वह ऊंचे स्थान पर चढ़ गया; और बन्दियों को पकड़कर ले गया; उसने लोगों से, विद्रोहियों से भी, उपहार लिया। प्रभु परमेश्वर वहां निवास करेगा।
इब्रानियों 9:24 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मसीह ने हाथ के बने हुए उस पवित्र-स्थान में प्रवेश नहीं किया, जो वास्तविक “पवित्र-स्थान” का प्रतिरूप मात्र हैं। उन्होंने स्वर्ग में ही प्रवेश किया है, जिससे वह अब हमारी ओर से परमेश्वर के सामने उपस्थित हो सकें। पवित्र बाइबल मसीह ने मनुष्य के हाथों के बने परम पवित्र स्थान में, जो सच्चे परम पवित्र स्थान की एक प्रतिकृति मात्र था, प्रवेश नहीं किया। उसने तो स्वयं स्वर्ग में ही प्रवेश किया ताकि अब वह हमारी ओर से परमेश्वर की उपस्थिति में प्रकट हो। Hindi Holy Bible क्योंकि मसीह ने उस हाथ के बनाए हुए पवित्र स्थान में जो सच्चे पवित्र स्थान का नमूना है, प्रवेश नहीं किया, पर स्वर्ग ही में प्रवेश किया, ताकि हमारे लिये अब परमेश्वर के साम्हने दिखाई दे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि मसीह ने उस हाथ के बनाए हुए पवित्रस्थान में, जो सच्चे पवित्रस्थान का नमूना है, प्रवेश नहीं किया पर स्वर्ग ही में प्रवेश किया, ताकि हमारे लिये अब परमेश्वर के सामने दिखाई दे। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि मसीह ने हाथों से बने उस पवित्र स्थान में, जो सच्चे पवित्र स्थान का प्रतिरूप है, प्रवेश नहीं किया, बल्कि स्वर्ग में ही प्रवेश किया कि अब हमारे लिए परमेश्वर के सामने प्रकट हो। सरल हिन्दी बाइबल मसीह ने जिस पवित्र स्थान में प्रवेश किया, वह मनुष्य के हाथों से बना नहीं था, जो वास्तविक का प्रतिरूप मात्र हो, परंतु स्वर्ग ही में, कि अब हमारे लिए परमेश्वर की उपस्थिति में प्रकट हों. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि मसीह ने उस हाथ के बनाए हुए पवित्रस्थान में जो सच्चे पवित्रस्थान का नमूना है, प्रवेश नहीं किया, पर स्वर्ग ही में प्रवेश किया, ताकि हमारे लिये अब परमेश्वर के सामने दिखाई दे। |
वह ऊंचे स्थान पर चढ़ गया; और बन्दियों को पकड़कर ले गया; उसने लोगों से, विद्रोहियों से भी, उपहार लिया। प्रभु परमेश्वर वहां निवास करेगा।
तू उरावरण के कंधों पर दोनों मणियाँ जड़ देना। ये इस्राएल के पुत्रों की स्मृति-मणि होंगी। हारून अपने कंधों पर उनके नाम प्रभु के सम्मुख स्मृति के लिए धारण करेगा।
इस प्रकार जब हारून प्रभु के सम्मुख इस्राएली समाज के निरन्तर स्मरणार्थ जाएगा, तब वह अपने हृदय पर लटकते निर्णायक उरपट पर खुदे इस्राएल के पुत्रों के नाम धारण करेगा।
तत्पश्चात् उसने मुझे महापुरोहित यहोशुअ को दिखाया। वह प्रभु के दूत के सम्मुख खड़ा था, और शैतान उस पर दोष लगाने के लिए उसकी दाहिनी ओर खड़ा था।
“देखो, इन छोटों में से किसी एक को भी तुच्छ न समझना; क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ − इनके दूत स्वर्ग में निरन्तर मेरे स्वर्गिक पिता के सम्मुख उपस्थित रहते हैं।
“हमने इस व्यक्ति को ऐसा कहते सुना है : ‘मैं हाथ का बनाया हुआ यह मन्दिर ढा दूँगा और तीन दिन में दूसरा खड़ा कर दूँगा, जो हाथ का बनाया हुआ नहीं होगा।’ ”
प्रभु येशु अपने शिष्यों से बातें करने के बाद स्वर्ग में उठा लिये गये और परमेश्वर की दाहिनी ओर विराजमान हो गये।
मैं पिता से निकल कर संसार में आया हूँ। अब मैं फिर संसार को छोड़ कर पिता के पास जा रहा हूँ।”
यह आवश्यक है कि वह उस समय तक स्वर्ग में रहें, जब तक उन समस्त वस्तुओं की पुन: स्थापना न हो जाए, जिनके विषय में परमेश्वर प्राचीन काल से अपने पवित्र नबियों के मुख से बोला है।
जिन्हें परमेश्वर ने चुना है, उन पर कौन अभियोग लगा सकेगा? जिन्हें परमेश्वर ने दोष-मुक्त कर दिया है,
हम जानते हैं कि जब यह तम्बू, पृथ्वी पर हमारा यह घर, गिरा दिया जायेगा तो हमें परमेश्वर द्वारा निर्मित एक निवास मिलेगा। वह एक ऐसा घर है, जो हाथ का बना हुआ नहीं है और अनन्तकाल तक स्वर्ग में बना रहेगा।
यह पुत्र, परमेश्वर की महिमा का प्रतिबिम्ब और उसके तत्व का प्रतिरूप है। यह पुत्र अपने शक्तिशाली शब्द द्वारा समस्त सृष्टि को बनाये रखता है। उसने मनुष्यों को पापों से शुद्ध किया और वह उच्च स्वर्ग में महामहिम परमेश्वर की दाहिनी ओर विराजमान हुआ।
हम अपने विश्वास के प्रवर्तक एवं सिद्धिकर्ता येशु पर दृष्टि रखे रहें, जिन्होंने कलंक की कोई परवाह नहीं की और भविष्य में आनन्द की प्राप्ति के लिए क्रूस का कष्ट सहन किया तथा परमेश्वर के सिंहासन की दाहिनी ओर विराजमान हुए।
हमारे अपने एक महान् महापुरोहित हैं, अर्थात् परमेश्वर-पुत्र येशु जो ऊध्र्वलोक को पार कर चुके हैं। इसलिए हम अपने विश्वास-वचन में सुदृढ़ रहें।
जहाँ येशु हमारे अग्रदूत के रूप में प्रवेश कर चुके हैं; क्योंकि वह मलकीसेदेक के अनुरूप सदा के लिए महापुरोहित बन गये हैं।
उस वास्तविक पवित्र स्थान तथा शिविर के धर्मसेवक हैं जो मनुष्य द्वारा नहीं, बल्कि प्रभु द्वारा संस्थापित है।
यद्यपि वे एक ऐसे आराधना-स्थल में आराधना करते हैं जो स्वर्ग की वास्तविकता की प्रतिकृति और छाया मात्र है। यही कारण है कि जब मूसा शिविर का निर्माण करने वाले थे, तो उन्हें परमेश्वर की ओर से यह आदेश मिला, “देखो, जो नमूना तुम्हें पर्वत पर दिखाया गया, उसी के अनुसार तुम सब कुछ बनाना।”
जो वस्तुएँ स्वर्ग की वस्तुओं की प्रतीक मात्र थीं, यदि उनका शुद्धीकरण इस प्रकार की विधियों द्वारा आवश्यक था, तो स्वयं स्वर्गिक वस्तुओं के लिए एक श्रेष्ठतर बलि-अर्पण आवश्यक ही है।
वह वर्तमान समय का प्रतीक है। वहाँ जो भेंट और बलि चढ़ायी जाती है, वह उपासक के आभ्यन्तर को पूर्णता तक नहीं पहुँचा सकती।
मसीह ने दूतों, अधिकारियों और शक्तियों को अपने अधीन कर स्वर्ग में प्रवेश किया और अब वह परमेश्वर की दाहिनी ओर विराजमान हैं।
तब तक दूसरा स्वर्गदूत, सोने का धूपदान लिये आया, और वेदी के सामने खड़ा हो गया। उसे बहुत-सा धूप दिया गया, जिससे वह उसे सब सन्तों की प्रार्थनाओं के साथ सिंहासन के सामनेवाली स्वर्ण वेदी पर चढ़ाये।