जब सूर्य अस्त हो रहा था तब अब्राम को गहरी नींद आ गई। सहसा उन पर घोर अन्धकार और आतंक छा गया।
उत्पत्ति 28:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह एक स्थान पर पहुँचा। उसने वहीं रात व्यतीत की; क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था। उसने उस स्थान में पड़े पत्थरों में से एक पत्थर लेकर उसे अपने सिर के नीचे रखा, और वह उसी स्थान पर सो गया। पवित्र बाइबल याकूब के यात्रा करते समय ही सूरज डूब गया था। इसलिए याकूब रात बिताने के लिए एक जगह ठहरने गया। याकूब ने उस जगह एक चट्टान देखी और सोने के लिए इस पर अपना सिर रखा। Hindi Holy Bible और उसने किसी स्थान में पहुंच कर रात वहीं बिताने का विचार किया, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था; सो उसने उस स्थान के पत्थरों में से एक पत्थर ले अपना तकिया बना कर रखा, और उसी स्थान में सो गया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और उसने किसी स्थान में पहुँचकर रात वहीं बिताने का विचार किया, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था; इसलिये उसने उस स्थान के पत्थरों में से एक पत्थर ले अपना तकिया बनाकर रखा, और उसी स्थान में सो गया। नवीन हिंदी बाइबल जब वह किसी स्थान पर पहुँचा तो उसने वहीं रात बिताई, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था। इसलिए उसने उस स्थान से एक पत्थर लिया और उसे अपने सिर के नीचे रखकर वहीं सो गया। सरल हिन्दी बाइबल जब वह एक जगह पहुंचा तब रात को उन्हें वहां रुकना पड़ा, क्योंकि तब तक सूरज ढल चुका था. उन्होंने एक पत्थर अपने सिर के नीचे रखा और लेट गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उसने किसी स्थान में पहुँचकर रात वहीं बिताने का विचार किया, क्योंकि सूर्य अस्त हो गया था; इसलिए उसने उस स्थान के पत्थरों में से एक पत्थर ले अपना तकिया बनाकर रखा, और उसी स्थान में सो गया। |
जब सूर्य अस्त हो रहा था तब अब्राम को गहरी नींद आ गई। सहसा उन पर घोर अन्धकार और आतंक छा गया।
याकूब सबेरे उठा। उसने अपने सिर के नीचे रखे पत्थर को उठाया, और उसको खम्भे के रूप में खड़ा किया। तत्पश्चात् उसके शीर्ष पर तेल उण्डेला।
उसने अपने कुटुम्बियों से कहा, ‘पत्थर के टुकड़े एकत्र करो।’ उन्होंने पत्थरों को एकत्र करके एक ढेर बनाया, और वहाँ उस पर बैठकर भोजन किया।
येशु ने उससे कहा, “लोमड़ियों के लिए माँदें हैं और आकाश के पक्षियों के लिए घोंसले, परन्तु मानव पुत्र के लिए सिर रखने को भी कहीं स्थान नहीं है।”
क्योंकि जिस प्रकार हम प्रचुर मात्रा में मसीह के दु:खभोग के सहभागी हैं, उसी प्रकार मसीह द्वारा हम को प्रचुर मात्रा में सान्त्वना भी मिलती है।