तत्पश्चात् उसका भाई गर्भ से बाहर आया। वह अपने हाथ में एसाव की एड़ी पकड़े हुए था। अत: उसका नाम याकूब रखा गया। जब रिबका ने उनको जन्म दिया तब इसहाक की आयु साठ वर्ष की थी।
उत्पत्ति 27:36 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एसाव ने कहा, ‘उसका नाम याकूब ठीक ही रखा गया था। उसने दो बार मुझे अड़ंगा मारा : पहले तो मेरा ज्येष्ठ पुत्र होने का अधिकार ले लिया, और अब मेरा आशीर्वाद भी छीन लिया।’ एसाव ने पूछा, ‘क्या आपने मेरे लिए कोई आशीर्वाद बचाकर नहीं रखा?’ पवित्र बाइबल एसाव ने कहा, “उसका नाम ही याकूब (चालबाज़) है। यह नाम उसके लिए ठीक ही है। उसका यह नाम बिल्कुल सही रखा गया है वह सचमुच में चालबाज़ है। उसने मुझे दो बार धोखा दिया। वह पहलौठा होने के मेरे अधिकार को ले ही चुका था और अब उसने मेरे हिस्से के आशीर्वाद को भी ले लिया। क्या आपने मेरे लिए कोई आशीर्वाद बचा रखा है?” Hindi Holy Bible उसने कहा, क्या उसका नाम याकूब यथार्थ नहीं रखा गया? उसने मुझे दो बार अड़ंगा मारा, मेरा पहिलौठे का अधिकार तो उसने ले ही लिया था: और अब देख, उसने मेरा आशीर्वाद भी ले लिया है: फिर उसने कहा, क्या तू ने मेरे लिये भी कोई आशीर्वाद नहीं सोच रखा है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने कहा, “क्या उसका नाम याक़ूब यथार्थ नहीं रखा गया? उसने मुझे दो बार अड़ंगा मारा। मेरा पहिलौठे का अधिकार तो उसने ले ही लिया था; और अब देख, उसने मेरा आशीर्वाद भी ले लिया है।” फिर उसने कहा, “क्या तू ने मेरे लिये भी कोई आशीर्वाद नहीं सोच रखा है?” नवीन हिंदी बाइबल एसाव ने कहा, “उसका नाम याकूब ठीक ही रखा गया था। उसने मुझे दो बार धोखा दिया है। मेरे पहलौठे होने का अधिकार तो उसने ले ही लिया था, और देख, अब मेरा आशीर्वाद भी छीन लिया है।” तब उसने पूछा, “क्या तूने मेरे लिए कोई भी आशीर्वाद नहीं रख छोड़ा है?” सरल हिन्दी बाइबल एसाव ने कहा, “उसके लिए याकोब नाम सही नहीं है? दो बार उसने मेरे साथ बुरा किया: पहले उसने मेरे बड़े होने का अधिकार ले लिया और अब मेरी आशीष भी छीन ली!” तब एसाव ने अपने पिता से पूछा, “क्या आपने मेरे लिए एक भी आशीष नहीं बचाई?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने कहा, “क्या उसका नाम याकूब यथार्थ नहीं रखा गया? उसने मुझे दो बार अड़ंगा मारा, मेरा पहलौठे का अधिकार तो उसने ले ही लिया था; और अब देख, उसने मेरा आशीर्वाद भी ले लिया है।” फिर उसने कहा, “क्या तूने मेरे लिये भी कोई आशीर्वाद नहीं सोच रखा है?” |
तत्पश्चात् उसका भाई गर्भ से बाहर आया। वह अपने हाथ में एसाव की एड़ी पकड़े हुए था। अत: उसका नाम याकूब रखा गया। जब रिबका ने उनको जन्म दिया तब इसहाक की आयु साठ वर्ष की थी।
तब वह बोला, ‘अब तेरा नाम याकूब न होगा, वरन् “इस्राएल” होगा; क्योंकि तूने परमेश्वर और मनुष्य से लड़कर विजय प्राप्त की है।’
येशु ने नतनएल को अपने पास आते देखा, तो उसके विषय में कहा, “देखो, यह एक सच्चा इस्राएली है। इस में कोई कपट नहीं।”