राष्ट्र तेरी सेवा करें, विभिन्न जातियाँ तुझे दण्दवत् करें। तू अपने भाइयों का स्वामी बने। तेरी माँ के पुत्र तुझे दण्दवत् करें। तुझे शाप देने वाले स्वयं शापित हों, पर आशिष देनेवाले, आशिष प्राप्त करें।’
उत्पत्ति 43:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यूसुफ महल में आया। वे अपने पास की भेंट लेकर महल में उसके पास गए। उन्होंने भूमि की ओर झुककर उसका अभिवादन किया। पवित्र बाइबल यूसुफ घर आया और भाईयों ने उसे भेंटें दीं जो वे अपने साथ लाए थे। तब उन्होंने धरती पर झुककर प्रणाम किया। Hindi Holy Bible जब यूसुफ घर आया तब वे उस भेंट को, जो उनके हाथ में थी, उसके सम्मुख घर में ले गए, और भूमि पर गिरकर उसको दण्डवत किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब यूसुफ घर आया तब वे उस भेंट को, जो उनके हाथ में थी, उसके सम्मुख घर में ले गए और भूमि पर गिरकर उसको दण्डवत् किया। नवीन हिंदी बाइबल जब यूसुफ घर आया तो वे अपने साथ लाई हुई भेंट को लेकर उसके पास घर में गए, और उन्होंने भूमि पर गिरकर उसे दंडवत् किया। सरल हिन्दी बाइबल योसेफ़ के घर पहुंचते ही जो भेंट वे उनके लिए लाए थे उन्हें उनको दिया और प्रणाम किया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब यूसुफ घर आया तब वे उस भेंट को, जो उनके हाथ में थी, उसके सम्मुख घर में ले गए, और भूमि पर गिरकर उसको दण्डवत् किया। |
राष्ट्र तेरी सेवा करें, विभिन्न जातियाँ तुझे दण्दवत् करें। तू अपने भाइयों का स्वामी बने। तेरी माँ के पुत्र तुझे दण्दवत् करें। तुझे शाप देने वाले स्वयं शापित हों, पर आशिष देनेवाले, आशिष प्राप्त करें।’
याकूब उनके आगे-आगे गया। जब तक वह अपने भाई के पास नहीं पहुँच गया, तब तक वह भूमि पर झुककर सात बार उसका अभिवादन करता रहा।
यूसुफ मिस्र देश का प्रधान मन्त्री था। वह देश के सब लोगों का अन्न-विक्रेता था। यूसुफ के भाई आए। उन्होंने भूमि की ओर सिर झुका कर यूसुफ का अभिवादन किया।
उनके पिता याकूब ने उनसे कहा, ‘यदि ऐसी ही बात है तो यह करो : अपने बोरों में कनान देश की सर्वोत्तम वस्तुएँ रखो : बलसान, शहद, गोंद, गन्धरस, पिस्ता और बादाम। इन्हें मिस्र देश के स्वामी को भेंट देने के लिए ले जाओ।
उन्होंने उत्तर दिया, ‘आपके सेवक, हमारे पिता, सकुशल हैं। वह अब तक जीवित हैं।’ उन्होंने सिर झुकाकर पुन: अभिवादन किया।
मूसा अपने ससुर से भेंट करने को शिविर से बाहर निकले। उन्होंने झुककर अपने ससुर का अभिवादन किया, उसका चुम्बन लिया। वे एक-दूसरे का कुशल-मंगल पूछते हुए तम्बू के भीतर आए।
क्योंकि धर्मग्रन्थ में लिखा है— “प्रभु यह कहता है : मैं स्वयं अपने जीवन की शपथ लेता हूँ; हर एक मनुष्य मेरे सम्मुख घुटना टेकेगा। प्रत्येक जीभ मुझ-परमेश्वर की स्तुति करेगी।”