सेवक अपने स्वामी अब्राहम के ऊंटों में से दस ऊंट और सर्वोत्तम भेंट लेकर उन के भाई नाहोर के नगर को चला गया जो उत्तर-मेसोपोतामिया देश में था।
उत्पत्ति 29:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसे मैदान में एक कुआं दिखाई दिया। वहाँ कुएँ के पास भेड़-बकरियों के तीन रेवड़ बैठे थे; क्योंकि कुएँ से ही उन्हें पानी पिलाया जाता था। कुएँ के मुँह पर एक बड़ा पत्थर था। पवित्र बाइबल याकूब ने दृष्टि डाली, उसने मैदान में एक कुआँ देखा। वहाँ कुएँ के पास भेड़ों के तीन रेवड़े पड़े हुई थे। यही वह कुआँ था जहाँ ये भेड़ें पानी पीती थीं। वहाँ एक बड़े शिला से कुएँ का मुँह ढका था। Hindi Holy Bible और उसने दृष्टि करके क्या देखा, कि मैदान में एक कुंआ है, और उसके पास भेड़-बकरियों के तीन झुण्ड बैठे हुए हैं; क्योंकि जो पत्थर उस कुएं के मुंह पर धरा रहता था, जिस में से झुण्डों को जल पिलाया जाता था, वह भारी था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने दृष्टि करके क्या देखा कि मैदान में एक कुआँ है, और उसके पास भेड़–बकरियों के तीन झुण्ड बैठे हुए हैं; क्योंकि जो पत्थर उस कुएँ के मुँह पर धरा रहता था, जिसमें से झुण्डों को जल पिलाया जाता था, वह भारी था। नवीन हिंदी बाइबल जब उसने दृष्टि की तो उसे मैदान में एक कुआँ दिखाई दिया, और देखो, भेड़-बकरियों के तीन झुंड उसके पास बैठे हुए थे; क्योंकि जिस कुएँ में से झुंडों को पानी पिलाया जाता था उसके मुँह पर बड़ा पत्थर धरा रहता था। सरल हिन्दी बाइबल तब उन्हें मैदान में एक कुंआ और भेड़-बकरियों के तीन झुंड बैठे नज़र आये और उन्होंने देखा कि जिस कुएं से भेड़-बकरियों को पानी पिलाते थे उस कुएं पर बड़ा पत्थर रखा हुआ था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उसने दृष्टि करके क्या देखा, कि मैदान में एक कुआँ है, और उसके पास भेड़-बकरियों के तीन झुण्ड बैठे हुए हैं; क्योंकि जो पत्थर उस कुएँ के मुँह पर धरा रहता था, जिसमें से झुण्डों को जल पिलाया जाता था, वह भारी था। |
सेवक अपने स्वामी अब्राहम के ऊंटों में से दस ऊंट और सर्वोत्तम भेंट लेकर उन के भाई नाहोर के नगर को चला गया जो उत्तर-मेसोपोतामिया देश में था।
उसने नगर के द्वार पर पहुंचकर एक कुएं के पास अपने ऊंटों को बैठाया। सन्ध्या का समय था। ऐसे समय स्त्रियां कुएं से पानी भरने निकलती थीं।
जब सब भेड़-बकरियों के रेवड़ वहाँ एकत्र हो जाते, तब चरवाहे उस पत्थर को कुएँ के मुँह से लुढ़काकर भेड़-बकरियों को पानी पिलाते थे। उसके बाद वे उस पत्थर को कुएँ के मुँह पर, उसके स्थान पर, पुन: रख देते थे।
वे न भूखे रहेंगे, और न प्यासे; वे न गर्म रेत से पीड़ित होंगे, और न धूप में उन्हें कष्ट होगा; क्योंकि जिसने उन पर दया की है, और उन्हें छुड़ाया है, वही उनका मार्गदर्शन करेगा। वह उन्हें जल-स्रोतों के पास ले जाएगा।
किन्तु जो मेरा दिया हुआ जल पीता है, उसे फिर कभी प्यास नहीं लगेगी। जो जल मैं उसे प्रदान करूँगा, वह उस में जल-स्रोत बन जाएगा, जो शाश्वत जीवन तक उमड़ता रहेगा।”
वहाँ याकूब का कुआँ है। येशु यात्रा से थक गये थे, इसलिए वह कुएँ के पास यों ही बैठ गये। यह लगभग दोपहर का समय था।
क्योंकि सिहासन के सामने विद्यमान मेमना इनका चरवाहा होगा और इन्हें संजीवन जल के स्रोतों के पास ले जाएगा। और परमेश्वर इनकी आंखों से सब आँसू पोंछ डालेगा।”
पनघट पर पानी भरनेवाली स्त्रियाँ उच्च स्वर में गीत गाती हैं; वे प्रभु की विजय के गीत गाती हैं; इस्राएली ग्रामीणों की विजय के गीत गाती हैं। तब प्रभु के लोग नगर के प्रवेश-द्वारों पर गए।