुशल हो! सरल हिन्दी बाइबल सो राजा ने सेनापति रहूम, शास्त्री शिमशाई तथा शमरिया में तथा नदी के पार के प्रदेश में चुने हुए उनके बाकी सहयोगियों को यह उत्तर भेजा: आप सभी का भला हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब राजा ने रहूम राजमंत्री और शिमशै मंत्री और सामरिया और महानद के इस पार रहनेवाले उनके अन्य सहयोगियों के पास यह उत्तर भेजा, “कुशल, हो! |
हम महाराज को इस बात की चेतावनी दे रहे हैं कि यदि यह नगर पुन: निर्मित किया गया, और इसकी शहरपनाह की दीवारें फिर खड़ी की गईं, तो फरात नदी के पश्चिम का प्रदेश आपके हाथ से निकल जाएगा।’
फारस के सम्राट अर्तक्षत्र प्रथम के शासन-काल में बिशलाम, मित्रदात और ताबेल तथा उनके सहयोगियों ने राजा अर्तक्षत्र को अभियोग-पत्र लिखा। पत्र अरामी भाषा में था, और उसकी लिपि भी अरामी थी।
उन्होंने सम्राट दारा को प्रतिवेदन भेजा था, जिसमें यह लिखा था : ‘महाराज दारा का कुशल-मंगल हो!
पत्र इस प्रकार था : ‘महाराजाधिराज अर्तक्षत्र का पत्र स्वर्ग के परमेश्वर की व्यवस्था के शास्त्री और पुरोहित एज्रा के नाम।
नबूकदनेस्सर का परिपत्र: “पृथ्वी के सब कौमों, राष्ट्रों और भाषाओं के लोगो! तुम्हारी सुख-समृद्धि दिन दूनी रात चौगुनी बढ़े।
सम्राट दारा ने अपने साम्राज्य के अन्तर्गत पृथ्वी की सब कौमों, राष्ट्रों और भाषाओं के लोगों को यह परिपत्र लिखा : ‘तुम्हारी सुख-समृद्धि दिन दूनी रात चौगुनी बढ़े!
आप-सब के नाम, जो रोम नगर में परमेश्वर के प्रिय हैं और संत होने के लिए बुलाये गये हैं। हमारा पिता परमेश्वर और प्रभु येशु मसीह आप को अपनी कृपा और शान्ति प्रदान करें।