जो तुझे आशिष देंगे, मैं उनको आशिष दूँगा। परन्तु जो तुझे शाप देगा, उसे मैं शाप दूँगा। पृथ्वी के समस्त कुटुम्ब तेरे द्वारा मुझसे आशिष पाएँगे।’
उत्पत्ति 30:27 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) लाबान ने उससे कहा, ‘यदि तुम मेरा आदर-सम्मान करते हो तो मुझे यह कहने दो। मुझे अनुभव से ज्ञात हुआ कि प्रभु ने तुम्हारे कारण मुझे आशिष दी है। पवित्र बाइबल लाबान ने उससे कहा, “मुझे कुछ कहने दो। मैं अनुभव करता हूँ कि यहोवा ने तुम्हारी वजह से मुझ पर कृपा की है। Hindi Holy Bible लाबान ने उससे कहा, यदि तेरी दृष्टि में मैं ने अनुग्रह पाया है, तो रह जा: क्योंकि मैं ने अनुभव से जान लिया है, कि यहोवा ने तेरे कारण से मुझे आशीष दी है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) लाबान ने उससे कहा, “यदि तेरी दृष्टि में मैं ने अनुग्रह पाया है, तो यहीं रह जा; क्योंकि मैं ने अनुभव से जान लिया है कि यहोवा ने तेरे कारण से मुझे आशीष दी है।” नवीन हिंदी बाइबल इस पर लाबान ने उससे कहा, “यदि मुझ पर तेरी कृपादृष्टि हो तो यहीं रह जा; क्योंकि मैंने अनुभव से जाना है कि तेरे कारण यहोवा ने मुझे आशिष दी है।” सरल हिन्दी बाइबल किंतु लाबान ने कहा, “याहवेह की ओर से मुझे यह मालूम हुआ है, कि मुझे जो आशीष मिली है, वह तुम्हारे ही कारण मिली है. इसलिये तुम मुझसे नाराज नहीं हो, तो मेरे यहां ही रहो.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 लाबान ने उससे कहा, “यदि तेरी दृष्टि में मैंने अनुग्रह पाया है, तो यहीं रह जा; क्योंकि मैंने अनुभव से जान लिया है कि यहोवा ने तेरे कारण से मुझे आशीष दी है।” |
जो तुझे आशिष देंगे, मैं उनको आशिष दूँगा। परन्तु जो तुझे शाप देगा, उसे मैं शाप दूँगा। पृथ्वी के समस्त कुटुम्ब तेरे द्वारा मुझसे आशिष पाएँगे।’
अब्राहम ने कहा, ‘स्वामी, यदि आपकी कृपा-दृष्टि मुझ पर हो, तो आप अपने सेवक के पास से चले न जाइए।
प्रभु ने उसी रात उन्हें दर्शन देकर कहा, ‘मैं तेरे पिता अब्राहम का परमेश्वर हूँ। मत डर, क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ। मैं तुझे आशिष दूँगा, और अपने सेवक अब्राहम के कारण तेरे वंश की संख्या बढ़ाऊंगा।’
मेरे यहाँ आने के पहले आपके पास थोड़ी सम्पत्ति थी, पर अब वह कितनी बढ़ गई! जहाँ-जहाँ मेरे पैर पड़े, प्रभु ने आपको आशिष दी। परन्तु मैं अपनी घर-गृहस्थी के लिए कब कार्य करूँगा?’
एसाव बोला, ‘क्या मैं अपने साथ के कुछ मनुष्य तुम्हारे पास छोड़ जाऊं?’ किन्तु याकूब ने कहा, ‘इसकी क्या आवश्यकता है? मेरे स्वामी की कृपा-दृष्टि मुझपर बनी रहे।’
शकेम ने भी दीना के पिता और भाइयों से कहा, ‘आप लोग मुझपर कृपा-दृष्टि कीजिए। जो कुछ भी आप मुझसे कहेंगे, वह मैं आपको दूँगा।
वे बोले, ‘आपने हमारी जीवन-रक्षा की है। यदि हमारे स्वामी हम पर कृपा दृष्टि बनाए रखें, तो हम फरओ के गुलाम बने रहेंगे।’
प्रभु की मंजूषा गत नगर के निवासी ओबेद-एदोम के घर में तीन महीने तक रही। प्रभु ने ओबेद-एदोम तथा उसके समस्त परिवार को आशिष दी।
हदद ने राजा फरओ की बहुत कृपा-दृष्टि प्राप्त की। उसने हदद का विवाह अपनी पटरानी तहपनेस की बहिन अर्थात् अपनी साली से कर दिया।
हे प्रभु, अपने इस सेवक की प्रार्थना पर, अपने इन सेवकों की विनती पर ध्यान दे; क्योंकि ये प्रसन्नतापूर्वक तेरे नाम की आराधना करते हैं। आज अपने सेवक को सफलता प्रदान कर, ताकि सम्राट अर्तक्षत्र मुझ पर कृपादृष्टि करे।’
तब मैंने सम्राट से यह निवेदन किया, ‘यदि महाराज को यह उचित लगे, और मुझ पर महाराज की कृपा-दृष्टि हो तो आप मुझे अपने पूर्वजों की कबरों के नगर को भेज दें ताकि मैं उसका पुन: निर्माण कर सकूं।’
वह उस वृक्ष के समान है जो नहर के तट पर रोपा गया, जो अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते मुरझाते नहीं। जो कुछ धार्मिक मनुष्य करता है, वह सफल होता है।
मैं अपने इन लोगों को मिस्र निवासियों की कृपा-दृष्टि प्रदान करूंगा। अत: जब तुम प्रस्थान करोगे तब खाली हाथ नहीं जाओगे।
यदि जनसंख्या का दसवां अंश भी शेष रहेगा, तो वह भी नष्ट होगा, जैसे तारपीन अथवा बांज वृक्ष के कट जाने पर उनका ठूंठ शेष रहता है।’ उनका ठूंठ एक पवित्र वंश है।
उनके वंशज राष्ट्रों में विख्यात होंगे; और उनके वंशजों की सन्तान कौमों में प्रसिद्ध होगी। उनको देखनेवाले यह स्वीकार करेंगे कि निस्सन्देह ये वे लोग हैं, जिनको प्रभु ने आशिष दी है।’
प्रभु यों कहता है : ‘जैसे अंगूर के गुच्छे में रस भर आने पर लोग यह कहते हैं : “इसे नष्ट मत करो, क्योंकि यह रसमय है।” वैसे ही मैं अपने सेवकों के कारण उन सब को नष्ट नहीं करूंगा।
उन्होंने प्रभु से कहा, ‘तूने क्यों अपने सेवक के साथ बुरा व्यवहार किया? मैंने क्यों तेरी कृपा-दृष्टि प्राप्त नहीं की? तूने क्यों इन सब लोगों का भार मुझ पर डाला?
यदि तू मुझसे ऐसा व्यवहार करेगा, तो मुझपर कृपा कर, और अविलम्ब मेरा वध कर दे जिससे मुझे अपनी दुर्दशा अपनी आंखों से देखनी न पड़े।’
उसने सब विपत्तियों से उसको छुड़ाया और उसे मिस्र देश के राजा फरओ की दृष्टि में प्रिय तथा बुद्धिमान् बना दिया। फरओ ने यूसुफ को मिस्र का तथा अपने समस्त राजभवन का अधिकारी नियुक्त किया।
रूत ने कहा, ‘मेरे स्वामी, यद्यपि मैं आपकी किसी भी सेविका के बराबर नहीं हूँ तो भी मैंने आपकी कृपा-दृष्टि प्राप्त की। आपने मुझे दिलासा दिया। आपने मुझसे सान्त्वनापूर्ण शब्द कहे।’
शाऊल ने यिशय को दूत के हाथ यह सन्देश भेजा, ‘दाऊद को मेरी सेवा करने दो। उसे मेरी कृपा-दृष्टि प्राप्त है।’