हम जानते हैं कि व्यवस्था आध्यात्मिक है, किन्तु मैं शारीरिक और पाप के हाथ बिका हुआ दास हूँ,
इब्रानियों 7:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो वंश-परम्परा पर आधारित किसी व्यवस्था के आदेशानुसार नहीं, बल्कि अविनाशी जीवन के सामर्थ्य से पुरोहित बन गये हैं। पवित्र बाइबल वह अपनी वंशावली के नियम के आधार पर नहीं, बल्कि एक अमर जीवन की शक्ति के आधार पर याजक बना है। Hindi Holy Bible जो शारीरिक आज्ञा की व्यवस्था के अनुसार नहीं, परअविनाशी जीवन की सामर्थ के अनुसार नियुक्त हो तो हमारा दावा और भी स्पष्टता से प्रगट हो गया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो शारीरिक आज्ञा की व्यवस्था के अनुसार नहीं, पर अविनाशी जीवन की सामर्थ्य के अनुसार नियुक्त हुआ हो। नवीन हिंदी बाइबल जो शारीरिक आज्ञा की व्यवस्था के अनुसार नहीं बल्कि अविनाशी जीवन के सामर्थ्य के अनुसार नियुक्त हुआ है। सरल हिन्दी बाइबल मेलखीज़ेदेक शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति की व्यवस्था के आधार पर नहीं परंतु एक अविनाशी जीवन के सामर्थ्य के आधार पर पुरोहित बने थे इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो शारीरिक आज्ञा की व्यवस्था के अनुसार नहीं, पर अविनाशी जीवन की सामर्थ्य के अनुसार नियुक्त हो। |
हम जानते हैं कि व्यवस्था आध्यात्मिक है, किन्तु मैं शारीरिक और पाप के हाथ बिका हुआ दास हूँ,
किन्तु अब आप परमेश्वर को पहचान चुके हैं या यों कहें कि परमेश्वर ने आप को अपना लिया है, तो आप कैसे फिर उन अशक्त एवं असार तत्वों की शरण ले सकते हैं? क्या आप एक बार फिर उनकी दासता स्वीकार करना चाहते हैं?
उसने हमें दोषी ठहराने वाले दस्तावेज को रद्द कर दिया, जो विधि-नियमों के कारण हमारे विरुद्ध था, और उसे क्रूस पर ठोंक कर उठा दिया है।
यदि आप मसीह के साथ मर कर संसार के तत्वों से मुक्त हो गये हैं, तो आप उसके आदेशों का पालन क्यों करें, मानो आपका जीवन अब तक संसार के अधीन हो?
व्यवस्था भावी कल्याण का वास्तविक रूप नहीं, उसकी छाया मात्र दिखाती है। उसके नियमों के अनुसार प्रतिवर्ष बलि ही बलि चढ़ायी जाती है। व्यवस्था उन बलियों के द्वारा आराधकों को सदा के लिए पूर्णता तक पहुँचाने में असमर्थ है।
यह सब और भी स्पष्ट हो जाता है यदि हम इस पर विचार करें कि एक अन्य पुरोहित प्रकट हुए, जो मलकीसेदेक के सदृश हैं,
उन्हीं के विषय में धर्मग्रन्थ यह साक्षी देता है, “तू मलकीसेदेक के अनुरूप सदा पुरोहित बना रहेगा।”
क्योंकि मसीह की नियुिक्त के समय प्रभु परमेश्वर ने शपथ खायी थी। जैसा कि धर्मग्रन्थ कहता है, “मैंने शपथ ली है और मेरी यह शपथ अपरिवर्तनीय है: तू सदा पुरोहित बना रहेगा।”
व्यवस्था तो दुर्बल मनुष्यों को महापुरोहित नियुक्त करती है, किन्तु व्यवस्था के समाप्त हो जाने के बाद परमेश्वर की शपथ के अनुसार वह पुत्र महापुरोहित नियुक्त किया जाता है, जिसे सदा के लिए पूर्ण सिद्ध बना दिया गया है।
उनके न तो पिता है, न माता और न कोई वंशावली। उनके जीवन का न तो आरम्भ है और न अन्त। वह परमेश्वर के पुत्र के सदृश हैं और वह सदा पुरोहित बने रहते हैं।
तो फिर मसीह का रक्त, जिन्होंने अपने आपको शाश्वत आत्मा के द्वारा निर्दोष बलि के रूप में परमेश्वर को अर्पित किया, हमारे अन्त:करण को मृत कर्मों से क्यों नहीं शुद्ध करेगा और हमें जीवन्त परमेश्वर की सेवा के योग्य क्यों नहीं बनायेगा?
जीवन का स्रोत मैं हूँ। मैं मर गया था और देखो, मैं युगानुयुग तक जीवित रहूँगा। मृत्यु और अधोलोक की कुंजियाँ मेरे पास हैं।