तब सब लोग उसके पीछे-पीछे फिर ऊपर आ गए। वे बांसुरी बजा रहे थे। वे अत्यन्त आनन्दित थे। वे जय-जयकार कर रहे थे। उनकी आवाज से आकाश फट गया था।
एज्रा 3:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जय-जयकार और रोने का स्वर दोनों मिल गए। लोग अन्तर न जान सके कि यह रोने का स्वर है, अथवा जय-जयकार का; क्योंकि लोग अत्यन्त उच्च स्वर में जय-जयकार कर रहे थे तथा रो रहे थे। उनकी आवाज बहुत दूर तक सुनाई दे रही थी। पवित्र बाइबल उद्घोष बहुत दूर तक सुना जा सकता था। उन सभी लोगों ने इतना शोर मचाया कि कोई व्यक्ति प्रसन्नता के उद्घोष और रोने में अन्तर नहीं कर सकता था। Hindi Holy Bible इसलिये लोग, आनन्द के जयजयकार का शब्द, लोगों के रोने के शब्द से अलग पहिचान न सके, क्योंकि लोग ऊंचे शब्द से जयजयकार कर रहे थे, और वह शब्द दूर तक सुनाई देता था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये लोग, आनन्द के जय जयकार का शब्द, लोगों के रोने के शब्द से अलग पहिचान न सके, क्योंकि लोग ऊँचे शब्द से जय जयकार कर रहे थे, और वह शब्द दूर तक सुनाई देता था। सरल हिन्दी बाइबल परिणामस्वरूप रोने की आवाज और खुशी की आवाज में अंतर पहचानना असंभव हो गया; क्योंकि लोग बहुत ही ऊंची आवाज में जय जयकार कर रहे थे. यह आवाज दूर तक सुनाई दे रही थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए लोग, आनन्द के जयजयकार का शब्द, लोगों के रोने के शब्द से अलग पहचान न सके, क्योंकि लोग ऊँचे शब्द से जयजयकार कर रहे थे, और वह शब्द दूर तक सुनाई देता था। |
तब सब लोग उसके पीछे-पीछे फिर ऊपर आ गए। वे बांसुरी बजा रहे थे। वे अत्यन्त आनन्दित थे। वे जय-जयकार कर रहे थे। उनकी आवाज से आकाश फट गया था।
पुरोहित सादोक और नबी नातान ने गीहोन झरने की घाटी में उनका अभिषेक किया। वहां से वे आनन्द मनाते हुए ऊपर गये हैं। इस कारण नगर में शोर-गुल हो रहा है। जो आवाज आप लोग सुन रहे हैं वह वही है।
यद्यपि जब प्रभु के भवन की नींव डाली गई तब अनेक लोगों ने हर्ष से जय-जयकार किया था, तथापि उस समय अनेक पुरोहित, उपपुरोहित, पितृकुलों के मुखिया और वृद्ध लोग, जिन्होंने पुराना भवन देखा था, शोक से रो पड़े।
जब यहूदा और बिन्यामिन कुलों के बैरी सामरियों ने सुना कि स्वदेश लौटे हुए निष्कासित लोग इस्राएली कौम के परमेश्वर, ‘प्रभु’ के लिए एक मन्दिर बना रहे हैं,
उस समय लोगों ने बड़ी-बड़ी बलि चढ़ाई, और आनन्द मनाया; क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें बहुत आनन्द मनाने का अवसर प्रदान किया था। स्त्रियों और बच्चों ने भी आनन्द मनाया। यरूशलेम का आनन्द-स्वर दूर-दूर तक सुनाई दे रहा था।
पर तू अपनी शरण में आनेवालों को आनन्दित कर। वे सदा गाते रहें, क्योंकि तू उनकी रक्षा करता है। तेरे नाम के प्रेमी फूले न समाएँ।
वहां आनन्द-उल्लास का स्वर फिर सुनाई देगा, दूल्हा-दुल्हिन के हास-परिहास की आवाज सुनाई देगी। जब आराधक प्रभु के भवन में स्तुति-बलि चढ़ाने के लिए आएंगे तब वे आनन्द से यह गीत गाएंगे: “स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु को धन्यवाद दो, क्योंकि प्रभु भला है, उसकी करुणा सदा बनी रहती है।” मैं-प्रभु कहता हूं : मैं पहले के समान इस देश की दशा समृद्ध कर दूंगा।’
प्रभु कहता है, ‘उन दिनों में, उस समय इस्राएल प्रदेश और यहूदा प्रदेश के लोग एक साथ लौटेंगे। वे पश्चात्ताप के कारण रोते हुए लौटेंगे, और अपने प्रभु-परमेश्वर को खोजेंगे।
ओ महापर्वत, जरूब्बाबेल के सामने तू क्या है? तू सपाट मैदान हो जाएगा। जरूब्बाबेल शिखर का पत्थर लाएगा, और लोग यह जय-जयकार करेंगे: “प्रभु की कृपा...... प्रभु की कृपा इस पत्थर पर हो।” ’
जब प्रभु की विधान-मंजूषा पड़ाव में पहुँची तब इस्राएलियों ने इतने जोर से महा जयघोष किया कि पृथ्वी गूंज उठी।