इब्रानियों 3:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसलिए आप पवित्र आत्मा के इस कथन पर ध्यान दें : “यदि तुम ‘आज’ परमेश्वर की वाणी सुनो, पवित्र बाइबल इसलिए पवित्र आत्मा कहता है: Hindi Holy Bible सो जैसा पवित्र आत्मा कहता है, कि यदि आज तुम उसका शब्द सुनो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अत: जैसा पवित्र आत्मा कहता है, “यदि आज तुम उसका शब्द सुनो, नवीन हिंदी बाइबल अतः जैसा पवित्र आत्मा कहता है : यदि आज तुम उसकी आवाज़ सुनो, सरल हिन्दी बाइबल इसलिये ठीक जिस प्रकार पवित्र आत्मा का कहना है: “यदि आज, तुम उनकी आवाज सुनो, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए जैसा पवित्र आत्मा कहता है, “यदि आज तुम उसका शब्द सुनो, |
तुम्हारे हाथ में जो भी काम आए, उसको पूरी शक्ति से करो, क्योंकि अधोलोक में, जहाँ अपनी मृत्यु के बाद तुम जाओगे, न काम है, न विचार। वहाँ न ज्ञान है, न बुद्धि।
मेरी ओर कान दो, और मेरे पास आओ। मेरी बात सुनो, ताकि तुम्हारा प्राण जीवित रहे। तब मैं दाऊद के प्रति अपनी अटूट करुणा के कारण तुम्हारे साथ शाश्वत विधान स्थापित करूंगा।
वह बोल ही रहा था कि उन सब पर एक चमकीला बादल छा गया और उस बादल में से यह वाणी सुनाई पड़ी, “यह मेरा प्रिय पुत्र है। मैं इस पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ। इसकी बात सुनो।”
इस पर येशु ने उनसे कहा, “तब दाऊद आत्मा की प्रेरणा से उन्हें प्रभु क्यों कहते हैं? उनका कथन है :
दाऊद ने स्वयं पवित्र आत्मा की प्रेरणा से कहा, ‘प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा : तुम मेरे सिंहासन की दाहिनी ओर बैठो, जब तक मैं तुम्हारे शत्रुओं को तुम्हारे पैरों तले न डाल दूँ।’
मेरी और भी भेड़ें हैं, जो इस भेड़शाला की नहीं हैं। मुझे उन्हें भी लाना है। वे मेरी आवाज सुनेंगी। तब एक ही झुण्ड होगा और एक ही चरवाहा।
और उसके लिए द्वारपाल फाटक खोल देता है। भेड़ें उसकी आवाज पहचानती हैं। वह नाम ले-ले कर अपनी भेड़ों को बुलाता और बाहर ले जाता है।
“मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : वह समय आ रहा है, वरन् आ ही गया है, जब मृतक परमेश्वर के पुत्र की वाणी सुनेंगे, और जो सुनेंगे, उन्हें जीवन प्राप्त होगा,
“ भाइयो! यह अनिवार्य था कि धर्मग्रन्थ की वह भविष्यवाणी पूरी हो जाये, जो पवित्र आत्मा ने दाऊद के मुख से यूदस [यहूदा] के विषय में की थी। यूदस तो येशु को गिरफ्तार करने वालों का अगुआ बन गया।
जब वे आपस में सहमत नहीं हुए और विदा होने लगे, तो पौलुस ने उन से यह एक बात कही, “पवित्र आत्मा ने नबी यशायाह के मुख से आप लोगों के पूर्वजों से ठीक ही कहा है,
इसके सम्बन्ध में पवित्र आत्मा की साक्षी भी हमारे पास है। क्योंकि धर्मग्रन्थ में प्रभु के इस कथन के पश्चात् कि
जब तक “आज” बना रहता है, आप लोग प्रतिदिन एक दूसरे को प्रोत्साहन देते जायें, जिससे कोई भी पाप के फन्दे में पड़ कर कठोर न बने।
धर्मग्रन्थ कहता है, “यदि तुम आज उसकी वाणी सुनो तो अपना हृदय कठोर न करना, जैसा कि पहले, विद्रोह के समय हुआ था।”
इसलिए परमेश्वर एक दूसरा दिन, अर्थात् “आज” निर्धारित करता है और वह बहुत वर्षों के बाद दाऊद के मुख से उपर्युक्त शब्द कहता है, “यदि तुम ‘आज’ उसकी वाणी सुनो, तो अपना हृदय कठोर न करना।”
इस प्रकार पवित्र आत्मा यह दिखलाना चाहता है कि जब तक शिविर का अगला कक्ष खड़ा है, तब तक परमपवित्र-स्थान का मार्ग खुला नहीं है।
क्योंकि मनुष्य की इच्छा से कभी नबूवत मुखरित नहीं हुई, बल्कि पवित्र आत्मा से प्रेरित हो कर मनुष्य परमेश्वर की ओर से बोले।
मैं द्वार के सामने खड़ा हो कर खटखटाता हूँ। यदि तुम मेरी वाणी सुन कर द्वार खोलोगे, तो मैं तुम्हारे पास भीतर आ कर तुम्हारे साथ भोजन करूँगा और तुम मेरे साथ।