मैं तुम्हें स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु परमेश्वर की शपथ खिलाता हूँ कि तुम मेरे पुत्र के लिए कनानी जाति की कन्याओं में से, जिनके देश में मैं निवास करता हूँ, वधू नहीं लाओगे।
उत्पत्ति 27:46 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) रिबका ने इसहाक से कहा, ‘मैं हित्ती जाति की बहुओं के कारण जीवन से ऊब गई हूँ। यदि याकूब भी इन बहुओं के समान इस देश की किसी हित्ती जाति की कन्या से विवाह कर लेगा तो मुझे अपने जीवन से क्या लाभ? मैं मर जाऊंगी।’ पवित्र बाइबल तब रिबका ने इसहाक से कहा, “तुम्हारे पुत्र एसाव ने हित्ती स्त्रियों से विवाह कर लिया है। मैं इन स्त्रियों से परेशान हूँ क्योंकि ये हमारे लोगों में से नहीं हैं। यदि याकूब भी इन्हीं स्त्रियों में से किसी के साथ विवाह करता है तो मैं मर जाना चाहूँगी।” Hindi Holy Bible फिर रिबका ने इसहाक से कहा, हित्ती लड़कियों के कारण मैं अपने प्राण से घिन करती हूं; सो यदि ऐसी हित्ती लड़कियों में से, जैसी इस देश की लड़कियां हैं, याकूब भी एक को कहीं ब्याह ले, तो मेरे जीवन में क्या लाभ होगा? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर रिबका ने इसहाक से कहा, “हित्ती लड़कियों के कारण मैं अपने प्राण से घिन करती हूँ; इसलिये यदि ऐसी हित्ती लड़कियों में से, जैसी इस देश की लड़कियाँ हैं, याक़ूब भी एक से कहीं विवाह कर ले, तो मेरे जीवन में क्या लाभ होगा?” नवीन हिंदी बाइबल फिर रिबका ने इसहाक से कहा, “इन हित्ती लड़कियों के कारण तो मैं अपने ही जीवन से दुःखी हो गई हूँ; यदि याकूब भी इस देश की किसी लड़की से, अर्थात् किसी हित्ती लड़की से विवाह कर लेता है, तो मेरे जीवन का क्या लाभ?” सरल हिन्दी बाइबल एक दिन रेबेकाह ने यित्सहाक से कहा, “हेथ की इन पुत्रियों ने मेरा जीवन दुःखी कर दिया है. यदि याकोब भी हेथ की पुत्रियों में से किसी को, अपनी पत्नी बना लेगा तो मेरे लिए जीना और मुश्किल हो जाएगा?” इसलिये याकोब को उसके मामा के घर भेज दो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर रिबका ने इसहाक से कहा, “हित्ती लड़कियों के कारण मैं अपने प्राण से घिन करती हूँ; इसलिए यदि ऐसी हित्ती लड़कियों में से, जैसी इस देश की लड़कियाँ हैं, याकूब भी एक को कहीं ब्याह ले, तो मेरे जीवन में क्या लाभ होगा?” |
मैं तुम्हें स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु परमेश्वर की शपथ खिलाता हूँ कि तुम मेरे पुत्र के लिए कनानी जाति की कन्याओं में से, जिनके देश में मैं निवास करता हूँ, वधू नहीं लाओगे।
और स्वयं निर्जन प्रदेश की ओर चले गए। उन्होंने एक दिन का मार्ग पार किया। वह झाऊ वृक्ष के नीचे बैठ गए। उन्होंने प्रभु से अपनी मृत्यु मांगी। उन्होंने कहा, ‘प्रभु, अब बहुत हो गया! तू मेरे प्राण ले ले। मैं अपने पूर्वजों से गया-बीता हूं।’
हे प्रभु, काश! तू मुझे अधोलोक में छिपा लेता; और तब तक मुझे छिपाए रखता, जब तक तेरा क्रोध शान्त न हो जाता। भला होता कि तू मेरे लिए निश्चित समय निर्धारित करता, और मेरी सुधि लेता!
मुझे अपने जीवन से घृणा है; मैं चिरकाल तक जीवित रहना नहीं चाहता। मुझे अकेला छोड़ दे; क्योंकि मेरा जीवन हवा का झोंका है।
इसलिए अब मैं तुझसे यह विनती करता हूं: हे प्रभु, तू मेरा प्राण मुझसे ले ले। मेरे लिए जीवित रहने की अपेक्षा मरना अच्छा है।’
तब परमेश्वर ने योना से पूछा, ‘क्या यह उचित है कि तू अंडी के पेड़ के कारण नाराज हो?’ योना ने उत्तर दिया, ‘मेरा क्रोध उचित है। इसलिए मैं नाराज हूं। मैं मर जाना चाहता हूं।’
यदि तू मुझसे ऐसा व्यवहार करेगा, तो मुझपर कृपा कर, और अविलम्ब मेरा वध कर दे जिससे मुझे अपनी दुर्दशा अपनी आंखों से देखनी न पड़े।’