उत्पत्ति 39:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यद्यपि वह दिन-प्रतिदिन यूसुफ से बोलती रही कि वह उसके साथ सोए, उसके साथ रहे, तथापि यूसुफ ने उसकी बात नहीं सुनी। पवित्र बाइबल वह स्त्री हर दिन यूसुफ से बात करती थी किन्तु यूसुफ ने उसके साथ सोने से मना कर दिया। Hindi Holy Bible और ऐसा हुआ, कि वह प्रति दिन यूसुफ से बातें करती रही, पर उसने उसकी न मानी, कि उसके पास लेटे वा उसके संग रहे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और ऐसा हुआ कि वह प्रतिदिन यूसुफ से बातें करती रही, पर उसने उसकी न मानी कि उसके पास लेटे या उसके संग रहे। नवीन हिंदी बाइबल यद्यपि वह प्रतिदिन यूसुफ से ऐसी बातें करती रही, फिर भी उसने उसकी न सुनी कि उसके साथ सोए या उसके संग रहे। सरल हिन्दी बाइबल वह दिन-प्रतिदिन योसेफ़ से समागम के लिए आग्रह करती रही, योसेफ़ न तो समागम के लिए तत्पर हुए और न ही उसके पास रहने के लिए तैयार हुए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और ऐसा हुआ कि वह प्रतिदिन यूसुफ से बातें करती रही, पर उसने उसकी न मानी कि उसके पास लेटे या उसके संग रहे। |
यूसुफ ने अस्वीकार करते हुए अपने स्वामी की पत्नी से कहा, ‘देखिए, मेरे स्वामी घर के सम्बन्ध में कुछ भी नहीं जानते हैं। जो कुछ उनके पास है, उन्होंने उसे मेरे ही हाथ में सौंप दिया है।
वह इस घर में मुझसे अधिक बड़े नहीं हैं। उन्होंने मुझे कोई भी वस्तु देना अस्वीकार नहीं किया, केवल आपको, क्योंकि आप उनकी पत्नी हैं। तब मैं परमेश्वर के विरुद्ध इतना बड़ा कुकर्म, यह पाप कैसे कर सकता हूँ?’
चरित्रहीन स्त्री का मुंह मानो गहरा गड्ढा है; प्रभु जिससे नाराज होता है, वह मनुष्य उस गड्ढे में गिरता है।
वह लुटेरे के समान घात लगाकर बैठती है; उसके कारण अनेक पुरुष पत्नी से विश्वासघात करते हैं।
वेश्या ने युवक को पकड़ा और वह उसको चूमने लगी। उसने निर्लज्जता से मुख बनाया और जवान से यह कहा,
ताकि तेरी यह बहिन और सखी तुझको परायी स्त्री से बचाएं, व्यभिचारिणी स्त्री के मीठे बोलों से तेरी रक्षा करें।
व्यभिचार से दूर रहें। मनुष्य के दूसरे सभी पाप उसके शरीर से बाहर हैं, किन्तु व्यभिचार करने वाला अपने ही शरीर के विरुद्ध पाप करता है।
इसलिए मैं चाहता हूँ कि कम उम्र की विधवाएँ विवाह करें, माता बनें, अपने घर का प्रबन्ध करें और विरोधी को हमारी निन्दा करने का अवसर न दें;
तुम युवावस्था की वासनाओं से दूर रहो और उन सब के साथ, जो शुद्ध हृदय से प्रभु का नाम लेते हैं, धार्मिकता, विश्वास, प्रेम तथा शान्ति की साधना करते रहो।
प्रिय भाइयो एवं बहिनो, आप परदेशी और प्रवासी हैं, इसलिए मैं आप से अनुरोध करता हूँ कि आप अपनी शारीरिक वासनाओं का दमन करें, जो आत्मा के विरुद्ध संघर्ष करती हैं।