मेरे पास गाय-बैल, गधे, भेड़-बकरियां और सेवक-सेविकाएं हैं। मैंने अपने स्वामी को बताने के लिए यह सन्देश भेजा है जिससे मैं आपकी कृपा-दृष्टि प्राप्त करूं।” ’
उत्पत्ति 33:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एसाव ने पूछा, ‘जो पशुओं के झुण्ड मुझे मार्ग में मिले, उनसे तुम्हारा क्या अभिप्राय है?’ याकूब ने उत्तर दिया, ‘स्वामी की कृपादृष्टि प्राप्त करना।’ पवित्र बाइबल एसाव ने कहा, “मैंने जिन सब लोगों को यहाँ आते समय देखा वे कौन थे? और वे सभी जानवर किस लिए थे?” याकूब ने उत्तर दिया, “वे तुमको मेरी भेंट हैं जिसंसे तुम मुझे स्वीकार कर सको!” Hindi Holy Bible तब उसने पूछा, तेरा यह बड़ा दल जो मुझ को मिला, उसका क्या प्रयोजन है? उसने कहा, यह कि मेरे प्रभु की अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब उसने पूछा, “तेरा यह बड़ा दल जो मुझ को मिला, उसका क्या प्रयोजन है?” उसने कहा, “यह कि मेरे प्रभु की अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो।” नवीन हिंदी बाइबल तब एसाव ने पूछा, “इस बड़े दल से जो मुझे मिला है उससे तेरा क्या उद्देश्य है?” उसने कहा, “यह कि मेरे प्रभु की कृपादृष्टि मुझ पर बनी रहे।” सरल हिन्दी बाइबल एसाव ने याकोब से पूछा, “ये गाय, बैल मुझे क्यों दिया, समझ में नहीं आया.” याकोब बोले, “मेरे अधिपति, मैं इसके द्वारा आपकी दया पाना चाहता हूं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब उसने पूछा, “तेरा यह बड़ा दल जो मुझ को मिला, उसका क्या प्रयोजन है?” उसने कहा, “यह कि मेरे प्रभु की अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर हो।” |
मेरे पास गाय-बैल, गधे, भेड़-बकरियां और सेवक-सेविकाएं हैं। मैंने अपने स्वामी को बताने के लिए यह सन्देश भेजा है जिससे मैं आपकी कृपा-दृष्टि प्राप्त करूं।” ’
दूत याकूब के पास लौट आए। अन्होंने कहा, ‘हम आपके भाई एसाव के पास गए थे। वह आपसे भेंट करने आ रहे हैं। उनके साथ चार सौ पुरुष हैं।
इसी प्रकार लिआ और उसके बच्चे निकट आए। उन्होंने झुककर एसाव का अभिवादन किया। अन्त में राहेल और यूसुफ निकट आए। उन्होंने एसाव का झुककर अभिवादन किया।
जिस समय से पोटीफर ने उसे अपने घर का निरीक्षक बनाया, और उसके हाथ में अपना सब कुछ सौंपा, उस समय से प्रभु ने यूसुफ के कारण उस मिस्र-निवासी के घर को आशिष दी। उसके घर और खेत की प्रत्येक वस्तु पर प्रभु की आशिष होने लगी।
सम्राट ने अन्य स्त्रियों से अधिक एस्तर को प्यार किया; और एस्तर ने सब कन्याओं से अधिक सम्राट की कृपा-दृष्टि प्राप्त की। सम्राट उससे यहाँ तक प्रसन्न हो गया कि उसने उसके सिर पर राजमुकुट पहिना दिया, और उसको वशती के स्थान पर रानी बना दिया।