उत्पत्ति 12:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे चलते-चलते शकेम नामक स्थान पर पहुँचे जहाँ ‘मोरे का पवित्र बांज वृक्ष’ है। उस समय कनानी जाति उस देश में रहती थी। पवित्र बाइबल अब्राम ने कनान देश में शकेम के नगर और मोरे के बड़े पेड़ तक यात्रा की। उस समय कनानी लोग उस देश में रहते थे। Hindi Holy Bible उस देश के बीच से जाते हुए अब्राम शकेम में, जहां मोरे का बांज वृक्ष है, पंहुचा; उस समय उस देश में कनानी लोग रहते थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस देश के बीच से जाते हुए अब्राम शकेम में, जहाँ मोरे का बांज वृक्ष है, पहुँचा। उस समय उस देश में कनानी लोग रहते थे। नवीन हिंदी बाइबल अब्राम कनान देश के शकेम में उस स्थान तक पहुँचा जहाँ मोरे का बांजवृक्ष था। उस समय उस देश में कनानी लोग रहते थे। सरल हिन्दी बाइबल वहां से अब्राम शेकेम में मोरेह के बांज वृक्ष तक पहुंच गए. उस समय उस देश में कनानी लोग रहते थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उस देश के बीच से जाते हुए अब्राम शेकेम में, जहाँ मोरे का बांज वृक्ष है पहुँचा। उस समय उस देश में कनानी लोग रहते थे। |
अब्राम के पशुओं के चरवाहों एवं लोट के पशुओं के चरवाहों के मध्य झगड़े होने लगे। (उस समय उस देश में कनानी और परिज्जी जातियाँ रहती थीं।)
याकूब पद्दन-अराम क्षेत्र से निकलकर कनान देश के शकेम नगर में सकुशल पहुँचा। उसने नगर के सम्मुख पड़ाव डाला।
उस देश के शासक का नाम हमोर था और हमोर के पुत्र का नाम शकेम था। वह हिव्वी जाति का था। जब शकेम ने दीना को देखा तब उसे पकड़ लिया। वह उसके साथ सोया और उसका शीलभंग कर दिया।
याकूब ने शिमोन और लेवी से कहा, ‘तुम लोगों ने मुझे इस देश के निवासियों में−कनानी तथा परिज्जी जातियों में, अप्रिय बनाकर आपत्ति मोल ली है। मेरे पास बहुत कम व्यक्ति हैं। यदि वे परस्पर एकत्रित होकर मुझपर आक्रमण करें तो सारे परिवार सहित मैं नष्ट हो जाऊंगा।’
अन्य जातियों के देवताओं की मूर्तियाँ लोगों के पास थीं। उन्हें उन्होंने याकूब को दे दिया था। उन्होंने अपने कानों के कुण्डल भी सौंप दिए। याकूब ने शकेम नगर के निकट सिन्दूर वृक्ष के नीचे उन्हें गाड़ दिया।
सब इस्राएली कुल के लोग रहबआम को राजा बनाने के लिए शकेम नगर को गए। अत: रहबआम भी शकेम नगर गया।
यारोबआम ने एफ्रइम पहाड़ी पर शकेम नगर को पुन: निर्मित किया और वहाँ रहने लगा। तत्पश्चात् वह वहाँ से निकला। उसने पनूएल नगर का पुन: निर्माण किया।
परमेश्वर ने अपनी पवित्रता में यह कहा है, “मैं प्रसन्न होकर शकेम को विभाजित करूंगा; और सूक्कोत घाटी को नाप दूंगा;
जैसे डाकू-दल मार्ग में घात लगाकर राहगीर की प्रतीक्षा करते हैं, वैसे ही पुरोहित भी दल बनाकर शेकेम नगर के मार्ग पर हत्या करते हैं। वे महापाप करते हैं।
अत: वह सामरी प्रदेश के सुखार नामक नगर पहुँचे। यह नगर उस भूमि के निकट है, जिसे याकूब ने अपने पुत्र यूसुफ को दिया था।
बाद में उनके अवशेष शकेम नगर लाये गये और उस क़बर में रखे गये, जिसे अब्राहम ने शकेम में हमोर के पुत्रों से चाँदी दे कर खरीदा था।
ये पहाड़ जैसा तुम जानते हो, यर्दन नदी के उस पार, पश्चिमी मार्ग पर, कनानी जाति के देश में, जो अराबाह में रहती है, गिलगाल के सम्मुख, “मोरे के बांज वृक्ष” के निकट हैं।
विश्वास के कारण परदेशी की तरह प्रतिज्ञात देश में कुछ समय तक निवास किया। वह इसहाक तथा याकूब के समान, जो उनके साथ एक ही प्रतिज्ञा के उत्तराधिकारी थे, तम्बुओं में रहने लगे।
अत: उन्होंने नफ्ताली के पहाड़ी प्रदेश में गलील के केदश नगर को एफ्रइम के पहाड़ी प्रदेश के शकेम नगर को और यहूदा के पहाड़ी प्रदेश में स्थित किर्यत-अर्बा (अर्थात् हेब्रोन) नगर को शरण-नगर निश्चित किया।
यूसुफ की अस्थियां इस्राएली लोग मिस्र देश से ले आए थे। उनको उन्होंने शकेम नगर के उस भूमि-भाग में गाड़ दिया जो याकूब ने शकेम के पिता हमोर के पुत्रों से चांदी के सौ सिक्कों में खरीदा था। इस भूमि-भाग पर यूसुफ के वंशजों का पैतृक-अधिकार था।
तब यरूब-बअल (अर्थात् गिद्ओन) और उसके साथ के सब लोग सबेरे उठे। उन्होंने हरोद के जलाशय पर पड़ाव डाला। मिद्यानियों का पड़ाव उनके उत्तर में, मोरे पहाड़ी के पास, घाटी में था।
यरूब्बअल का पुत्र अबीमेलक अपने मामाओं के पास शकेम नगर को गया। वह अपने मामाओं तथा नाना के गोत्र के सब लोगों से बोला,