परमेश्वर ने उन्हें यह आशिष दी, ‘फलो-फूलो, और समुद्रों को भर दो। पक्षी भी पृथ्वी में असंख्य हो जाएँ।’
उत्पत्ति 1:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर ने उन्हें यह आशिष दी, ‘फलो-फूलो और पृथ्वी को भर दो, और उसे अपने अधिकार में कर लो। समुद्र के जलचरों, आकाश के पक्षियों और भूमि के समस्त गतिमान जीव-जन्तुओं पर तुम्हारा अधिकार हो।’ पवित्र बाइबल परमेश्वर ने उन्हें आशीष दी। परमेश्वर ने उनसे कहा, “तुम्हारी बहुत सी संताने हों। पृथ्वी को भर दो और उस पर राज करो। समुद्र की मछलियों और आकाश के पक्षियों पर राज करो। हर एक पृथ्वी के जीवजन्तु पर राज करो।” Hindi Holy Bible और परमेश्वर ने उन को आशीष दी: और उन से कहा, फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगने वाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और परमेश्वर ने उनको आशीष दी, और उनसे कहा, “फूलो–फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओं पर अधिकार रखो।” नवीन हिंदी बाइबल और परमेश्वर ने उन्हें आशिष दी, और उनसे कहा, “फूलो-फलो और पृथ्वी में भर जाओ, और उसे अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर चलने-फिरनेवाले सब जीव-जंतुओं पर तुम्हारा अधिकार हो।” सरल हिन्दी बाइबल परमेश्वर ने उन्हें यह आशीष दी, “फूलो फलो और संख्या में बढ़ो और पृथ्वी में भर जाओ और सब पर अधिकार कर लो. सागर की मछलियों, आकाश के पक्षियों व पृथ्वी के सब रेंगनेवाले जीव-जन्तुओं पर तुम्हारा अधिकार हो.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और परमेश्वर ने उनको आशीष दी; और उनसे कहा, “फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओं पर अधिकार रखो।” |
परमेश्वर ने उन्हें यह आशिष दी, ‘फलो-फूलो, और समुद्रों को भर दो। पक्षी भी पृथ्वी में असंख्य हो जाएँ।’
मैं उसको आशिष दूँगा। मैं तुझे उसके माध्यम से एक पुत्र प्रदान करूँगा। मैं उसको आशिष दूँगा और वह राष्ट्रों की माता बनेगी। अनेक राज्यों के राजा उससे जन्म लेंगे’
मैंने यिश्माएल के विषय में तेरी बात सुनी। देख, मैं उसे भी आशिष दूँगा। मैं उसे फलवन्त बनाऊंगा, और उसे अत्यधिक बढ़ा दूँगा। उससे बारह नायक उत्पन्न होंगे। मैं उसे एक महान राष्ट्र बनाऊंगा।
उन्होंने रिबका को आशीर्वाद देते हुए कहा, ‘हे हमारी बहिन, तुम हजारों-लाखों पुत्र-पुत्रियों की माता बनो। तुम्हारे वंशज अपने बैरियों के नगरों पर अधिकार करें।’
प्रभु ने उसी रात उन्हें दर्शन देकर कहा, ‘मैं तेरे पिता अब्राहम का परमेश्वर हूँ। मत डर, क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ। मैं तुझे आशिष दूँगा, और अपने सेवक अब्राहम के कारण तेरे वंश की संख्या बढ़ाऊंगा।’
जब एसाव ने आँखें ऊपर कीं, और स्त्रियों और बच्चों को देखा तब याकूब से पूछा, ‘ये तुम्हारे साथ कौन हैं?’ याकूब बोला, ‘परमेश्वर ने मुझ पर कृपा की और उसने मुझ को ये बच्चे प्रदान किए हैं। ये आपके सेवक के बच्चे हैं।’
तेरे पिता के परमेश्वर के द्वारा, जो तेरी सहायता करेगा, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के द्वारा, जो तुझे ऊपर आकाश की आशिषें नीचे महासागर की आशिषें स्तन और गर्भाशय की आशिषें देगा।
उसने उन्हें नर और नारी के रूप में रचा। जब वे दोनों रचे गए, तब उसने उन्हें ‘मनुष्य-जाति’ कहा और उन्हें आशिष दी।
तेरे साथ जो जीवित प्राणी, अर्थात् पशु-पक्षी, धरती पर रेंगनेवाले जन्तु हैं, उन्हें भी तू जलयान से बाहर निकाल ले जिससे वे पृथ्वी पर झुण्ड के झुण्ड उत्पन्न करें, अत्यन्त फलवन्त हों, और पृथ्वी में भर जाएं।’
परमेश्वर ने नूह और उसके पुत्रों को आशिष दी और उनसे कहा, ‘फलो-फूलो और पृथ्वी में भर जाओ।
यअबेस ने इस्राएली राष्ट्र के परमेश्वर से यह प्रार्थना की, ‘प्रभु, काश! तू मुझे आशिष देता, और मेरी रहने की सीमा को बढ़ाता। तेरा वरद-हस्त मुझ पर होता, तू मुझ को विपत्ति से बचाता, और तब मेरा अनिष्ट न होता!’ परमेश्वर ने उसकी इच्छा को पूरा किया।
जो आशिष प्रभु ने अय्यूब को पहले दी थी, उससे कहीं अधिक अब दी: अय्यूब के पास चौदह हजार भेड़-बकरियाँ, छ: हजार ऊंट, एक हजार जोड़ी बैल, और एक हजार गदहियाँ हो गईं।
आकाश का स्रष्टा (वह परमेश्वर है!), पृथ्वी को आकार देनेवाला और बनानेवाला प्रभु यों कहता है: (उसने ही पृथ्वी को स्थिर किया है, उसने उसको इसलिए नहीं रचा कि वह निर्जन रहे, उसने उसे आबाद करने के लिए बनाया है।) ‘मैं ही प्रभु हूं, मुझे छोड़ दूसरा कोई प्रभु नहीं है।
मैं तुम्हारी ओर उन्मुख होऊंगा। तुम्हें फलवन्त एवं असंख्य बनाऊंगा; और तुम्हारे साथ अपने विधान को सुदृढ़ करूंगा।
जो विवाह का निषेध करते हैं और कुछ भोज्य वस्तुओं से परहेज करने का आदेश देते हैं−यद्यपि परमेश्वर ने उन वस्तुओं की सृष्टि इसलिए की है कि सत्य जानने वाले विश्वासी धन्यवाद देते हुए उन्हें ग्रहण करें।