कदाचित् पिताजी मुझे स्पर्श करें। तब मैं उनकी दृष्टि में उनके अन्धेपन का मजाक उड़ानेवाला ठहरूँगा, और अपने ऊपर उनका आशीर्वाद नहीं, वरन् अभिशाप लाऊंगा।’
उत्पत्ति 27:45 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब तेरे भाई का क्रोध शान्त हो जाएगा, और जो तूने उसके साथ किया है, उसे वह भूल जाएगा तब मैं सेवक भेजकर तुझे वहाँ से बुला लूँगी। मैं एक ही दिन तुम दोनों पुत्रों को क्यों खो दूँ?’ पवित्र बाइबल थोड़े समय बाद तुम्हारा भाई भूल जाएगा कि तुमने उसके साथ क्या किया? तब मैं तुम्हें लौटाने के लिए एक नौकर को भेजूँगी। मैं एक ही दिन दोनों पुत्रों को खोना नहीं चाहती।” Hindi Holy Bible फिर जब तेरे भाई का क्रोध तुझ पर से उतरे, और जो काम तू ने उस से किया है उसको वह भूल जाए; तब मैं तुझे वहां से बुलवा भेजूंगी: ऐसा क्यों हो कि एक ही दिन में मुझे तुम दोनों से रहित होना पड़े? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर जब तेरे भाई का क्रोध तुझ पर से उतरे, और जो काम तू ने उस से किया है उसको वह भूल जाए; तब मैं तुझे वहाँ से बुलवा भेजूँगी। ऐसा क्यों हो कि एक ही दिन में मुझे तुम दोनों से रहित होना पड़े?” नवीन हिंदी बाइबल जब तेरे विरुद्ध तेरे भाई का क्रोध शांत हो जाएगा और जो कुछ तूने उसके साथ किया है वह उसे भूल जाएगा, तब मैं तुझे वहाँ से बुलवा लूँगी। मैं एक ही दिन में तुम दोनों को क्यों खो बैठूँ?” सरल हिन्दी बाइबल जब तुम्हारे भाई का गुस्सा खत्म होगा, और भूल जायेगा कि तुमने उसके साथ क्या किया, तब मैं तुम्हें वहां से बुला लूंगी. मैं एक ही दिन तुम दोनों को क्यों खो दूं?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर जब तेरे भाई का क्रोध तुझ पर से उतरे, और जो काम तूने उससे किया है उसको वह भूल जाए; तब मैं तुझे वहाँ से बुलवा भेजूँगी। ऐसा क्यों हो कि एक ही दिन में मुझे तुम दोनों से वंचित होना पड़े?” |
कदाचित् पिताजी मुझे स्पर्श करें। तब मैं उनकी दृष्टि में उनके अन्धेपन का मजाक उड़ानेवाला ठहरूँगा, और अपने ऊपर उनका आशीर्वाद नहीं, वरन् अभिशाप लाऊंगा।’
याकूब ने अपने पिता को उत्तर दिया, ‘मैं आपका पहिलौठा पुत्र एसाव हूँ। जैसा आपने मुझसे कहा था वैसा ही मैंने किया है। कृपया उठिए और आइए, मेरे शिकार का मांस खाइए जिससे आप अपनी आत्मा से मुझे आशीर्वाद दे सकें।’
द्वीप के निवासी उनके हाथ में साँप लिपटा देख कर आपस में कहने लगे, “निश्चय ही यह व्यक्ति हत्यारा है। यह समुद्र से तो बच गया है, किन्तु ईश्वरीय न्याय ने इसे जीवित नहीं रहने दिया।”