एक दिन मिस्र देश के राजा के साकी तथा रसोइए, दोनों ने रात में एक स्वप्न देखा। प्रत्येक स्वप्न का अपना एक विशेष अर्थ था।
उत्पत्ति 40:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब यूसुफ सबेरे उनके पास आया और उसने उनको देखा, तब वे बेचैन थे। पवित्र बाइबल यूसुफ अगली सुबह उनके पास गया। यूसुफ ने देखा कि दोनों व्यक्ति परेशान थे। Hindi Holy Bible बिहान को जब यूसुफ उनके पास अन्दर गया, तब उन पर दृष्टि की, तो क्या देखा, कि वे उदास हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सबेरे जब यूसुफ उनके पास अन्दर गया, तब उन पर उसने जो दृष्टि की तो क्या देखता है कि वे उदास हैं। नवीन हिंदी बाइबल यूसुफ जब सुबह उनके पास गया, और उसने उन पर दृष्टि डाली तो क्या देखा कि वे उदास हैं। सरल हिन्दी बाइबल जब सुबह योसेफ़ वहां आए और उन दोनों को देखा कि वे उदास थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सवेरे जब यूसुफ उनके पास अन्दर गया, तब उन पर उसने जो दृष्टि की, तो क्या देखता है, कि वे उदास हैं। |
एक दिन मिस्र देश के राजा के साकी तथा रसोइए, दोनों ने रात में एक स्वप्न देखा। प्रत्येक स्वप्न का अपना एक विशेष अर्थ था।
उसने फरओ के अधिकारियों से, जो उसके साथ उसके स्वामी के घर में हिरासत में थे, पूछा, ‘आज आपके मुंह क्यों उतरे हुए हैं?’
उन्होंने यूसुफ से कहा, ‘हमने स्वप्न देखे हैं। किन्तु यहाँ उनका अर्थ बतानेवाला कोई नहीं है।’ यूसुफ बोला, ‘क्या यह सच नहीं है कि स्वप्नों के अर्थ बताना केवल परमेश्वर का कार्य है? कृपाकर, मुझे सुनाइए।’
सबेरे उसकी आत्मा व्याकुल थी। उसने दूत भेजकर अपने सब तान्त्रिकों और विद्वानों को बुलाया। फरओ ने उनको अपने स्वप्न सुनाए। पर कोई भी फरओ को उनका अर्थ न बता सका।
मैंने एक स्वप्न देखा। उस स्वप्न ने मुझे डरा दिया। जब मैं पलंग पर लेटता तब मेरे मन के विचार, और स्वप्न के दृश्य मुझे परेशान करते थे।
राजा के मुख का रंग बदल गया। उसके हृदय में अनेक विचार उठे, जिन्होंने उसको व्याकुल कर दिया। उसके हाथ-पैर कांपने लगे, और घुटने आपस में टकराने लगे।
‘दर्शन के वास्तविक अर्थ की चर्चा यहाँ समाप्त हुई। पर जहाँ तक मेरा सम्बन्ध है, मेरे विचारों ने मुझे व्याकुल कर दिया। मेरे चेहरे का रंग बदल गया। किन्तु यह बात मैंने अपने मन में ही रखी, और किसी को नहीं बताई।’
“मैं, दानिएल, यह दर्शन पाकर इतना कमजोर हो गया कि कुछ दिनों तक बीमार पड़ा रहा। जब मैं स्वस्थ हुआ तब शैया से उठा और राजकाज में व्यस्त हो गया। किन्तु मैं दर्शन के कारण स्तब्ध था; क्योंकि मैं उसको समझ नहीं पाया था।’