पर नहीं, वे तो एक उत्तम स्वदेश अर्थात् स्वर्ग की खोज में लगे हुए थे; इसलिए परमेश्वर को उन लोगों का परमेश्वर कहलाने में लज्जा नहीं होती। उसने तो उनके लिए एक नगर का निर्माण किया है।
इब्रानियों 11:40 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि परमेश्वर ने हम को दृष्टि में रख कर एक श्रेष्ठतर योजना बनायी थी। वह चाहता था कि वे हमारे साथ ही पूर्णता तक पहुँचें। पवित्र बाइबल परमेश्वर के पास अपनी योजना के अनुसार हमारे लिए कुछ और अधिक उत्तम था जिससे उन्हें भी बस हमारे साथ ही सम्पूर्ण सिद्ध किया जाए। Hindi Holy Bible क्योंकि परमेश्वर ने हमारे लिये पहिले से एक उत्तम बात ठहराई, कि वे हमारे बिना सिद्धता को न पहुंचे॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि परमेश्वर ने हमारे लिये पहले से एक उत्तम बात ठहराई, कि वे हमारे बिना सिद्धता को न पहुँचें। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि परमेश्वर ने हमारे लिए पहले से एक उत्तम बात ठहराई थी कि वे हमारे बिना सिद्धता को प्राप्त न करें। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि उनके लिए परमेश्वर के द्वारा कुछ बेहतर ही निर्धारित था कि हमारे साथ जुड़े बिना उन्हें सिद्धता प्राप्त न हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि परमेश्वर ने हमारे लिये पहले से एक उत्तम बात ठहराई, कि वे हमारे बिना सिद्धता को न पहुँचें। |
पर नहीं, वे तो एक उत्तम स्वदेश अर्थात् स्वर्ग की खोज में लगे हुए थे; इसलिए परमेश्वर को उन लोगों का परमेश्वर कहलाने में लज्जा नहीं होती। उसने तो उनके लिए एक नगर का निर्माण किया है।
वह पूर्ण रूप से सिद्ध बन कर और परमेश्वर से मलकीसेदेक के अनुरूप महापुरोहित की उपाधि प्राप्त कर उन सब के शाश्वत मुक्ति के स्रोत बन गये, जो उनकी आज्ञाओं का पालन करते हैं।
क्योंकि व्यवस्था कुछ भी पूर्णता तक नहीं पहुँचा सकी। हमें इस से श्रेष्ठ आशा प्रदान की गयी है और इसके माध्यम से हम परमेश्वर के निकट पहुँचते हैं।
इस प्रकार, हम देखते हैं कि येशु जिस विधान का उत्तरदायित्व लेते हैं, वह कहीं अधिक श्रेष्ठ है।
अब, जो धर्मसेवा मसीह को मिली है, वह कहीं अधिक ऊंची है; क्योंकि वह एक ऐसे विधान के मध्यस्थ हैं, जो श्रेष्ठतर है और श्रेष्ठतर प्रतिज्ञाओं पर आधारित है।
जो वस्तुएँ स्वर्ग की वस्तुओं की प्रतीक मात्र थीं, यदि उनका शुद्धीकरण इस प्रकार की विधियों द्वारा आवश्यक था, तो स्वयं स्वर्गिक वस्तुओं के लिए एक श्रेष्ठतर बलि-अर्पण आवश्यक ही है।
उन में प्रत्येक को एक उजला वस्त्र दिया गया और उन से थोड़ा समय और धैर्य रखने को कहा गया, जब तक उनके साथी-सेवकों एवं भाई-बहिनों की संख्या पूरी न हो जाए, जो उनके समान मारे जानेवाले थे।