उस आशीर्वाद के कारण जिसे उसके पिता ने याकूब को दिया था, एसाव याकूब से घृणा करने लगा। एसाव ने अपने मन में कहा, ‘पिता के मृत्यु-शोक दिवस निकट हैं। उसके बाद मैं अपने भाई की हत्या करूँगा।’
उत्पत्ति 37:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) भाइयों ने यूसुफ से कहा, ‘क्या तू हम पर शासन करेगा? क्या तू निश्चय ही हम पर राज्य करेगा?’ अतएव वे यूसुफ के स्वप्न और उसकी बातों के कारण उससे अत्यधिक घृणा करने लगे। पवित्र बाइबल उसके भाईयों ने कहा, “क्या, तुम सोचते हो कि इसका अर्थ है कि तुम राजा बनोगे और हम लोगों पर शासन करोगे?” उसके भाईयों ने यूसुफ से अब और अधिक घृणा करनी आरम्भ की क्योंकि उसने उनके बारे में सपना देखा था। Hindi Holy Bible तब उसके भाइयों ने उससे कहा, क्या सचमुच तू हमारे ऊपर राज्य करेगा? वा सचमुच तू हम पर प्रभुता करेगा? सो वे उसके स्वप्नों और उसकी बातों के कारण उससे और भी अधिक बैर करने लगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब उसके भाइयों ने उससे कहा, “क्या सचमुच तू हमारे ऊपर राज्य करेगा? या क्या सचमुच तू हम पर प्रभुता करेगा?” इसलिये वे उसके स्वप्नों और उसकी बातों के कारण उससे और भी अधिक बैर करने लगे। नवीन हिंदी बाइबल तब उसके भाइयों ने उससे कहा, “क्या तू सचमुच हम पर राज्य करेगा? या क्या तू सचमुच हम पर प्रभुता करेगा?” इसलिए वे उसके स्वप्नों और उसकी बातों के कारण उससे और अधिक बैर करने लगे। सरल हिन्दी बाइबल यह सुन उनके भाई कह उठे, “तो क्या तुम हम पर अधिकार करने का विचार कर रहे हो? क्या तुम सच में हम पर अधिकार कर लोगे?” इसके बाद वे योसेफ़ से और ज्यादा नफ़रत करने लगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब उसके भाइयों ने उससे कहा, “क्या सचमुच तू हमारे ऊपर राज्य करेगा? या क्या सचमुच तू हम पर प्रभुता करेगा?” इसलिए वे उसके स्वप्नों और उसकी बातों के कारण उससे और भी अधिक बैर करने लगे। |
उस आशीर्वाद के कारण जिसे उसके पिता ने याकूब को दिया था, एसाव याकूब से घृणा करने लगा। एसाव ने अपने मन में कहा, ‘पिता के मृत्यु-शोक दिवस निकट हैं। उसके बाद मैं अपने भाई की हत्या करूँगा।’
जब यूसुफ के भाइयों ने देखा कि उनके पिता सब भाइयों की अपेक्षा यूसुफ से अधिक प्रेम करते हैं, तब वे उससे घृणा करने लगे! वे उससे शान्ति-पूर्वक बातें भी नहीं करते थे।
यूसुफ ने एक और स्वप्न देखा। उसने अपने भाइयों को स्वप्न बताया। यूसुफ ने कहा, ‘देखो, मैंने आज एक और स्वप्न देखा है: सूर्य, चन्द्रमा और ग्यारह तारे झुककर मेरा अभिवाहन कर रहे हैं।’
तब यहूदा, यूसुफ के निकट आया। उसने कहा, ‘हे मेरे स्वामी, कृपया अपने सेवक को अनुमति दीजिए कि वह आपसे कुछ कह सके। आपके सेवक पर आपका क्रोध न भड़के; क्योंकि आप स्वयं फरओ के सदृश हैं।
तेरे पिता के आशीर्वाद, चिरस्थायी पर्वतों के आशीर्वादों की अपेक्षा, सनातन पहाड़ियों के वरदानों से अधिक महान हो गए हैं। वे यूसुफ के सिर पर ठहरें, उसके ललाट पर ठहरें, जो अपने भाइयों से बिछुड़ गया था।
वह बोला, ‘किसने आपको हमारे ऊपर मुखिया और न्यायाधीश नियुक्त किया है? क्या आप मुझे भी मार डालना चाहते हैं जैसे आपने मिस्र-निवासी को मार डाला था?’ मूसा डर गए। उन्होंने सोचा, ‘निस्संदेह, लोगों पर घटना का भेद खुल गया है।’
“उसके नगर-निवासी उस से बैर करते थे। इसलिए उन्होंने उसके पीछे एक प्रतिनिधि-मण्डल भेजा और यह कहा, ‘हम नहीं चाहते कि यह मनुष्य हम पर राज्य करे।’
उन्होंने यह सुन कर येशु से कहा, “परमेश्वर करे कि ऐसा न हो।” किन्तु येशु ने उन पर आँखें गड़ा कर कहा, “धर्मग्रन्थ के इस कथन का क्या अर्थ है : ‘कारीगरों ने जिस पत्थर को बेकार समझ कर फेंक दिया था, वही कोने की नींव का पत्थर बन गया है’?
“जिन मूसा को लोगों ने यह कहते हुए अस्वीकार किया था कि किसने तुम को हमारा शासक तथा न्यायकर्ता नियुक्त किया है?’ उन्हीं को परमेश्वर ने झाड़ी में दर्शन देने वाले स्वर्गदूत के माध्यम से शासक तथा मुक्तिदाता के रूप में उनके पास भेजा।
यूसुफ को पृथ्वी की श्रेष्ठतम वस्तुएँ और उसकी परिपूर्णता उपलब्ध है, झाड़ी में निवास करनेवाले प्रभु की अनुकम्पा उस पर है। यूसुफ पर, जो अपने भाइयों का मुकुट है, उसके सिर पर इन आशिषों की वर्षा हो।
तो आप लोग विचार करें कि जो व्यक्ति परमेश्वर के पुत्र का तिरस्कार करता है, विधान के उस रक्त को तुच्छ समझता है जिस के द्वारा वह पवित्र किया गया था, और अनुग्रह के आत्मा का अपमान करता है, तो ऐसा व्यक्ति कितने घोर दण्ड के योग्य समझा जायेगा;
परन्तु कुछ बदमाश लोगों ने कहा, ‘यह आदमी किस प्रकार हमें शत्रुओं के हाथ से बचा सकता है?’ अत: उन्होंने शाऊल का तिरस्कार किया, और उसको भेंट नहीं चढ़ाई। किन्तु शाऊल चुप रहा।
जब दाऊद सैनिकों से बात कर रहा था तब उसके बड़े भाई एलीअब ने उसको सुन लिया। उसका क्रोध दाऊद के प्रति भड़क उठा। उसने कहा, ‘तू यहाँ क्यों आया? तूने चन्द भेड़-बकरियों को निर्जन इलाके में किसके पास छोड़ा? मैं तेरी ढिठाई को, तेरे दुष्ट हृदय को जानता हूँ। तू युद्ध देखने के लिए आया है।’
यह गीत सुनकर शाऊल बहुत क्रुद्ध हुआ। यह बात उसकी दृष्टि में बुरी लगी। उसने कहा, ‘ये स्त्रियां दाऊद को लाख शत्रु मारने का श्रेय दे रही हैं; और मुझे केवल हजार शत्रुओं का। अब दाऊद क्या पाने का प्रयत्न करेगा? केवल मेरा राज्य!’