प्रभु ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, ‘मैं यह देश तेरे वंश को दूँगा।’ अत: अब्राम ने प्रभु के लिए, जिसने उन्हें दर्शन दिया था, वहाँ एक वेदी बनाई।
उत्पत्ति 50:24 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा, ‘मेरी मृत्यु निकट है। किन्तु परमेश्वर तुम्हारी सुध लेगा, और तुम्हें इस देश से निकाल कर उस देश में ले जाएगा, जिसकी शपथ उसने अब्राहम, इसहाक और याकूब से खाई थी।’ पवित्र बाइबल जब यूसुफ मरने को हुआ, उसने अपने भाईयों से कहा, “मेरे मरने का समय आ गया। किन्तु मैं जानता हूँ कि परमेश्वर तुम लोगों की रक्षा करेगा। वह इस देश से तुम लोगों को बाहर ले जाएगा। परमेश्वर तुम लोगों को उस देश में ले जाएगा जिसे उसने इब्राहीम, इसहाक और याकूब को देने का वचन दिया था।” Hindi Holy Bible और यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा मैं तो मरने पर हूं; परन्तु परमेश्वर निश्चय तुम्हारी सुधि लेगा, और तुम्हें इस देश से निकाल कर उस देश में पहुंचा देगा, जिसके देने की उसने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब से शपथ खाई थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा, “मैं तो मरने पर हूँ; परन्तु परमेश्वर निश्चय तुम्हारी सुधि लेगा, और तुम्हें इस देश से निकालकर उस देश में पहुँचा देगा, जिसके देने की उसने अब्राहम, इसहाक, और याक़ूब से शपथ खाई थी।” नवीन हिंदी बाइबल यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा, “मैं तो मरने पर हूँ; परंतु परमेश्वर निश्चय तुम्हारी सुधि लेगा, और तुम्हें इस देश से निकालकर उस देश में पहुँचा देगा, जिसकी उसने अब्राहम, इसहाक, और याकूब से शपथ खाई थी।” सरल हिन्दी बाइबल योसेफ़ ने अपने भाइयों को कहा, “मैं अब मरने पर हूं, लेकिन परमेश्वर अवश्य आप सब की रक्षा करेंगे और वही तुम्हें इस देश से उस देश में ले जाएंगे, जिसकी शपथ उन्होंने अब्राहाम, यित्सहाक तथा याकोब से की थी.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा, “मैं तो मरने पर हूँ; परन्तु परमेश्वर निश्चय तुम्हारी सुधि लेगा, और तुम्हें इस देश से निकालकर उस देश में पहुँचा देगा, जिसके देने की उसने अब्राहम, इसहाक, और याकूब से शपथ खाई थी।” (इब्रा. 11:22) |
प्रभु ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, ‘मैं यह देश तेरे वंश को दूँगा।’ अत: अब्राम ने प्रभु के लिए, जिसने उन्हें दर्शन दिया था, वहाँ एक वेदी बनाई।
प्रभु ने उसी दिन अब्राम के साथ विधान का संबंध स्थापित किया। उसने कहा, ‘मैं तेरे वंश को यह देश, अर्थात् मिस्र देश की नदी से महानदी फरात तक की भूमि देता हूं,
उसने अब्राम से कहा, ‘मैं वही प्रभु हूं, जो यह देश तेरे अधिकार में देने के लिए तुझे कसदी जाति के ऊर नगर से निकाल लाया है।’
अब्राम ने पूछा, ‘हे स्वामी, हे प्रभु, मुझे कैसे ज्ञात होगा कि इस देश पर मेरा ही अधिकार होगा?’
मैं तुझे और तेरे पश्चात् तेरे वंश को स्थायी अधिकार के लिए समस्त कनान देश दूँगा, जिस पर अभी तू प्रवासी है। मैं उनका भी परमेश्वर हूँगा।’
प्रभु परमेश्वर ने सारा की सुध ली, जैसा उसने कहा था। उसने सारा से वैसा ही किया, जैसा उसने वचन दिया था।
इसी देश में प्रवास कर। मैं तेरे साथ रहूँगा, और तुझे आशिष दूँगा। मैं तुझे और तेरे वंशजों को ये सब देश प्रदान करूँगा। जो शपथ मैंने तेरे पिता अब्राहम से खायी थी, उसे पूर्ण करूँगा।
प्रभु उसके पास खड़ा होकर कह रहा है, ‘मैं तेरे दादा अब्राहम का परमेश्वर, तेरे पिता इसहाक का परमेश्वर, प्रभु हूँ। जिस भूमि पर तू लेटा है, उसे मैं तुझे और तेरे वंश को प्रदान करूँगा।
तू तब तक अपने पसीने की रोटी खाएगा, जब तक उस भूमि में न लौटे जिससे तू बनाया गया था। तू तो मिट्टी है, और मिट्टी में ही मिल जाएगा।’
जो देश मैंने अब्राहम और इसहाक को दिया था, वह तुझे भी दूँगा। मैं वह देश तेरे पश्चात् तेरे वंश को भी प्रदान करूँगा।’
मैं तेरे साथ मिस्र देश जाऊंगा और वहाँ से तुझे पुन: वापस लाऊंगा। तेरी मृत्यु पर यूसुफ ही तेरी आँखें बन्द करेगा।’
याकूब की मृत्यु का दिन निकट आया तब उन्होंने अपने पुत्र यूसुफ को बुलाकर उससे कहा, ‘यदि तू मेरा आदर-सम्मान करता है तो मेरी जांघ के नीचे हाथ रखकर शपथ खा कि तू मेरे साथ प्रेमपूर्ण और सत्यनिष्ठ व्यवहार करेगा। मुझे मिस्र देश में मत गाड़ना।
तत्पश्चात् इस्राएल ने यूसुफ से कहा, ‘देख, मेरी मृत्यु निकट है। परन्तु परमेश्वर तुम लोगों के साथ रहेगा और तुमको तुम्हारे पूर्वजों के देश में वापस ले जाएगा।
“मेरे पिता ने मुझे इन शब्दों में शपथ खिलाई थी : देख मेरी मृत्यु निकट है। जो कबर मैंने कनान देश में अपने लिए खोदी है, वहीं तू मुझे गाड़ना।” अब कृपया मुझे जाने दीजिए कि मैं अपने पिता के शव को गाड़ दूं। तत्पश्चात् मैं लौट आऊंगा।’
हां, मैं जानता हूं कि तू मुझे मृत्यु के हाथ में सौंप देगा; तू मुझे उस घर में भेज देगा, जो सब प्राणियों के लिए निश्चित् किया गया है।
मूसा ने अपने साथ यूसुफ की अस्थियाँ लीं; क्योंकि यूसुफ ने इस्राएलियों से यह शपथ ली थी, ‘जब परमेश्वर तुम्हारी सुध ले, तब अपने साथ मेरी अस्थियों को यहाँ से अवश्य ले जाना।’
मैं मिस्र-निवासियों के हाथ से उन्हें मुक्त करने के लिए, इस देश से निकालकर उन्हें एक अच्छे और विशाल देश में, ऐसे देश में जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं, अर्थात् कनानी, हित्ती, अमोरी, परिज्जी, हिव्वी और यबूसी जातियों के देश में ले जाने के लिए उतर आया हूं।
प्रभु मूसा से बोला, ‘प्रस्थान कर! तू तथा वे लोग जिन्हें तू मिस्र देश से निकाल लाया है, यहाँ से उस देश को जाएँ जिसके विषय में मैंने अब्राहम, इसहाक और याकूब से यह शपथ खाई थी, “मैं उसे तेरे वंश को दूँगा।”
उन्होंने विश्वास किया। जब उन्होंने सुना कि प्रभु ने इस्राएलियों की सुध ली है, उनकी दु:ख-पीड़ा पर दृष्टि की है, तब उन्होंने सिर झुकाकर वन्दना की।
थोड़ी-सी ऊंचाई चढ़ने में तुझे डर लगेगा। गली-कूचों से तू आतंकित होगा। बादाम के वृक्ष में पंखुड़ियाँ खिलेंगी। टिड्ड़ी भी रेंगकर चलने लगेगी। पर तेरी अभिलाषाएँ मर जाएंगी, और तू अपने शाश्वत निवास स्थान को प्रस्थान करेगा। भाड़े के रोने-पीटनेवाले लोग गली-कूचों को घेर लेंगे।
तब मिट्टी मिट्टी में मिल जाएगी, और आत्मा परमेश्वर के पास लौट जाएगी, जिसने उसको प्रदान किया था।
“निस्सन्देह, जो व्यक्ति मिस्र देश से निकल आए हैं, उनमें बीस वर्ष के तथा इससे अधिक आयु के व्यक्ति उस देश को नहीं देख सकेंगे, जिसको देने की शपथ मैंने अब्राहम, इसहाक और याकूब से खाई थी; क्योंकि उन्होंने मेरा अनुसरण पूर्णतया नहीं किया।
यह बात विचारणीय है कि एक ही मनुष्य द्वारा संसार में पाप का प्रवेश हुआ और पाप द्वारा मृत्यु का। इस प्रकार मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गयी, क्योंकि सब पापी हैं।
देखो, मैंने तुम्हारे सम्मुख यह देश प्रस्तुत किया है। जो देश देने की शपथ, मैं-प्रभु ने तुम्हारे पूर्वज अब्राहम, इसहाक और याकूब से खाई थी कि मैं उन्हें तथा उनके पश्चात् उनके वंशजों को वह देश दूंगा, उसमें जाओ और उस पर अधिकार करो।”
‘जब तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे उस देश में लाएगा, जिसकी शपथ उसने तेरे पूर्वजों, अब्राहम, इसहाक, और याकूब से खाई थी कि वह तुझे उसे प्रदान करेगा; इसके साथ-साथ जब वह तुझे ये प्रदान करेगा; बड़े और अच्छे नगर, जिनको तूने नहीं बनाया;
विश्वास के कारण यूसुफ ने मरते समय मिस्र से इस्राएलियों के निर्गमन का उल्लेख किया और अपनी अस्थि के विषय में आदेश दिया।
यूसुफ की अस्थियां इस्राएली लोग मिस्र देश से ले आए थे। उनको उन्होंने शकेम नगर के उस भूमि-भाग में गाड़ दिया जो याकूब ने शकेम के पिता हमोर के पुत्रों से चांदी के सौ सिक्कों में खरीदा था। इस भूमि-भाग पर यूसुफ के वंशजों का पैतृक-अधिकार था।