उसके राज्य-काल में बेत-एल नगर के निवासी हीएल ने यरीहो नगर का पुन: निर्माण किया। उसने यरीहो नगर की नींव में अपने पहलौठे पुत्र अबीराम को जिन्दा गाड़ा! नगर-द्वार खड़ा करते समय उसने अपने सबसे छोटे पुत्र सगूब को जिन्दा गाड़ा। यह प्रभु के वचन के अनुसार हुआ जैसा उसने यहोशुअ बेन-नून के माध्यम से कहा था।
एफ्रइम कुल-क्षेत्र के अगुए, जिनके नाम ऊपर लिखे हुए हैं, उठे, और उन्होंने बन्दियों को संभाला। उनमें अनेक बन्दी नंगे थे। उनको अगुओं ने लूट के माल से वस्त्र पहिनाए। उन्होंने न केवल कपड़े पहिनाए, वरन् पैरों में जूते भी पहिनाए। उनको खाने को भोजन दिया, और पीने को पानी। उनके सिर पर तेल मल। कमजोर और बीमारों को गधे पर बैठाया, और सब बन्दी जनों को उनके जाति भाई-बन्धुओं के पास खजूर वृक्षों के नगर यरीहो पहुंचा दिया। तत्पश्चात् अगुए सामरी नगर को लौट गए।