मैं तुझसे एक बड़ा राष्ट्र उत्पन्न करूँगा। मैं तुझे आशिष दूँगा, और तेरे नाम को महान बनाऊंगा कि तू मानव-जाति के लिए आशिष का माध्यम बने।
उत्पत्ति 19:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दूत ने लोट से कहा, ‘मैंने इस नगर के विषय में तुम्हारी विनती स्वीकार की। जिस नगर के विषय में तुमने कहा है, उसे मैं नष्ट नहीं करूँगा। पवित्र बाइबल स्वर्गदूत ने लूत से कहा, “ठीक है, मैं तुम्हें ऐसा भी करने दूँगा। मैं उस नगर को नष्ट नहीं करूँगा जिसमें तुम जा रहे हो। Hindi Holy Bible उसने उससे कहा, देख, मैं ने इस विषय में भी तेरी बिनती अंगीकार की है, कि जिस नगर की चर्चा तू ने की है, उसको मैं नाश न करूंगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने उससे कहा, “देख, मैं ने इस विषय में भी तेरी विनती स्वीकार की है, कि जिस नगर की चर्चा तू ने की है, उसको मैं नष्ट न करूँगा। नवीन हिंदी बाइबल उसने उससे कहा, “देख, मैं तेरी यह विनती भी स्वीकार करता हूँ कि जिस नगर की चर्चा तूने की है, मैं उसका नाश न करूँगा। सरल हिन्दी बाइबल उन्होंने लोत से कहा, “चलो, मैं तुम्हारा यह अनुरोध भी मान लेता हूं; मैं इस नगर को, जिसका तुम उल्लेख कर रहे हो, नष्ट नहीं करूंगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने उससे कहा, “देख, मैंने इस विषय में भी तेरी विनती स्वीकार की है, कि जिस नगर की चर्चा तूने की है, उसको मैं नाश न करूँगा। |
मैं तुझसे एक बड़ा राष्ट्र उत्पन्न करूँगा। मैं तुझे आशिष दूँगा, और तेरे नाम को महान बनाऊंगा कि तू मानव-जाति के लिए आशिष का माध्यम बने।
मान ले, वहाँ नगर में पचास धार्मिक हों। तो क्या तू उस स्थान को नष्ट करेगा, और उन पचास धार्मिकों के कारण उसे क्षमा नहीं करेगा, जो उसमें हैं?
देखिए, ऊपर एक नगर है। वह मेरे लिए निकट है। वह कस्बा है। मुझे वहाँ भाग जाने दीजिए। तब मेरे प्राण बच जाएँगे। क्या वह छोटा नगर नहीं है?’
अविलम्ब वहाँ भाग जाओ। जब तक तुम वहाँ नहीं पहुँच जाओगे, मैं कुछ नहीं कर सकता।’ इसलिए उस नगर का नाम सोअर पड़ा।
यदि तू भलाई करे तो क्या मैं तुझे ग्रहण न करूंगा? किन्तु यदि तू भलाई न करे तो देख, तेरे द्वार पर पाप खड़ा है। वह तेरी कामना कर रहा है। तू उसको अपने वश में कर।’
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘जो तूने कहा, वह कार्य भी मैं करूँगा, क्योंकि तूने मेरी कृपा-दृष्टि प्राप्त की है। मैं तुझे नाम से जानता हूँ।’
किन्तु प्रभु इन लोगों के विषय में यों कहता है: ‘उनके पैरों में चक्र है; उन्हें सिर्फ भटकना ही प्रिय लगता है। उन्होंने अपने पैरों को गलत मार्ग पर चलने से नहीं रोका। अत: मैं उनको स्वीकार नहीं करूंगा, मैं उनके दुष्कर्मों को स्मरण रखूंगा, और उनके पापों के लिए उन्हें दण्ड दूंगा।’
यह न तो कुचला हुआ सरकण्डा ही तोड़ेगा। और न बुझता हुआ दीपक ही बुझाएगा, जब तक वह न्याय को विजयी न बनाए।
मैं तुम से कहता हूँ−वह मित्रता के नाते भले ही उठ कर उसे कुछ न दे, किन्तु उसके लज्जा छोड़कर माँगने के कारण वह उठेगा और उसकी आवश्यकता पूरी करेगा।
इसलिए यह आवश्यक था कि वह सभी बातों में अपने भाई-बहिनों† के सदृश बन जायें, जिससे वह परमेश्वर-सम्बन्धी बातों में मनुष्यों के दयालु और विश्वस्त महापुरोहित के रूप में प्रजा के पापों का प्रायश्चित कर सकें।
यह कह कर दाऊद ने उसके हाथ से उपहार ग्रहण किए। ये उपहार वह दाऊद के लिए लाई थी। दाऊद ने उससे कहा, ‘अपने घर सकुशल चली जाओ। मैंने तुम्हारी बात मान ली और तुम्हारा निवेदन स्वीकार कर लिया।’