इब्रानियों 10:39 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हम उन लोगों में से नहीं हैं, जो हटने के कारण नष्ट हो जाते हैं, बल्कि हम उन लोगों में से हैं, जो अपने विश्वास द्वारा जीवन प्राप्त करते हैं। पवित्र बाइबल किन्तु हम उनमें से नहीं हैं जो पीछे हटते हैं और नष्ट हो जाते हैं बल्कि उनमें से हैं जो विश्वास करते हैं और उद्धार पाते हैं। Hindi Holy Bible पर हम हटने वाले नहीं, कि नाश हो जाएं पर विश्वास करने वाले हैं, कि प्राणों को बचाएं॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पर हम हटनेवाले नहीं कि नाश हो जाएँ पर विश्वास करनेवाले हैं कि प्राणों को बचाएँ। नवीन हिंदी बाइबल परंतु हम पीछे हटनेवालों में से नहीं कि नाश हो जाएँ, बल्कि विश्वास करनेवाले हैं कि अपने प्राणों को बचाएँ। सरल हिन्दी बाइबल हम उनमें से नहीं हैं, जो पीछे हटकर नाश हो जाते हैं परंतु हम उनमें से हैं, जिनमें वह आत्मा का रक्षक विश्वास छिपा है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पर हम हटनेवाले नहीं, कि नाश हो जाएँ पर विश्वास करनेवाले हैं, कि प्राणों को बचाएँ। |
अज्ञानी मार्ग से भटक जाते हैं, और उनका भटकना मृत्यु का कारण बनता है; मूर्खों का आत्म-सन्तोष उनके विनाश का कारण होता है।
कुटिल मनुष्य को अपने दुराचरण का फल निस्सन्देह भोगना पड़ता है; पर सज्जन को उसके सत्कर्मों का पुरस्कार मिलता है
जो विश्वास करेगा और बपतिस्मा ग्रहण करेगा, वह बचाया जाएगा। जो विश्वास नहीं करेगा, वह दोषी ठहराया जाएगा।
तब वह जाकर अपने से भी अधिक बुरी सात आत्माओं को ले आती है और वे उस घर में प्रवेश कर वहीं बस जाती हैं। इस प्रकार उस मनुष्य की यह पिछली दशा पहली से भी अधिक बुरी हो जाती है।”
जब तक मैं उनके साथ रहा, तेरे उस नाम में, जो तूने मुझे दिया है, मैंने उनकी रक्षा की। विनाश के पुत्र को छोड़कर उन में कोई भी नष्ट नहीं हुआ, जिससे धर्मग्रन्थ का लेख पूरा हो।
किन्तु इनका विवरण इसलिए दिया गया है, जिससे आप विश्वास करें कि येशु ही मसीह, परमेश्वर के पुत्र हैं और अपने इस विश्वास के द्वारा उनके नाम से जीवन प्राप्त करें।
“मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : जो मेरा वचन सुनता और जिसने मुझे भेजा, उस में विश्वास करता है, उसे शाश्वत जीवन प्राप्त है। वह दोषी नहीं ठहराया जाएगा। वह तो मृत्यु को पार कर जीवन में प्रवेश कर चुका है।
मेरे पिता की इच्छा यह है कि जो पुत्र को देखे और उस में विश्वास करे, उसे शाश्वत जीवन प्राप्त हो। मैं उसे अन्तिम दिन पुनर्जीवित कर दूँगा।”
परमेश्वर यह नहीं चाहता कि हम उसके कोपभाजन बनें, बल्कि अपने प्रभु येशु मसीह के द्वारा मुक्ति प्राप्त करें।
कोई आप लोगों को किसी भी तरह न बहकाये। वह दिन तब तक नहीं आ सकता जब तक पहले धर्म-विद्रोह न हो जाये और वह “अधर्म-पुरुष” प्रकट न हो, जिसका विनाश अनिवार्य है।
जो लोग धन बटोरना चाहते हैं और ऐसी मूर्खतापूर्ण तथा हानिकर वासनाओं के शिकार बनते हैं, जो मनुष्यों को पतन और विनाश के गर्त्त में ढकेल देती हैं;
क्योंकि सत्य का ज्ञान प्राप्त करने के बाद भी यदि हम जान-बूझ कर पाप करते रहते हैं, तो पापों के लिए कोई बलि शेष नहीं रह जाती,
मेरा धार्मिकजन विश्वास के द्वारा जीवन प्राप्त करेगा; किन्तु यदि कोई पीछे हटे, तो मैं उस पर प्रसन्न नहीं होऊंगा।”
विश्वास उन बातों का पक्का निश्चय है, जिनकी हम आशा करते हैं और उन वस्तुओं के अस्तित्व के विषय में दृढ़ धारणा है, जिन्हें हम नहीं देखते।
आपके विश्वास के कारण परमेश्वर का सामर्थ्य आप को उस मुक्ति के लिए सुरक्षित रखता है, जो अभी से प्रस्तुत है और समय के अन्त में प्रकट होने वाली है।
परमेश्वर के शब्द ने वर्तमान आकाश और पृथ्वी को आग के लिए रख छोड़ा है। उन्हें न्याय-दिवस तक के लिए रख छोड़ा गया है। उस दिन विधर्मी मनुष्यों का विनाश किया जायेगा।
यदि कोई अपने भाई अथवा बहिन को ऐसा पाप करते देखता है जो प्राणघातक न हो, तो वह उसके लिए प्रार्थना करे और परमेश्वर उसका जीवन सुरक्षित रखेगा। यह उन लोगों पर लागू है जिनका पाप प्राणघातक नहीं है; क्योंकि एक पाप ऐसा भी होता है जो प्राणघातक है। उसके विषय में मैं नहीं कहता कि प्रार्थना करनी चाहिए।
संसार का विजेता कौन है? केवल वही जो यह विश्वास करता है कि येशु परमेश्वर के पुत्र हैं।
वह पशु, जो पहले था और अब नहीं है, आठवाँ है; लेकिन वह वास्तव में सात राजाओं में से एक है और उसका सर्वनाश हो जायेगा।
“आपने जिस पशु को देखा, जो था और अब नहीं है, वह अगाध गर्त्त में से ऊपर आयेगा और उसका सर्वनाश हो जायेगा। पृथ्वी के वे निवासी, जिनके नाम संसार के प्रारम्भ से जीवन-ग्रन्थ में अंकित नहीं हैं, पशु को देख कर अचम्भे में पड़ जायेंगे, क्योंकि वह था और अब नहीं है और फिर आगे आने वाला है।
‘मुझे दु:ख है कि मैंने शाऊल को राजा बनाया; क्योंकि उसने मेरा अनुसरण करने से मुँह मोड़ लिया है। उसने मेरे वचनों के अनुसार कार्य नहीं किया है।’ शमूएल क्रुद्ध हुआ। वह रात भर प्रभु की दुहाई देता रहा।