यूसुफ उनके पास से हटकर रोने लगा। वह पुन: उनके पास लौटा और उनसे बातचीत की। यूसुफ ने उनमें से शिमोन को लेकर उनकी आंखों के सम्मुख उसे बन्दी बना लिया।
उत्पत्ति 43:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसने कहा, ‘निश्चिन्त रहो, मत डरो। तुम्हारे परमेश्वर, तुम्हारे पिता के परमेश्वर ने बोरों में तुम्हारे लिए धन रखा होगा। मुझे तो तुम्हारी रकम मिल गई थी।’ तत्पश्चात् वह शिमोन को निकाल कर उनके पास लाया। पवित्र बाइबल किन्तु सेवक ने उत्तर दिया, “डरो नहीं, मुझ पर विश्वास करो। तुम्हारे पिता के परमेश्वर ने तुम लोगों के धन को तुम्हारी बोरियों में भेंट के रूप में रखा होगा। मुझे याद है कि तुम लोगों ने पिछली बार अन्न का मूल्य मुझे दे दिया था।” सेवक शिमोन को कारागार से बाहर लाया। Hindi Holy Bible उसने कहा, तुम्हारा कुशल हो, मत डरो: तुम्हारा परमेश्वर, जो तुम्हारे पिता का भी परमेश्वर है, उसी ने तुम को तुम्हारे बोरों में धन दिया होगा, तुम्हारा रूपया तो मुझ को मिल गया था: फिर उसने शिमोन को निकाल कर उनके संग कर दिया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने कहा, “तुम्हारा कुशल हो, मत डरो! तुम्हारा परमेश्वर, जो तुम्हारे पिता का भी परमेश्वर है, उसी ने तुम को तुम्हारे बोरों में धन दिया होगा, तुम्हारा रुपया तो मुझको मिल गया था।” फिर उसने शिमोन को निकालकर उनके संग कर दिया। नवीन हिंदी बाइबल उसने कहा, “तुम शांति से रहो, और डरो मत! तुम्हारे परमेश्वर और तुम्हारे पिता के परमेश्वर ने तुम्हारे बोरों में तुम्हारे लिए धन रखा होगा। मुझे तो तुम्हारा रुपया मिल गया था।” तब वह शिमोन को बंदीगृह से निकालकर उनके पास ले आया। सरल हिन्दी बाइबल उस सेवक ने उनसे कहा, “शांत हो जाइए, डरिये नहीं, आपके परमेश्वर, तुम्हारे पिता के परमेश्वर ने आपके बोरों में रुपया रखा होगा. मुझे तो रुपया मिल चुका है.” यह कहते हुए वह शिमओन को उनके पास बाहर लाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने कहा, “तुम्हारा कुशल हो, मत डरो: तुम्हारा परमेश्वर, जो तुम्हारे पिता का भी परमेश्वर है, उसी ने तुम को तुम्हारे बोरों में धन दिया होगा, तुम्हारा रुपया तो मुझ को मिल गया था।” फिर उसने शिमोन को निकालकर उनके संग कर दिया। |
यूसुफ उनके पास से हटकर रोने लगा। वह पुन: उनके पास लौटा और उनसे बातचीत की। यूसुफ ने उनमें से शिमोन को लेकर उनकी आंखों के सम्मुख उसे बन्दी बना लिया।
वह अपने भाइयों से बोला, ‘मेरे रुपए लौटा दिए गए। देखो, ये मेरे बोरे में हैं।’ यह सुनकर वे अचरज में डूब गए। वे भयभीत होकर एक दूसरे को देखने लगे। उन्होंने कहा, ‘परमेश्वर ने हमारे साथ यह क्या किया?’
उनके पिता याकूब ने उनसे कहा, ‘तुम लोगों ने मुझे सन्तानहीन कर दिया। यूसुफ नहीं रहा। शिमोन भी नहीं रहा। अब तुम बिन्यामिन को ले जाओगे। ये सब विपत्तियाँ मुझ पर ही आ पड़ी हैं।’
सर्वशक्तिमान परमेश्वर उस पुरुष की कृपादृष्टि तुम्हें प्रदान करे जिससे वह तुम्हारे दूसरे भाई और बिन्यामिन को तुम्हारे साथ भेज दे। यदि मुझे सन्तान से वंचित होना है, तो होने दो।’
हम भोजन-सामग्री खरीदने के लिए अपने हाथ में दूसरी रकम भी लाए हैं। हम नहीं जानते हैं कि किस व्यक्ति ने हमारी रकम हमारे बोरों में वापस रखी थी।’
तब आत्मा तीस योद्धाओं के नायक अमासई पर उतरा। अमासई ने कहा, ‘ओ दाऊद, ओ बेन-यिशय! हम तुम्हारे हैं, हम तेरे साथ हैं! तेरे जय, जय! जय तेरे सहायकों की! क्योंकि परमेश्वर तेरा सहायक है।’ तब दाऊद ने उनको अपने पक्ष में स्वीकार किया, और उनको अपने सैन्य दलों का नायक बनाया।
जब दाऊद पलिश्ती सेना के साथ शाऊल से युद्ध करने आया था, तब मनश्शे गोत्र के कुछ योद्धा आकर उससे मिल गए थे। (दाऊद युद्ध में पलिश्तियों की सहायता नहीं कर सका था; क्योंकि पलिश्ती सामन्तों ने परस्पर सम्मति की, और उसे युद्ध से भेज दिया था। उन्होंने कहा, ‘यह हमारे सिर कटवाकर अपने स्वामी शाऊल से मिल जाएगा।’)
सम्राट अर्तक्षत्र ने उनको यह उत्तर भेजा : ‘राजमंत्री रहूम, लिपिक शिमशई और सामरी प्रदेश में निवास करने वाले तुम्हारे सहयोगियों को, तथा फरात नदी के पश्चिम क्षेत्र के शेष प्रदेश में रहने वाली जनता को महाराज की ओर से आशीर्वाद।
वे इन सब घटनाओं पर बातचीत कर ही रहे थे कि येशु उनके बीच आ कर खड़े हो गये। उन्होंने उन से कहा, “तुम्हें शान्ति मिले!’
“शान्ति मैं तुम को दिए जाता हूँ। अपनी शान्ति मैं तुम्हें प्रदान करता हूँ− जैसे संसार देता वैसे मैं तुम्हें नहीं देता। तुम्हारा मन व्याकुल और भयभीत न हो।
उसी दिन, अर्थात् सप्ताह के प्रथम दिन, सन्ध्या समय, जब शिष्य यहूदी धर्मगुरुओं के भय से द्वार बन्द किये एकत्र थे, येशु उनके बीच आ कर खड़े हो गये। उन्होंने शिष्यों से कहा, “तुम्हें शान्ति मिले!”
येशु ने उन से फिर कहा, “तुम्हें शान्ति मिले! जिस प्रकार पिता ने मुझे भेजा है, उसी प्रकार मैं तुम्हें भेजता हूँ।”
आठ दिन के पश्चात् येशु के शिष्य फिर घर के भीतर एकत्र थे और थोमस उनके साथ था। यद्यपि द्वार बन्द थे, फिर भी येशु आए और उनके बीच खड़े हो गये और बोले, “तुम्हें शान्ति मिले!”
बूढ़े ने कहा, ‘तुम्हारा स्वागत है! तुम्हारे सब अभावों को दूर करने का दायित्व मुझ पर है। तुम चौक में रात व्यतीत मत करो।’
तब तुम उससे, मेरे भाई से, यों कहना : “आपका कल्याण हो! आपके परिवार का कल्याण हो! जो कुछ आपका है, सबका कल्याण हो!