प्रभु ने उसी दिन अब्राम के साथ विधान का संबंध स्थापित किया। उसने कहा, ‘मैं तेरे वंश को यह देश, अर्थात् मिस्र देश की नदी से महानदी फरात तक की भूमि देता हूं,
उत्पत्ति 31:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु वह अपना सब कुछ लेकर भाग गया। उसने फरात नदी पार की और वह गिलआद के पहाड़ी प्रदेश की ओर चल पड़ा। पवित्र बाइबल याकूब ने अपने परिवार और अपनी सभी चीजों को लिया तथा शीघ्रता से चल पड़ा। उन्होंने फरात नदी को पार किया और गिलाद पहाड़ की ओर यात्रा की। Hindi Holy Bible वह अपना सब कुछ ले कर भागा: और महानद के पार उतर कर अपना मुंह गिलाद के पहाड़ी देश की ओर किया॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह अपना सब कुछ लेकर भागा, और महानद के पार उतरकर अपना मुँह गिलाद के पहाड़ी देश की ओर किया। नवीन हिंदी बाइबल वह अपना सब कुछ लेकर भागा, और फरात महानदी को पार करके गिलाद के पहाड़ी देश की ओर चल दिया। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये याकोब अपनी समस्त संपत्ति को लेकर पलायन कर गए. उन्होंने फरात नदी पार की और पर्वतीय प्रदेश गिलआद की दिशा में आगे बढ़ गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह अपना सब कुछ लेकर भागा, और महानद के पार उतरकर अपना मुँह गिलाद के पहाड़ी देश की ओर किया। |
प्रभु ने उसी दिन अब्राम के साथ विधान का संबंध स्थापित किया। उसने कहा, ‘मैं तेरे वंश को यह देश, अर्थात् मिस्र देश की नदी से महानदी फरात तक की भूमि देता हूं,
तीसरी नदी का नाम दजला है, जो असीरिया देश की पूर्व दिशा में बहती है। चौथी नदी का नाम फरात है।
इस प्रकार याकूब ने चतुराई से अराम वंशीय लाबान को पराजित किया। उसने लाबान पर प्रकट नहीं किया कि वह भागनेवाला है।
तब उसने अपने साथ कुटुम्बियों को लेकर याकूब का सात दिन तक पीछा किया और गिलआद के पहाड़ी प्रदेश में उसके पीछे-पीछे चला।
वे रोटी खाने बैठे। जब उन्होंने अपनी आँखें ऊपर उठाईं तब उन्हें यिश्माएलियों का एक कारवां दिखाई दिया, जो गिलआद की ओर से आ रहा था। वे अपने ऊंटों पर गोंद, बलसान और गन्धरस लादे हुए मिस्र देश जा रहे थे।
याकूब† ने अपने आगे यहूदा को यूसुफ के पास भेजा कि वह उनसे मिलने को गोशेन प्रदेश में आए। तत्पश्चात् उन्होंने गोशेन प्रदेश में प्रवेश किया।
वहाँ से वे गिलआद नगर तथा हित्ती राज्य के कादेश नगर में आए। तत्पश्चात् वे दान नगर में आए। वे दान से आगे बढ़े और चक्कर लगाते हुए सीदोन राज्य की ओर गए।
गिलआद प्रदेश में तिश्बे नामक एक नगर था। इस नगर के रहनेवाले एलियाह ने अहाब से कहा, ‘जिस इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर के सम्मुख मैं सेवारत रहता हूं, उस जीवंत प्रभु की सौगन्ध! जब तक मैं नहीं कहूंगा, तब तक इन वर्षों में न ओस गिरेगी और न वर्षा होगी।’
उन्हीं दिनों में सीरिया के राजा हजाएल ने गत नगर पर आक्रमण कर दिया। युद्ध हुआ। उसने गत नगर पर अधिकार कर लिया। उसके बाद वह यरूशलेम पर चढ़ाई करने के लिए उसकी ओर मुड़ा।
वे सियोन की ओर उन्मुख हो, यह पूछेंगे, “सियोन का मार्ग कौन-सा है?” वे परस्पर यह कहेंगे, “आओ, हम प्रभु के साथ शाश्वत विधान स्थापित करें, जो कभी भुलाया न जा सकेगा। आओ, हम प्रभु से मेल-मिलाप कर लें।”
जब बिल्आम ने देखा कि प्रभु की दृष्टि में यह भला है कि इस्राएलियों को आशिष प्राप्त हो, तब वह पहले के समान सगुन विचारने के लिए नहीं गया, वरन् वह निर्जन प्रदेश की ओर मुड़ा।
गाद और रूबेन के वंशजों के पास असंख्य पशु थे। उन्होंने यजेर और गिल्आद के भूमि-भागों को देखा। यह पशुओं के योग्य चरागाह था।
‘उस समय जब हमने इस देश पर अधिकार किया था, तब मैंने रूबेन वंशियों और गाद वंशियों को अरोएर नगर, जो अर्नोन घाटी के छोर पर स्थित है, और नगरों सहित गिलआद का आधा पहाड़ी प्रदेश दिया था।
गिलआद के नेताओं ने परस्पर कहा, ‘कौन पुरुष अम्मोनी जाति से युद्ध करना आरम्भ करेगा? वही पुरुष गिलआद के निवासियों का नेता होगा!’