मिस्र के निवासी तुम्हें देखकर कहेंगे, “यह उसकी पत्नी है” , और वे मुझे मार डालेंगे, पर तुम्हें जीवित रहने देंगे।
उत्पत्ति 34:30 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) याकूब ने शिमोन और लेवी से कहा, ‘तुम लोगों ने मुझे इस देश के निवासियों में−कनानी तथा परिज्जी जातियों में, अप्रिय बनाकर आपत्ति मोल ली है। मेरे पास बहुत कम व्यक्ति हैं। यदि वे परस्पर एकत्रित होकर मुझपर आक्रमण करें तो सारे परिवार सहित मैं नष्ट हो जाऊंगा।’ पवित्र बाइबल किन्तु याकूब ने शिमोन और लेवी से कहा, “तुम लोगों ने मुझे बहुत कष्ट दिया है और इस प्रदेश के निवासियों के मन में घृणा उत्पन्न करायी। सभी कनानी और परिजी लोग हमारे विरुद्ध हो जाएँगे। यहाँ हम बहुत थोड़े हैं। यदि इस प्रदेश के लोग हम लोगों के विरुद्ध लड़ने के लिए इकट्ठे होंगे तो मैं नष्ट हो जाऊँगा और हमारे साथ हमारे सभी लोग नष्ट हो जाएंगे।” Hindi Holy Bible तब याकूब ने शिमोन और लेवी से कहा, तुम ने जो उस देश के निवासी कनानियोंऔर परिज्जियों के मन में मेरी ओर घृणा उत्पन्न कराई है, इस से तुम ने मुझे संकट में डाला है, क्योंकि मेरे साथ तो थोड़े की लोग हैं, सो अब वे इकट्ठे हो कर मुझ पर चढ़ेंगे, और मुझे मार डालेंगे, सो मैं अपने घराने समेत सत्यानाश हो जाऊंगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब याक़ूब ने शिमोन और लेवी से कहा, “तुम ने जो इस देश के निवासी कनानियों और परिज्जियों के मन में मेरे प्रति घृणा उत्पन्न कराई है, इस से तुम ने मुझे संकट में डाला है, क्योंकि मेरे साथ तो थोड़े ही लोग हैं; इसलिये अब वे इकट्ठे होकर मुझ पर चढ़ेंगे, और मुझे मार डालेंगे, तो मैं अपने घराने समेत नष्ट हो जाऊँगा।” नवीन हिंदी बाइबल तब याकूब ने शिमोन और लेवी से कहा, “तुमने मुझे इस देश में निवास करनेवाले कनानियों और परिज्जियों के लिए घृणा का पात्र ठहराकर मुझे संकट में डाल दिया है; मेरे साथ तो थोडे़ ही लोग हैं, इसलिए अब वे मेरे विरुद्ध इकट्ठे होकर मुझे मार डालेंगे, और मैं अपने घराने सहित नष्ट हो जाऊँगा।” सरल हिन्दी बाइबल यह सब देख याकोब ने शिमओन तथा लेवी से कहा, “तुमने तो मुझे इन देशवासियों के लिए दुश्मन बनाकर कनानियों एवं परिज्ज़ियों के बीच विपत्ति में डाल दिया है. यदि वे सब एकजुट होकर मुझ पर आक्रमण कर देंगे, तो मैं नष्ट हो जाऊंगा, मैं और मेरा संपूर्ण परिवार, क्योंकि हम गिनती में कम हैं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब याकूब ने शिमोन और लेवी से कहा, “तुम ने जो इस देश के निवासी कनानियों और परिज्जियों के मन में मेरे प्रति घृणा उत्पन्न कराई है, इससे तुम ने मुझे संकट में डाला है, क्योंकि मेरे साथ तो थोड़े ही लोग हैं, इसलिए अब वे इकट्ठे होकर मुझ पर चढ़ेंगे, और मुझे मार डालेंगे, तो मैं अपने घराने समेत सत्यानाश हो जाऊँगा।” |
मिस्र के निवासी तुम्हें देखकर कहेंगे, “यह उसकी पत्नी है” , और वे मुझे मार डालेंगे, पर तुम्हें जीवित रहने देंगे।
मैं तुझसे एक बड़ा राष्ट्र उत्पन्न करूँगा। मैं तुझे आशिष दूँगा, और तेरे नाम को महान बनाऊंगा कि तू मानव-जाति के लिए आशिष का माध्यम बने।
वे चलते-चलते शकेम नामक स्थान पर पहुँचे जहाँ ‘मोरे का पवित्र बांज वृक्ष’ है। उस समय कनानी जाति उस देश में रहती थी।
अब्राम के पशुओं के चरवाहों एवं लोट के पशुओं के चरवाहों के मध्य झगड़े होने लगे। (उस समय उस देश में कनानी और परिज्जी जातियाँ रहती थीं।)
उस देश के शासक का नाम हमोर था और हमोर के पुत्र का नाम शकेम था। वह हिव्वी जाति का था। जब शकेम ने दीना को देखा तब उसे पकड़ लिया। वह उसके साथ सोया और उसका शीलभंग कर दिया।
उनकी धन-सम्पत्ति, उनके बाल-बच्चे, उनकी स्त्रियाँ और जो कुछ उनके घरों में था, सब को लूटकर अपने अधिकार में कर लिया।
परन्तु उन्होंने कहा, ‘क्या शकेम को हमारी बहिन के साथ वेश्या के समान व्यवहार करना चाहिए था?’
याकूब के वंश के समस्त प्राणी, जो उनके साथ मिस्र देश में आए थे, याकूब की बहुओं को छोड़कर, कुल छियासठ व्यक्ति थे।
यूसुफ के पुत्र, जो उसको मिस्र देश में उत्पन्न हुए थे, दो थे। इस प्रकार याकूब के परिवार के समस्त प्राणी, जो मिस्र देश में आए, कुल सत्तर थे।
अम्मोनियों ने देखा कि उन्होंने दाऊद की शत्रुता मोल ले ली है। अत: उन्होंने दूत भेजे और बेत-रहोब और सोबाह राज्यों के बीस हजार सीरियाई सैनिक, माकाह देश के राजा तथा उसके एक हजार सैनिक और टोब राज्य के बारह हजार सैनिक किराए पर बुला लिए।
अहीतोफल ने अबशालोम से कहा, ‘जो रखेल तुम्हारा पिता राजमहल की देख-भाल करने के लिए छोड़ गया है, तुम उनके साथ सहवास करो। यह बात समस्त इस्राएली राष्ट्र सुनेगा कि तुमने अपने पिता की घृणा मोल ले ली। तब तुम्हारे साथियों के हाथ मजबूत होंगे।’
एलियाह ने उत्तर दिया, ‘हाँ, मैं हूं। पर इस्राएल प्रदेश का संकट उत्पन्न करनेवाला मैं नहीं हूं। वरन् तुमने और तुम्हारे पितृ-कुल ने संकट उत्पन्न किया है; क्योंकि तुमने प्रभु की आज्ञाओं को त्याग दिया, और बअल देवता का अनुसरण किया।
उसके अद्भुत कार्यों को, जो उसने किए हैं, उसके चमत्कारों को, उसके मुंह से निकले न्याय-निर्णयों को स्मरण करो,
अम्मोनियों ने देखा कि उन्होंने दाऊद की शत्रुता मोल ली है। अत: हानून और अम्मोनियों ने दूत भेजे। उन्होंने प्राय: पैंतीस हजार किलो चांदी से मसोपोतामिया, अराम-माकाह और सोबाह देशों से रथ और घुड़सवार किराए पर बुलाए।
ये कर्मी के पुत्र थे : आकार − यह इस्राएली राष्ट्र को कष्ट देनेवाला कहलाया। इसने प्रभु को अर्पित की जाने वाली वस्तु के विषय में आज्ञा-उल्लंघन कर अपराध किया था।
इस्राएली मेटों ने उनसे कहा, ‘प्रभु आप के इस काम को देखे और आपको दंड दे। आप लोगों ने फरओ और उसके पदाधिकारियों की दृष्टि में हमें घृणा का पात्र बना दिया है। आपने हमारी हत्या के निमित्त उनके हाथ में तलवार दी है।’
जो मनुष्य दूसरों पर दया करता है, वह स्वयं अपना हित करता है; पर निर्दयी मनुष्य स्वयं अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारता है।
जो मनुष्य अपने परिवार को दु:ख देता है उसकी धन-सम्पत्ति नष्ट हो जाती है, और वह मूर्ख मनुष्य बुद्धिमान का गुलाम बन जाता है।
धन का लोभी मनुष्य, जो अन्याय से धन कमाता है, अपने परिवार को संकट में डालता है; पर घूस से घृणा करनेवाला व्यक्ति जीवित रहेगा।
प्रभु तुम्हें विभिन्न जातियों में तितर-बितर कर देगा। जहां प्रभु तुम्हें ले जाएगा, उन राष्ट्रों के मध्य तुम अल्प संख्या में रह जाओगे।
‘यदि प्रभु ने तेरी कामना की, और तुझे चुना तो इसका कारण यह नहीं है कि तू अन्य जातियों की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली था। तू तो अन्य जातियों में अत्यन्त दुर्बल था।
यहोशुअ ने आकन से कहा, ‘तूने हमें संकट में क्यों डाला था? आज प्रभु भी तुझे संकट में डालेगा।’ तब सब इस्राएलियों ने उसे पत्थरों से मार डाला। उन्होंने उसके परिवार के सदस्यों को पत्थरों से मार डाला और उसकी सम्पत्ति में आग लगा दी।
समस्त इस्राएलियों ने यह सुना: शाऊल ने पलिश्ती प्रशासक को मार डाला, और इस्राएलियों के लिए पलिश्तियों की शत्रुता मोल ली है। अत: लोगों को आह्वान किया गया कि वे शाऊल का अनुसरण करने के लिए गिलगाल में एकत्र हों।
शमूएल ने उत्तर दिया, ‘मैं कैसे जा सकता हूँ? यदि शाऊल यह सुनेगा तो वह मुझे मार डालेगा।’ परन्तु प्रभु ने कहा, ‘तू अपने साथ एक लाल कलोर लेना और यह कहना : “मैं प्रभु को इसकी बलि चढ़ाने के लिए आया हूँ।”
दाऊद ने अपने हृदय में कहा, ‘एक दिन शाऊल के हाथ से मेरा वध अवश्य होगा। इसलिए मेरा हित इस बात में है कि मैं पलिश्ती देश को भाग जाऊं। तब शाऊल इस्राएली राष्ट्र की सीमा के भीतर मेरी खोज करना बन्द कर देगा। मैं उसके हाथ से बच निकलूंगा।’
आकीश ने दाऊद पर भरोसा किया। उसका यह विचार था, ‘दाऊद ने अपने जाति-भाइयों, इस्राएलियों में स्वयं को अत्यन्त अप्रिय बना लिया है। इसलिए अब वह मेरा सेवक सदा बना रहेगा।’