याकूब ने कहा, ‘नहीं, यदि मुझे तुम्हारी कृपा-दृष्टि प्राप्त हुई है तो तुम मेरे हाथ से मेरी भेंट स्वीकार करो। निस्सन्देह तुम्हारे मुख को देखना मानो परमेश्वर के मुख को देखना है; क्योंकि तुमने मुझे अपनाया है।
उत्पत्ति 43:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उनके पिता याकूब ने उनसे कहा, ‘यदि ऐसी ही बात है तो यह करो : अपने बोरों में कनान देश की सर्वोत्तम वस्तुएँ रखो : बलसान, शहद, गोंद, गन्धरस, पिस्ता और बादाम। इन्हें मिस्र देश के स्वामी को भेंट देने के लिए ले जाओ। पवित्र बाइबल तब उनके पिता इस्राएल ने कहा, “यदि यह सचमुच सही है तो बिन्यामीन को अपने साथ ले जाओ। किन्तु प्रशासक के लिए कुछ भेंट ले जाओ। उन चीजों में से कुछ ले जाओ जो हम लोग अपने देश में इकट्ठा कर सके हैं। उसके लिए कुछ शहद, पिस्ते, बादाम, गोंद और लोबान ले जाओ। Hindi Holy Bible तब उनके पिता इस्राएल ने उन से कहा, यदि सचमुच ऐसी ही बात है, तो यह करो; इस देश की उत्तम उत्तम वस्तुओं में से कुछ कुछ अपने बोरों में उस पुरूष के लिये भेंट ले जाओ: जैसे थोड़ा सा बलसान, और थोड़ा सा मधु, और कुछ सुगन्ध द्रव्य, और गन्धरस, पिस्ते, और बादाम। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब उनके पिता इस्राएल ने उनसे कहा, “यदि सचमुच ऐसी ही बात है तो यह करो, इस देश की उत्तम उत्तम वस्तुओं में से कुछ कुछ अपने बोरों में उस पुरुष के लिये भेंट ले जाओ : जैसे थोड़ा सा बलसान, और थोड़ा सा मधु, और कुछ सुगन्ध द्रव्य, और गन्धरस, पिस्ते, और बादाम। नवीन हिंदी बाइबल तब उनके पिता इस्राएल ने उनसे कहा, “यदि ऐसा है तो एक काम करो कि उस पुरुष के लिए भेंट-स्वरूप इस देश की अच्छी से अच्छी वस्तुओं में से कुछ को अपने बोरों में ले जाओ, जैसे कि थोड़ा सा बलसान, और थोड़ा सा मधु, और कुछ सुगंधित द्रव्य, और गंधरस, पिस्ते, और बादाम। सरल हिन्दी बाइबल यह सुन उनके पिता इस्राएल ने उनसे कहा, “अगर यही बात है, तो ठीक है, यही करो. लेकिन आप लोग अपने-अपने बोरों में उस व्यक्ति के लिए उपहार स्वरूप बलसान, मधु, गोंद, गन्धरस, पिस्ता तथा बादाम ले जाओ. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब उनके पिता इस्राएल ने उनसे कहा, “यदि सचमुच ऐसी ही बात है, तो यह करो; इस देश की उत्तम-उत्तम वस्तुओं में से कुछ कुछ अपने बोरों में उस पुरुष के लिये भेंट ले जाओ: जैसे थोड़ा सा बलसान, और थोड़ा सा मधु, और कुछ सुगन्ध-द्रव्य, और गन्धरस, पिस्ते, और बादाम। |
याकूब ने कहा, ‘नहीं, यदि मुझे तुम्हारी कृपा-दृष्टि प्राप्त हुई है तो तुम मेरे हाथ से मेरी भेंट स्वीकार करो। निस्सन्देह तुम्हारे मुख को देखना मानो परमेश्वर के मुख को देखना है; क्योंकि तुमने मुझे अपनाया है।
वे रोटी खाने बैठे। जब उन्होंने अपनी आँखें ऊपर उठाईं तब उन्हें यिश्माएलियों का एक कारवां दिखाई दिया, जो गिलआद की ओर से आ रहा था। वे अपने ऊंटों पर गोंद, बलसान और गन्धरस लादे हुए मिस्र देश जा रहे थे।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर उस पुरुष की कृपादृष्टि तुम्हें प्रदान करे जिससे वह तुम्हारे दूसरे भाई और बिन्यामिन को तुम्हारे साथ भेज दे। यदि मुझे सन्तान से वंचित होना है, तो होने दो।’
यूसुफ के भाई वह भेंट, अपने हाथ में दुगुनी रकम और बिन्यामिन को लेकर मिस्र देश गए और यूसुफ के सम्मुख उपस्थित हुए।
उन्होंने यूसुफ के दोपहर में आगमन के लिए भेंट तैयार रखी; क्योंकि उन्होंने सुना था कि वे वहाँ यूसुफ के साथ भोजन करेंगे।
यूसुफ महल में आया। वे अपने पास की भेंट लेकर महल में उसके पास गए। उन्होंने भूमि की ओर झुककर उसका अभिवादन किया।
इसके अतिरिक्त उसे देशी व्यवसायियों और विदेशी व्यापारियों से कर के रूप में तथा अरब देश के राजाओं और भिन्न-भिन्न प्रदेशों के शासकों से भेंट के रूप में सोना प्राप्त होता था।
आगन्तुक राजा अपने साथ ये उपहार लाते थे : सोना-चांदी के पात्र, वस्त्र, गन्धरस, मसाले, घोड़े, और खच्चर। ऐसा प्रति वर्ष होता था।
आसा ने यह सन्देश बेन-हदद के पास भेजा, ‘जैसे मेरे पिता और आपके पिता के मध्य सन्धि थी वैसे ही, आइए, मैं और आप सन्धि करें। मैं आपकी सेवा में सोना-चांदी का उपहार भेज रहा हूं। कृपया, आप इस्राएल प्रदेश के राजा बाशा से सन्धि-विच्छेद कर लीजिए, जिससे वह मेरे पास से पीछे हट जाए।’
सुलेमान फरात नदी से पलिश्ती देश तक तथा मिस्र देश की सीमा तक आने वाले समस्त राज्यों पर शासन करता था। ये राज्य उसको कर देते थे। ये उसके जीवन-भर उसके अधीन बने रहे।
आहाज ने प्रभु-भवन और राजमहल के कोषागारों में प्राप्त सोना-चांदी को निकाला, और उनको असीरिया के राजा के पास भेंट के रूप में भेज दिया।
इन्हीं दिनों में बेबीलोन के राजा मरोदख-बलअदान ने, जो बलअदान का पुत्र था, पत्रों और उपहारों के साथ हिजकियाह के पास दूत भेजे। उसने सुना था कि हिजकियाह बीमार था।
राजा ने हजाएल से कहा, ‘तुम अपने हाथ में उपहार लो, और परमेश्वर के जन से भेंट करने के लिए जाओ। उसके माध्यम से प्रभु से यह पूछना, “क्या मैं इस बीमारी से मुक्त हूंगा?”
‘जाओ, और शूशन नगर के सब यहूदियों को एकत्र करो, और मेरे लिए सामूहिक उपवास करो। तीन दिन और रात न भोजन करना, और न पानी पीना। तुम्हारे समान मैं भी अपनी सखियों के साथ उपवास करूंगी। तब मैं महाराज के पास जाऊंगी, यद्यपि ऐसा करना नियम के विरुद्ध होगा। यदि मुझे मरना ही पड़ेगा तो मैं मर जाऊंगी।’
स्पेन देश तथा द्वीप-द्वीप के राजा उसे भेंट चढ़ाएं, अरब और इथियोपिया देश के राजा उपहार लाएं।
मन्नत मानो, और अपने प्रभु परमेश्वर के लिए उसको पूर्ण करो; प्रभु के चारों ओर रहने वाले लोग उस को भेंट चढ़ाएं। प्रभु भय योग्य है,
मैं मिस्र-निवासियों के हाथ से उन्हें मुक्त करने के लिए, इस देश से निकालकर उन्हें एक अच्छे और विशाल देश में, ऐसे देश में जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं, अर्थात् कनानी, हित्ती, अमोरी, परिज्जी, हिव्वी और यबूसी जातियों के देश में ले जाने के लिए उतर आया हूं।
जो मनुष्य बन्धक रखता है, जो अपने पड़ोसी के कर्ज के लिए जमानत देता है, वह निस्सन्देह निर्बुद्धि है।
उदार मनुष्य की कृपा चाहनेवाले अनेक लोग होते हैं; जो मनुष्य धन लुटाता है, उसके मित्र सब बनना चाहते हैं।
गुप्त रूप से दिया गया उपहार क्रोध को शान्त कर देता है; चुपके से दी गई भेंट से क्रोधाग्नि भी ठण्डी पड़ जाती है।
ओ मेरी संगिनी, ओ मेरी दुलहन! तेरा प्यार कितना मीठा है, अंगूर से अधिक मधुर तेरा प्यार है।
‘ओ मेरे प्रियतम! सुगन्धद्रव्यों के पर्वतों के तरुण मृग की तरह, एक हरिण के सदृश शीघ्र आओ!’
क्या गिलआद प्रदेश की बलसान औषधि समाप्त हो गई? क्या वहां अब वैद्य भी नहीं रहे? तब मेरे लोगों के घाव क्यों नहीं भर रहे हैं?
ददान नगर के व्यापारी भी तेरे साथ व्यापार करते थे। अनेक समुद्र-तटीय देश तेरे व्यापार की मण्डी थे। तू उनसे अपने माल के बदले में हाथी-दांत और आबनूस की लकड़ी लेता था।
यहूदा और इस्राएल प्रदेश भी तेरे माल के खरीददार थे। वे तेरे माल के बदले में तुझ को जैतून, प्रथम फसल के अंजीर, गेहूं, शहद, तेल और मरहम देते थे।
शबा और रामाह नगर के व्यापारी भी तेरे साथ व्यापार करते थे। वे तेरी वस्तुओं के बदले में तुझ को अपने देश का सर्वोत्तम मसाला, अनेक प्रकार की मणि-माणिक्य और सोना देते थे।
परन्तु मैंने तुमसे कहा है, “तुम उनके देश पर अधिकार करोगे। मैं उनके देश को तुम्हें दूंगा कि तुम उस पर अधिकार करो। उस देश में दूध और शहद की नदियां बहती हैं।” मैं प्रभु, तुम्हारा परमेश्वर हूँ, जिसने तुम्हें अन्य जातियों से अलग कर पवित्र किया है।
जब वह हमारी बात मानने के लिए तैयार नहीं हुए, तो हम यह कह कर चुप हो गये, “प्रभु की इच्छा पूरी हो!”
अब, यह उपहार, जो आपकी सेविका अपने स्वामी के लिए लाई है, आपके कदमों पर चलनेवाले अपने सैनिकों को दे दीजिए।
शाऊल ने अपने सेवक से कहा, ‘यदि हम जाएँगे तो उस मनुष्य के पास क्या ले चलेंगे? हमारी थैलियों में रोटियाँ समाप्त हो गई हैं। परमेश्वर के प्रियजन के पास ले जाने के लिए हमारे पास उपहार भी नहीं है। हमारे पास क्या है?’