एक दिन अब्राहम ने अपने घर के सबसे बूढ़े और अपनी सम्पत्ति का प्रबन्ध करने वाले सेवक से कहा, ‘अपना हाथ मेरी जांघ के नीचे रखो।
उत्पत्ति 47:29 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) याकूब की मृत्यु का दिन निकट आया तब उन्होंने अपने पुत्र यूसुफ को बुलाकर उससे कहा, ‘यदि तू मेरा आदर-सम्मान करता है तो मेरी जांघ के नीचे हाथ रखकर शपथ खा कि तू मेरे साथ प्रेमपूर्ण और सत्यनिष्ठ व्यवहार करेगा। मुझे मिस्र देश में मत गाड़ना। पवित्र बाइबल वह समय आ गया जब इस्राएल (याकूब) समझ गया कि वह जल्दी ही मरेगा, इसलिए उसने अपने पुत्र यूसुफ को अपने पास बुलाया। उसने कहा, “यदि तुम मुझसे प्रेम करते हो तो तुम अपने हाथ मेरी जांघ के नीचे रख कर मुझे वचन दो। वचन दो कि तुम, जो मैं कहूँगा करोगे और तुम मेरे प्रति सच्चे रहोगे। जब मैं मरूँ तो मुझे मिस्र में मत दफनाना। Hindi Holy Bible जब इस्राएल के मरने का दिन निकट आ गया, तब उसने अपने पुत्र यूसुफ को बुलवाकर कहा, यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो अपना हाथ मेरी जांघ के तले रखकर शपथ खा, कि मैं तेरे साथ कृपा और सच्चाई का यह काम करूंगा, कि तुझे मिस्र में मिट्टी न दूंगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब इस्राएल के मरने का दिन निकट आ गया, तब उसने अपने पुत्र यूसुफ को बुलवाकर कहा, “यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो अपना हाथ मेरी जाँघ के नीचे रखकर शपथ खा कि तू मेरे साथ कृपा और सच्चाई का यह काम करेगा कि मुझे मिस्र में मिट्टी न देगा। नवीन हिंदी बाइबल जब इस्राएल के मरने का दिन निकट आया, तो उसने अपने पुत्र यूसुफ को बुलाकर कहा, “यदि तेरी कृपा मुझ पर हो, तो मेरी जाँघ के नीचे अपना हाथ रखकर शपथ खा कि तू मेरे साथ दया और सच्चाई का व्यवहार करेगा और मुझे मिस्र में मिट्टी न देगा। सरल हिन्दी बाइबल जब इस्राएल मरने पर थे, उन्होंने अपने पुत्र योसेफ़ को पास बुलाया और कहा, “यदि तुम मुझसे प्रेम करते हो तो मेरी जांघ के नीचे अपना हाथ रखकर शपथ लो, कि तुम मुझसे करुणा और विश्वास का बर्ताव करोगे और मुझे मिस्र में नहीं दफ़नाओगे, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब इस्राएल के मरने का दिन निकट आ गया, तब उसने अपने पुत्र यूसुफ को बुलवाकर कहा, “यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो अपना हाथ मेरी जाँघ के तले रखकर शपथ खा, कि तू मेरे साथ कृपा और सच्चाई का यह काम करेगा, कि मुझे मिस्र में मिट्टी न देगा। |
एक दिन अब्राहम ने अपने घर के सबसे बूढ़े और अपनी सम्पत्ति का प्रबन्ध करने वाले सेवक से कहा, ‘अपना हाथ मेरी जांघ के नीचे रखो।
अब यदि आप मेरे स्वामी से प्रेमपूर्ण और सच्चाई का व्यवहार करना चाहते हैं, तो मुझे बताइए। यदि नहीं, तो वैसा मुझसे कहिए, जिससे मैं निश्चय कर सकूँ कि मुझे क्या करना चाहिए।’
तू तब तक अपने पसीने की रोटी खाएगा, जब तक उस भूमि में न लौटे जिससे तू बनाया गया था। तू तो मिट्टी है, और मिट्टी में ही मिल जाएगा।’
याकूब ने फरओ को उत्तर दिया, ‘मेरे प्रवास की अवधि कुल एक सौ तीस वर्ष हुई है। मेरे जीवन के दिन थोड़े हैं और वे बुरे बीते हैं। अभी मैंने अपने जीवन के उतने दिन व्यतीत नहीं किए हैं जितने मेरे पूर्वजों ने अपने प्रवास काल में बिताए थे।’
तत्पश्चात् इस्राएल ने यूसुफ से कहा, ‘देख, मेरी मृत्यु निकट है। परन्तु परमेश्वर तुम लोगों के साथ रहेगा और तुमको तुम्हारे पूर्वजों के देश में वापस ले जाएगा।
“मेरे पिता ने मुझे इन शब्दों में शपथ खिलाई थी : देख मेरी मृत्यु निकट है। जो कबर मैंने कनान देश में अपने लिए खोदी है, वहीं तू मुझे गाड़ना।” अब कृपया मुझे जाने दीजिए कि मैं अपने पिता के शव को गाड़ दूं। तत्पश्चात् मैं लौट आऊंगा।’
हम सबको एक न एक दिन मरना ही है। हम भूमि पर उण्डेले गए जल के समान हैं जिसको फिर एकत्र नहीं किया जा सकता है; और न परमेश्वर शव को खड़ा करता है। अब महाराज ऐसी योजना बनाएँ कि निर्वासित व्यक्ति उनसे दूर न रहे, वह देश-निकाला हुआ न रहे।
उन्होंने असाएल का शव उठाया, और उसको उसके पिता की कबर में, जो बेतलेहम नगर में थी, गाड़ दिया। योआब और उसके सैनिक रात भर चलते रहे। जब वे हेब्रोन नगर में पहुँचे तब सूर्योदय हुआ।
जब तेरी आयु पूरी हो जाएगी, और तू अपने मृत पूर्वजों के साथ सो जाएगा, तब मैं तेरे पश्चात् तेरे वंश को, तेरी देह के फल को उत्तराधिकारी नियुक्त करूँगा, और उसके राज्य को सुदृढ़ बनाऊंगा।
‘यदि कोई मनुष्य मर जाए तो क्या वह फिर जीवित होगा? जब तक मुझे अन्धकार से मुक्ति नहीं मिलेगी, मैं कठिन सेवा की पूर्ण अवधि में प्रतीक्षा करता रहूँगा।
हां, मैं जानता हूं कि तू मुझे मृत्यु के हाथ में सौंप देगा; तू मुझे उस घर में भेज देगा, जो सब प्राणियों के लिए निश्चित् किया गया है।
निस्सन्देह मनुष्य स्वयं को छुड़ा नहीं सकता; वह परमेश्वर को अपने प्राण का मूल्य चुका नहीं सकता।
क्योंकि मृत्यु की स्थिति में तेरा स्मरण करना संभव नहीं; कौन व्यक्ति मृतक लोक में तेरी स्तुति कर सकता है?
ऐसा कौन मनुष्य है, जो सदा जीवित रहे, और मृत्यु को न देखे? कौन मनुष्य मृतकलोक के हाथ से अपने प्राण छुड़ा सकता है? सेलाह
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘देख, तेरी मृत्यु का दिन निकट है। तू यहोशुअ को बुला। उसके पश्चात् तुम दोनों मिलन-शिविर में आना। मैं यहोशुअ को तेरे स्थान पर नियुक्त करूंगा।’ अत: मूसा और यहोशुअ गए। उन्होंने मिलन-शिविर में प्रवेश किया।
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘देख, तू शीघ्र अपने मृत पूर्वजों में जाकर सो जाएगा। पर ये इस्राएली लोग उस देश के, जहाँ ये जा रहे हैं, अजनबी देवताओं का अनुगमन करने लगेंगे और मेरे साथ वेश्या के सदृश विश्वासघात करेंगे। वे मुझे त्याग देंगे। वे मेरे विधान को, जो मैंने उनके साथ स्थापित किया है, तोड़ देंगे।
विश्वास के कारण यूसुफ ने मरते समय मिस्र से इस्राएलियों के निर्गमन का उल्लेख किया और अपनी अस्थि के विषय में आदेश दिया।
गुप्तचरों ने उससे कहा, ‘हमारे प्राण तेरे लिए हाजिर हैं! यदि तू हमारे इस काम का भेद प्रकट नहीं करेगी तो जब प्रभु हमें यह देश देगा तब हम तेरे साथ दयापूर्ण और सच्चाई से व्यवहार करेंगे।’
‘देखो, अब मैं मृत्यु के उस मार्ग पर हूँ, जिस पर सब को चलना है। तुम सब अपने हृदय से, अपने अन्त:करण से जानते हो कि जिन अच्छे कामों को तुम्हारे लिए करने की प्रतिज्ञा प्रभु परमेश्वर ने की थी, उसने उन सब को पूर्ण किया। एक भी कार्य शेष नहीं रहा।
दाऊद ने आगे कहा, ‘जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! प्रभु स्वयं उसे मारेगा। या ऐसा दिन आएगा कि वह स्वयं मर जाएगा। अथवा वह युद्ध में जाएगा, और उसका सफाया हो जाएगा।