वह चालीस वर्ष तक उस पीढ़ी से घृणा करता रहा। प्रभु ने यह कहा था, ‘ये हृदय के भ्रष्ट लोग हैं, ये मेरे मार्गों को नहीं जानते हैं।’
इब्रानियों 3:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर चालीस वर्षों तक किन लोगों पर अप्रसन्न रहा? निश्चय ही उन लोगों पर, जिन्होंने पाप किया था और जिनके शव निर्जन प्रदेश में पड़े रहे। पवित्र बाइबल वह चालीस वर्षों तक किन पर क्रोधित रहा? क्या उन्हीं पर नहीं जिन्होंने पाप किया था और जिनके शव मरुस्थल में पड़े रहे थे? Hindi Holy Bible और वह चालीस वर्ष तक किन लोगों से रूठा रहा? क्या उन्हीं से नहीं, जिन्हों ने पाप किया, और उन की लोथें जंगल में पड़ी रहीं? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और वह चालीस वर्ष तक किन लोगों से क्रोधित रहा? क्या उन्हीं से नहीं जिन्होंने पाप किया, और उनके शव जंगल में पड़े रहे? नवीन हिंदी बाइबल और परमेश्वर चालीस वर्षों तक किन लोगों से क्रोधित रहा? क्या उनसे नहीं जिन्होंने पाप किया था, और जिनके शव जंगल में पड़े रहे? सरल हिन्दी बाइबल और कौन थे वे, जिनसे वह चालीस वर्ष तक क्रोधित रहे? क्या वे ही नहीं, जिन्होंने पाप किया और जिनके शव बंजर भूमि में पड़े रहे? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और वह चालीस वर्ष तक किन लोगों से क्रोधित रहा? क्या उन्हीं से नहीं, जिन्होंने पाप किया, और उनके शव जंगल में पड़े रहे? (गिन. 14:29) |
वह चालीस वर्ष तक उस पीढ़ी से घृणा करता रहा। प्रभु ने यह कहा था, ‘ये हृदय के भ्रष्ट लोग हैं, ये मेरे मार्गों को नहीं जानते हैं।’
प्रभु यों कहता है, ‘ओ यिर्मयाह, यह कह: युद्ध में मरनेवालों की लाशें ऐसी पड़ी रहेंगी जैसे खेत में खाद का ढेर लगा रहता है, जैसे फसल काटनेवाले के पीछे पूले पड़े रहते हैं! उन लाशों को उठानेवाला नहीं मिलेगा।’
अत: वे सब व्यक्ति जिन्होंने मेरी महिमा के दर्शन किए, मेरे उन अद्भुत कार्यों को देखा जिनको मैंने मिस्र देश तथा निर्जन प्रदेश में किया, फिर भी जिन्होंने दस बार मुझे कसौटी पर कसा और मेरी वाणी नहीं सुनी,
उनसे यह कहना : “प्रभु कहता है : मेरे जीवन की सौगन्ध! जो बात तुमने मुझे सुनाकर कही है, वही मैं तुम्हारे साथ करूँगा।
तुम्हारे शव इस निर्जन प्रदेश में पड़े रहेंगे। तुम्हारे वे सब पुरुष जिनकी गणना की गई थी; जो बीस वर्ष के तथा इससे अधिक आयु के हैं; और जिन्होंने मेरे विरुद्ध बक-बक की है;
वे लोग, कनान देश की बुराई कर, असत्य समाचार लाए थे। अत: वे प्रभु के सम्मुख महामारी से मर गए।
यद्यपि आप लोग यह सब जानते हैं, फिर भी मैं आप को याद दिलाना चाहता हूँ कि प्रभु ने मिस्र देश से इस्राएली प्रजा का अद्वितीय उद्धार करने के बाद भी उन लोगों का विनाश किया, जो विश्वास करने से इनकार करते हैं।